बबली और पंडित की चुदाई – 2

Desi Sex Katha 2
(बबली और पंडित की चुदाई – 2)

आपने अब तक पढ़ा था कि पंडित जी बबली की जवानी को भोगने के चक्कर में उसको पूजा करवाने के लिए फंसा चुके थे वे दोनों पूजा करने के लिए चौकड़ी मार कर बैठे थे अब आगे desi sex katha

पंडित पुत्री यह नारियल अपनी झोली में रख लो इसे तुम परसाद समझो तुम दोनों हाथ सिर के ऊपर से जोड़ कर शिव का ध्यान करो बबली सिर के ऊपर से हाथ जोड़ के बैठी थी पंडित उसकी झोली में फल डालता रहा बबली की इस पोजीशन में उसके चूचे और नंगा पेट पंडित के लंड को सख्त कर रहे थे

बबली की नाभि भी पंडित को साफ दिख रही थी पंडित बबली पुत्री यह मौली तुम्हें अपने पेट पर बांधनी है वेदों के अनुसार इसे पंडित को बांधना चाहिए लेकिन यदि तुम्हें इसमें लज्जा की वजह से कोई आपत्ति हो तो तुम खुद बांध लो परन्तु विधि तो यही है कि इसे पंडित बांधे क्योंकि पंडित के हाथ शुद्ध होते है आगे जैसे तुम्हारी इच्छा

बबली पंडित जी वेदों का पालन करना मेरा धर्म है जैसा वेदों में लिखा है आप वैसा ही कीजिए पंडित मौली बांधने से पहले गंगाजल से वो जगह साफ करनी होती है पंडित ने बबली के पेट पे गंगाजल छिड़का और उसका नंगा पेट गंगाजल से धोने लगा बबली के पेट की स्किन अन्य औरतों के बनिस्बत बहुत कोमल थी desi sex katha

पंडित उसके पेट को रगड़ रहा था फिर उसने तौलिए से बबली का पेट पोंछ कर सुखाया बबली के हाथ सिर के ऊपर थे पंडित बबली के सामने बैठ कर उसके पेट पे मौली बांधने लगा पहली बार पंडित ने बबली के नंगे पेट को छुआ गांठ बांधते समय पंडित ने अपनी उंगली बबली की नाभि पर रखी

अब पंडित ने उंगली पे लाल रंग की रोली लेकर बबली के पेट टीका जैसा लगाया पंडित बबली शिव को पार्वती के देह पर चित्रकारी करने में आनन्द आता है यह कह कर पंडित बबली के पेट पर गोल टीका बढ़ा करते हुए लगाने लगा फिर उसने बबली के पेट पर त्रिशूल बनाया

बबली की नाभि पर आ कर पंडित रुक गया अब पंडित अपनी उंगली बबली की नाभि में घुमाने लगा वो बबली की नाभि में टीका लगा रहा था बबली के दोनों हाथ ऊपर थे वह भोली थी और इन सब चीजों को धर्म समझ रही थी लेकिन यह सब उसे भी कुछ कुछ अच्छा लग रहा था desi sex katha

फिर पंडित घूम कर बबली के पीछे आया उसने बबली की पीठ पर गंगाजल छिड़का और हाथ से उसकी पीठ पर गंगाजल लगाने लगा पंडित गंगाजल से तुम्हारी देह और शुद्ध हो जाएगी क्योंकि गंगा शिव की जटाओं से निकल रही है इस लिए गंगाजल लगाने से शिव प्रसन्न होते हैं बबली के ब्लाउज के हुक्स नहीं थे

पंडित ने खुले हुए ब्लाउज को और साइड में कर दिया बबली की आलमोस्ट सारी पीठ नंगी हो गई पंडित उसकी नंगी पीठ पर गंगाजल डाल कर रगड़ रहा था वो उसकी नंगी पीठ अपने हाथों से धो रहा था बबली की नंगी पीठ को छूकर पंडित का लंड एकदम टाईट हो गया था

पंडित तुम्हारी राशी क्या है? बबली कुम्भ पंडित मैं टीके से तुम्हारी पीठ पर तुम्हारी राशी लिख रहा हूं गंगाजल से शुद्ध हुई तुम्हारी पीठ पर तुम्हारी राशी लिखने से तुम्हारे ग्रहों की दशा लाभदायक हो जाएगी पंडित ने बबली की नंगी पीठ पर टीके से कुम्भ की जगह लंड लिखा desi sex katha

फिर पंडित बबली के पैरों के पास आया पंडित अब अपने चरण सामने करो बबली ने पैर सामने कर दिए पंडित ने उसका पेटीकोट थोड़ा ऊपर चढ़ाया उसकी टांगों पर गंगाजल छिड़का और उसकी टांगें अपने हाथों से रगड़ने लगा पंडित हमारे चरण बहुत सी अपवित्र जगहों पर पड़ते है

