बहन के साथ चुदाई – 3

Bhai Behan Hindi Sex Story 3
(बहन के साथ चुदाई – 3)

जब अंदर जा कर मेरी आंखें अंधेरे में देखने में कुछ अभ्यस्त हो गई तो मैंने देखा कि हॉल में कुछ लोग ही बैठे हुए हैं और मैं एक किनारे वाली सीट पर दीदी को ले जाकर बैठ गया हम लोग जहां बैठे थे उसके आस पास और कोई नहीं था और जो भी हॉल में बैठे थे वो सब किनारे वाली सीट पर बैठे हुए थे हम लोग भी बैठ गए सिनेमा देखने लगे मैं सिनेमा देख रहा था और दिमाग में सोच रहा था bhai behan hindi sex story

मैं पहले दीदी की चूची को दबाऊंगा मसलूंगा और अगर दीदी मान गई तो फिर दीदी की स्कर्ट के अंदर अपना हाथ डालूंगा मैंने करीब 15 मिनट तक इंतज़ार किया और फिर अपनी सीट पर मैं आराम से पैर फैला कर बैठ गया संगीता दीदी मेरे दाहिने तरफ बैठी थीं मैं धीरे से अपना दाहिना हाथ बढ़ा कर दीदी की जांघों पर रख दिया फिर मैं धीरे धीरे दीदी की जांघों पर स्कर्ट के ऊपर से हाथ फेरने लगा दीदी कुछ नहीं बोलीं

दीदी बस चुपचाप बैठी रही और मैं उनकी जांघों पर हाथ फेरने लगा अब मैं धीरे धीरे दीदी की स्कर्ट को पैरों से ऊपर उठाने लगा जिससे कि मैं अपना हाथ स्कर्ट के अंदर डाल सकूं दीदी ने मुझको रोका नहीं और ऊपर से मेरे कानों के पास अपनी मुंह लेकर के बोलीं कोई देख ना ले इधर उधर देख कर मैंने भी धीरे से बोला नहीं कोई नहीं देख पाएगा दीदी फिर से बोलीं स्क्रीन की लाइट काफी ज्यादा है और इसमें कोई भी हमें देख सकता है

मैंने दीदी से कहा अपना जैकेट उतार कर अपनी गोद में रख लो दीदी ने थोड़ी देर रुक कर अपनी जैकेट उतार कर अपनी गोद में रख लीं और इससे उनकी जांघ और मेरा हाथ दोनों जैकेट के अंदर छुप गया मैं अब अपना हाथ दीदी के स्कर्ट के अंदर डाल कर के उनके पैरों और जांघों को सहलाने लगा दीदी फिर फुसफुसा कर बोलीं कोई हमें देख ना ले? मैंने दीदी को समझाते हुए कहा हमें कोई नहीं देख पाएगा आप चुपचाप बैठी रहो bhai behan hindi sex story

मैंने अपना हाथ अब दीदी के जांघों के अंदर तक ले जाकर उनकी जांघ के अंदरूनी भाग को सहलाने लगा और धीर धीरे अपना हाथ दीदी की पैंटी की तरफ बढ़ाने लगा मेरा हाथ इतना घूम गया की दीदी की पैंटी तक नहीं पहुंच रहा था मैंने फिर हल्के से दीदी के कानों में कहा थोड़ा नीचे खिसक कर बैठो ना दीदी ने हंसते हुए पूछा क्या तुम्हारा हाथ वहां तक नहीं पहुंच रहा है हां मैंने दबी जुबान से दीदी को बोला

दीदी धीरे से हंसते हुए बोलीं तुमको अपना हाथ कहां तक पहुंचाना है? मैं शर्माते हुए बोला तुमको मालूम तो है दीदी मेरी बातों को समझ गई और नीचे खिसक कर बैठीं मेरा हाथ शुरू से दीदी के स्कर्ट के अंदर ही घुसा हुआ था और जैसे ही दीदी नीचे खिसकी मेरा हाथ जा कर अपने आप दीदी की पैंटी से लग गया फिर मैं अपने हाथ को उठा कर पैंटी के ऊपर से दीदी की चूत पर रखा और जोर से दीदी की चूत को छू लिया

यह पहलीं बार था कि अपने दीदी की चूत को छू रहा था दीदी की चूत बहुत गर्म थीं मैं अपनी ऊंगली को दीदी की चूत के छेद के ऊपर चलाने लगा थोड़ी देर के बाद दीदी फुसफुसा कर बोलीं रुक जाओ नहीं तो फिर से मेरी पैंटी गीलीं हो जायेगी लेकिन मैंने दीदी की बात को अनसुनी कर दी और दीदी की चूत के छेद को पैंटी के ऊपर से सहलाता रहा था bhai behan hindi sex story

दीदी फिर से बोलीं प्लीज़ अब मत करो नहीं तो मेरी पैंटी और स्कर्ट दोनों गंदी हो जायेगीं मैं समझ गया कि दीदी बहुत गर्मा गई हैं लेकिन मैं यह भी नहीं चाहता था कि जब हम लोग सिनेमा से निकलें तो लोगों को दीदी गंदी स्कर्ट दिखे इस लिए मैं रुक गया मैंने अपना हाथ चूत पर से हटा कर दीदी की जांघों को सहलाने लगा थोड़ी देर के बाद इंटरवल हो गया

इंटरवल होते ही मैं और दीदी अलग अलग बैठ गए और मैं उठ कर पॉपकॉर्न और पेप्सी ले आया मैंने दीदी से धीरे से कहा तुम टॉयलेट जाकर अपनी पैंटी निकाल कर नंगी होकर आ जाओ दीदी ने आंखें फाड़ कर मुझसे पूछा मैं अपनी पैंटी क्यों निकलूं? मैं हंस कर बोला निकाल लेने से पैंटी गीलीं नहीं होगी दीदी ने तपाक से पूछा और स्कर्ट का क्या करें? क्या उसे भी उतार कर आऊं?

सिंपल सी बात है जब टॉयलेट से लौट कर आओगी तो बैठने से पहले अपनी स्कर्ट उठा कर बैठ जाना मैंने दीदी को आंख मारते हुए बोला दीदी मुस्कुरा कर बोलीं तुम बहुत शैतान हो और तुम्हारे पास हर बात का जवाब है जैसा मैंने कहा था दीदी टॉयलेट में गई और थोड़ी देर के बाद लौट आई जब मैं दीदी को देख कर मुस्कुराया तो दीदी शर्मा गई और अपनी गर्दन झुका ली bhai behan hindi sex story

हम लोग फिर से हॉल में चले गए जब बैठने लगीं तो अपनी स्कर्ट ऊपर उठा लीं लेकिन पूरी नहीं हम लोगों के जैकेट अपने अपने गोद में थीं और हम लोग पॉपकॉर्न खाना शुरू किया थोड़ी देर के बाद हम लोगों ने पॉपकॉर्न खत्म किए और फिर पेप्सी भी खत्म कर लिया फिर हम लोग अपनी अपनी सीट पर नीचे हो कर पैर फैला कर आराम से बैठ गए

थोड़ी देर के बाद मैंने अपना हाथ बढ़ा कर दीदी की गोद पर रखी हुई जैकेट के नीचे से ले जाकर के दीदी की जांघों पर रख दिया मेरे हाथों को दीदी की जांघों से छूते ही दीदी ने अपने जांघों को और फैला दिया फिर दीदी ने अपने चूतड़ थोड़ा ऊपर उठा करके अपने नीचे से अपनी स्कर्ट को खींच करके निकाल दिया और फिर से बैठ गई अब दीदी हॉल के सीट पर अपनी नंगी चूतड़ों के सहारे बैठी थी

सीट की रेग्जीन से दीदी को कुछ ठंड लगीं पर वो आराम से सीट पर नीचे होकर के बैठ गई मैं फिर से अपने हाथ को दीदी की स्कर्ट के अंदर डाल दिया मैं सीधे दीदी की चूत पर अपना हाथ ले गया जैसे ही मैं दीदी की नंगी चूत को छुआ दीदी झुक गई जैसे कि वो मुझे रोक रही हो मुझे दीदी की नंगी चूत में हाथ फेरना बहुत अच्छा लग रहा था मुझे चूत पर हाथ फेरते फेरते चूत के ऊपरी भाग पर कुछ बाल का होना महसूस हुआ bhai behan hindi sex story

मैं दीदी की नंगी चूत और उसके बालों को धीरे धीरे सहलाने लगा मैं दीदी की चूत को कभी अपने हाथ में पकड़ कर कस कर दबा रहा था कभी अपने हाथ उसके ऊपर रगड़ रहा था और कभी कभी उनकी क्लिंट को भी अपने उंगलियों से रगड़ रहा था मैं जब दीदी की क्लिंट को छेड़ रहा था तब दीदी का शरीर कांप सा जाता था उनको एक झुरझुरी सी होती थीं मैंने अपनी एक ऊंगली दीदी की चूत के छेद में घुसेड़ दी