गंगाजल से धोने के पश्चात अपवित्र जगहों का हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता तुम शिव का ध्यान करती रहो बबली जी पंडित जी पंडित बबली यदि तुम्हें यह सब करने में लज्जा आ रही हो तो ये तुम खुद कर लो परन्तु वेदों के अनुसार यह कार्य पंडित को ही करना चाहिए

बबली नहीं पंडित जी यदि हम वेदों के अनुसार नहीं चले तो शिव कभी प्रसन्न नही होंगे और भगवान के कार्य में लज्जा कैसी बबली अंधविश्वासी थी पंडित ने बबली का पेटीकोट घुटनों के ऊपर चढ़ा दिया अब बबली की टांगें जांघों तक नंगी थी desi sex katha

पंडित ने उसकी जांघों पर गंगाजल लगाया और उसकी जांघें हाथों से धोने लगा बबली ने शर्म से अपनी टांगें जोड़ रखी थीं तो पंडित ने कहा पंडित बबली अपनी टांगें खोलो बबली ने धीरे धीरे अपनी टांगें खोल दी अब बबली पंडित के सामने टांगें खोल कर बैठी थी

उसकी ब्लैक कच्छी पंडित को साफ दिख रही थी पंडित ने बबली की जांघों को अन्दर तक छुआ और उन्हें गंगाजल से रगड़ने लगा इस वक्त पंडित के हाथ बबली की चूत के नजदीक थे कुछ देर बबली की पूरी जांघों को धोने के बाद अब वो उस जगह तौलिए से रगड़ कर सुखाने लगा

फिर उसने उंगली में टीका लगाने के लिए रोली ली और बबली की जांघों के अन्दर तक चूत के नजदीक पे लगाने लगा बबली शरमाते हुए बोली पंडित जी यहां भी टीका लगाना होता है? वो जरा असहज महसूस कर रही थी पंडित हां यहां देवलिंग बनाना होता है desi sex katha

बबली टांगें खोल कर बैठी थी और पंडित उसकी अंदरूनी जांघों पर उंगलियों से देवलिंग बना रहा था पंडित बबली लज्जा ना करना बबली नहीं पंडित जी जैसे उंगली से माथे पर टीका लगाते है पंडित कच्छी के ऊपर से ही बबली की चूत पे भी टीका लगाने लगा

बबली शर्म से लाल हो रही थी लेकिन गरम भी हो रही थी पंडित टीका लगाने के बहाने 5-6 सेकंड तक कच्छी के ऊपर से बबली की चूत रगड़ता रहा चूत से हाथ हटाने के बाद पंडित बोला पंडित विधि के अनुसार मुझे भी गंगाजल लगाना होगा

अब तुम इस गंगाजल को मेरी छाती पर लगाओ पंडित लेट गया बबली जी पंडित जी पंडित ने छाती शेव कर रखी थी और पेट भी उसकी छाती और पेट बिल्कुल सफाचट चिकने और कोमल थे बबली गंगाजल से पंडित की छाती और पेट रगड़ने लगी बबली को अन्दर ही अन्दर पंडित का बदन आकर्षित कर रहा था desi sex katha

उसकी चूत पर पंडित की उंगली की रगड़न का अहसास अभी तक हो रहा था उसके मन में आया कि पंडित का बदन कितना कोमल और चिकना है ऐसे ख्याल बबली के मन में पहले कभी नहीं आए थे पंडित अब तुम मेरी छाती पर टीके से गणेश बना दो गणेश इस प्रकार बनना चाहिये कि मेरे ये दोनों निप्पलों गणेश के ऊपर के दोनों आंखों के बिंदु हों निप्पलों का नाम सुन कर बबली शरमा गई

बबली ने गणेश बनाया लेकिन उसने टीके से सिर्फ गणेश के नीचे के दो खानों की बिंदूए ही बनाई पंडित बबली गणेश में चार बिंदु डालते है बबली पंडित जी लेकिन ऊपर की दो बिंदू तो पहले से ही बनी हुई है? पंडित परन्तु टीका उन पर भी लगेगा बबली पंडित के निप्पलों पर टीका लगाने लगी

पंडित मानव की नाभि उसकी ऊर्जा का स्त्रोत होती है यहां नाभि पर भी टीका लगाओ बबली जो आज्ञा पंडित जी बबली ने उंगली में टीका लगाया पंडित की नाभि में उंगली डाली और टीका लगाने लगी पंडित ने बबली को आकर्षित करने के लिए अपना पेट और छाती शेव करने के साथ साथ अपनी नाभि में थोड़ी क्रीम भी लगाई थी desi sex katha

इस लिए उसकी नाभि चिकनी हो गई थी बबली सोच रही थी कि इतनी चिकनी नाभि तो उसकी खुद की भी नहीं है बबली पंडित के बदन की तरफ खिंची चली जा रही थी ऐसे विचार उसके मन में पहले कभी नहीं आए थे

बबली ने पंडित की नाभि में से अपनी उंगली निकाली पंडित ने अपने थैले से एक लंड के आकार की लकड़ी निकाली लकड़ी बिल्कुल चिकनी थी करीब 5 इंच लम्बी और 1 इंच मोटी थी लकड़ी के अंत में एक छेद था

पंडित ने उस छेद में डाल कर मौली बांधी पंडित यह लो यह देवलिंग है बबली ने देवलिंग को प्रणाम किया पंडित इस देवलिंग को अपनी कमर में बांध लो यह हमेशा तुम्हारे सामने तुम्हारे पेट के नीचे आना चाहिए desi sex katha

बबली पंडित जी इससे क्या होगा? पंडित इससे शिव तुम्हारे साथ रहेगा यदि किसी और ने इसे देख लिया तो शिव कुपित हो जाएगा यह किसी को दिखाना या बताना नही है और तुम्हें हर समय ये बांधे रखना है सोते समय भी बबली जैसा आप कहें पंडित जी पंडित लाओ मैं बांध दूं दोनों खड़े हो गए

पंडित ने वो देवलिंग बबली की कमर में डाला और उसके पीछे आकर मौली की गांठ बांधने लगा इस वक्त उसके हाथ बबली की नंगी कमर को छू रहे थे गांठ लगाने के बाद पंडित बोला पंडित अब इस देवलिंग को अन्दर डाल लो बबली ने देवलिंग को अपने पेटीकोट के अन्दर कर लिया देवलिंग बबली की टांगों के बीच में आ रहा था

पंडित बस अब तुम वस्त्र बदल कर घर जा सकती हो जो टीका मैंने लगाया है उसे ना हटाना चाहे तो घर जा कर साड़ी उतार कर सलवार कमीज पहन लेना जिससे की तुम्हारी देह पर लगा टीका किसी को दिखे ना desi sex katha

बबली परन्तु स्नान करते समय तो टीका हट जायेगा? पंडित उसकी कोई बात नहीं बबली कपड़े बदल कर अपने घर आ गई उसने टांगों के बीच देवलिंग पहन रखा था पूरे दिन वह टांगों के बीच देवलिंग लेकर चलती फिरती रही देवलिंग उसकी टांगों के बीच हिलता रहा

उसकी चुत के पास की स्किन को टच करता रहा रात को सोते वक्त बबली कच्छी नहीं पहनती थी जब रात को बबली सोने के लिए लेटी हुई थी तो देवलिंग बबली की चूत के सीधे सम्पर्क में था बबली देवलिंग को दोनों टांगें टाईटली जोड़ कर दबाने लगी ऐसा करने से उसे अच्छा लग रहा था

उसे इस वक्त अपने पति के लिंग की भी याद आ रही थी उसने सलवार का नाड़ा खोला देवलिंग को हाथ में लिया और देवलिंग को हल्के हल्के से अपनी चूत पर दबाने लगी फिर देवलिंग को अपनी चूत पे रगड़ने लगी वह गरम हो रही थी desi sex katha

तभी उसे ख्याल आया कि बबली यह तू क्या कर रही है देवलिंग के साथ ऐसा करना बहुत पाप है यह सोच कर बबली ने देवलिंग से हाथ हटा लिया सलवार का नाड़ा बांधा और सोने की कोशिश करने लगी तकरीबन आधी रात को बबली की आंख खुली उसे अपनी हिप्स के बीच में कुछ चुभ रहा था

उसने सलवार का नाड़ा खोला हाथ हिप्स के बीच में ले गई तो पाया कि देवलिंग उसकी हिप्स के बीच में फंसा हुआ था देवलिंग का मुंह बबली की गांड के छेद से चिपका हुआ था बबली को पीछे से यह चुभन अच्छी लग रही थी उसने देवलिंग को अपनी गांड पर और दबाया उसे मज़ा आया

अब उसने और दबाया तो और मज़ा आया उसकी गांड में आग सी लगी हुई थी उसका दिल चाह रहा था कि पूरा देवलिंग गांड के छेद में दबा दे तभी उसे फिर ख्याल आया कि देवलिंग के साथ ऐसा करना पाप है उसने यह भी सोचा कि क्या भगवान शिव मेरे साथ ऐसा करना चाहते है desi sex katha

डर के कारण उसने देवलिंग को टांगों के बीच में कर लिया नाड़ा बांधा और सो गई अगले दिन बबली उसी पिछले रास्ते से पंडित के पास सलवार कमीज पहन कर गई पंडित आओ बबली जाओ दूध से स्नान कर आओ और वस्त्र बदल लो

बबली दूध से नहा कर कपड़े पहन रही थी तो उसने देखा कि आज जोगिया ब्लाउज और पेटीकोट के साथ जोगिया रंग की कच्छी भी पड़ी थी उसने अपनी कच्छी उतार कर जोगिया कच्छी पहन ली और नहा कर बाहर आ गई पंडित अग्नि जला कर बैठा मन्त्र पढ़ रहा था

बबली भी उसके पास आ कर बैठ गई पंडित बबली आज तो तुम्हारे सारे वस्त्र शुद्ध हैं ना? बबली थोड़ा शरमा गई बबली जी पंडित जी वह जानती थी कि पंडित का मतलब कच्छी से है पंडित तुम चाहो तो वो देवलिंग फिलहाल निकाल सकती हो desi sex katha

बबली खड़ी होकर देवलिंग की मौली खोलने लगी लेकिन गांठ काफी टाईट लगी थी पंडित ने यह देखा पंडित लाओ मैं खोल दूं पंडित भी खड़ा हुआ बबली के पीछे आ कर वो मौली खोलने लगा पंडित देवलिंग ने तुम्हें परेशान तो नहीं किया खास कर रात में सोने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई?

बबली कैसे कहती कि रात को देवलिंग ने उसकी गांड के छेद के साथ क्या किया है बबली नहीं पंडित जी कोई परेशानी नहीं हुई पंडित ने मौली खोली बबली ने देवलिंग पेटीकोट से निकाला तो पाया कि मौली उसके पेटीकोट के नाड़े में उलझ गई थी

बबली कुछ देर कोशिश करती रही लेकिन मौली नाड़े से नहीं निकली पंडित बबली पूजा में विलम्ब हो रहा है लाओ मैं निकाल दूं पंडित बबली के सामने आया और उसके पेटीकोट के नाड़े से मौली निकालने लगा पंडित यह ऐसे नहीं निकलेगा तुम जरा लेट जाओ बबली लेट गई पंडित उसके नाड़े पे लगा हुआ था desi sex katha

पंडित बबली नाड़े की गांठ खोलनी पढ़ेगी पूजा में विलम्ब हो रहा है बबली जी पंडित ने पेटीकोट के नाड़े की गांठ खोल दी गांठ खोलने से पेटीकोट लूज हो गया और बबली की कच्छी से थोड़ा नीचे आ गया बबली शर्म से लाल हो रही थी पंडित ने बबली का पेटीकोट थोड़ा नीचे सरका दिया

बबली पंडित के सामने लेटी हुई थी उसका पेटीकोट उसकी कच्छी से नीचे था मौली निकालते वक्त पंडित की कोहनी बबली की चूत के पास लग रही थी कुछ देर बाद मौली नाड़े से अलग हो गई पंडित यह लो निकल गई पंडित ने मौली निकाल कर बबली के पेटीकोट का नाड़ा बांधने लगा

उसने नाड़े की गांठ बहुत टाईट बांधी जिससे बबली को दिक्कत हुई बबली आह पंडित जी बहुत टाईट है पंडित ने फिर नाड़ा खोला और इस बार गांठ लूज बांधी फिर दोनों चौकड़ी मार के बैठ गए पंडित अब तुम यह मन्त्र 200 बार पढ़ो और उसके बाद शिव की आरती करना है जब बबली की मन्त्र और आरती खत्म हो गई तो पंडित ने कहा desi sex katha

पंडित मैंने कल वेद फिर से पढ़े तो उसमें लिखा था कि स्त्री जितनी आकर्षक दिखे शिव उतनी ही जल्दी प्रसन्न होते है इसके लिए स्त्री जितना चाहे श्रृंगार कर सकती है लेकिन सच कहूं बबली हां कहिये पंडित जी पंडित तुम पहले से ही इतनी आकर्षक दिखती हो कि शायद तुम्हें श्रृंगार की आवश्यकता ही ना पढ़े बबली अपनी तारीफ सुन कर शरमाने लगी

पंडित मैं सोचता हूं कि तुम बिना श्रृंगार के इतनी सुन्दर लगती हो तो श्रृंगार के पश्चात तो तुम बिल्कुल अप्सरा लगोगी बबली कैसी बातें करते हैं पंडित जी मैं इतनी सुन्दर कहां हूं पंडित तुम नहीं जानती तुम कितनी सुन्दर हो तुम्हारा व्यवहार भी बहुत चंचल है तुम्हारी चाल भी आकर्षित करती है बबली यह सब सुन कर शरमा रही थी मुस्कुरा रही थी उसे अच्छा लग रहा था

बाकी कहानी अगले भाग में

बबली और पंडित की चुदाई – 3

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