ओह भगवान चूत अंदर से बहुत गर्म थीं और मुलायम भी थीं चूत अंदर से पूरी रस से भरी हुई थीं मैं अपनी ऊंगली को धीरे धीरे चूत के अंदर और बाहर करने लगा थोड़ी देर के बाद मैंने अपनी दूसरी ऊंगली भी चूत में डाल दी ये तो और भी आसानी से चूत में समा गई मैंने दोनों उंगलियों से दीदी चूत को चोदना शुरू किया

दीदी की तेज सांसों की आवाज मझे साफ साफ सुनाई दे रही थीं थोड़ी देर के बाद दीदी का शरीर अकड़ गया कुछ ही देर के बाद दीदी शांत हो कर सीट पर बैठ गई अब दीदी की चूत में से ढेर सारा पानी निकलने लगा चूत की पानी से मेरा पूरा हाथ गीला हो गया मैं थोड़ी देर रुक कर फिर से दीदी की चूत में अपनी ऊंगली चलाने लगा थोड़ी देर के बाद दीदी दोबारा झड़ी bhai behan hindi sex story

फिर मुझे जब लगा कि सिनेमा अब खत्म होने वाला है तो मैंने अपना हाथ दीदी की चूत पर से हटा लिया जैसे ही सिनेमा खत्म हुआ मैं और दीदी उठ कर बाहर निकल आए बाहर आने के बाद मैंने दीदी से कहा अगले शो में जो भी उस सीट पर बैठेगा उसका पैंट या उसकी साड़ी भीग जाएगी दीदी मेरे बातों को सुन कर बहुत शर्मा गई और मुझसे नज़र हटा ली

दीदी टॉयलेट चलीं गई हो सकता था कि अपनी चूत और जांघों को धोकर साफ करने के लिए और अपनी पैंटी फिर से पहनने के लिए गई हों अभी सिर्फ तीन बजे थे और मैंने दीदी से बोला बहुत टाइम है और मां भी घर पर सो रही होंगी क्या तुम अभी घर जाना चाहती हो? वैसे मुझे कुछ प्राइवेट में चलने का इच्छा हैं क्या तुम मेरे साथ चलोगी?

दीदी मेरी आंखों में झांकती हुई बोलीं प्राइवेट में चलने की क्या बात हैं? वैसे मैं भी अभी घर नहीं जाना चाहती मैं बोला प्राइवेट का मतलब है कि किसी होटल में जाना हैं? दीदी बोलीं सिर्फ होटल? या और कुछ? मैं दीदी से बोला सिर्फ होटल या और कुछ मतलब? दीदी बोलीं तेरा मतलब होटल के कमरे से है? हां मेरा मतलब होटल के कमरे से ही है मैंने कहा bhai behan hindi sex story

दीदी ने तब मुझसे फिर पूछा होटल के कमरे में ही क्यों? मैंने दीदी की बातों को सुन कर यह समझा कि दीदी ने अभी भी होटल चलने के लिए ना नहीं किया हैं मैंने दीदी की आंखों में झांकते हुए बोला अभी तक मैंने कई बार तुम्हारी चूची को छुआ दबाया मसला और चूसा है फिर मैंने तुम्हारी चूत को भी छुआ और उसके अंदर अपनी ऊंगली भी डालीं और तुमने कभी भी मना नहीं किया

मैं आगे बढ़ने से रुका तो इस बात से कि हमारे पास पूरी प्राइवेसी नहीं थीं इस बात के डर से कि कोई आ ना जाए या हमें देख ना ले इस लिए मैं चाहता हूं कि अब होटल के कमरे में जाकर हम लोगों को पूरी प्राइवेसी मिले मैं इतना कह कर रुक गया और दीदी की तरफ देखने लगा कि अब दीदी भी कुछ बोले जब दीदी कुछ नहीं बोलीं तो मैंने फिर उनसे कहा तुम क्या चाहती हो?

दीदी मुझसे बोलीं मतलब यह हुआ कि तुम इसलिए मेरे साथ होटल जाना चाहते हो ताकि वहां जा कर तू मुझे अच्छी तरफ से छू सके मेरे दूध को चूस सके और मेरे पैरों के बीच अपना हाथ डाल कर मजा ले सके? ठीक कह रही हो दीदी मैं जब भी तुम्हें छूता हूं तो हम लोगों के पास प्राइवेसी ना होने की वजह से रुकना पड़ता है जैसे आज सिनेमा हॉल में ही देख लो मैंने दीदी से कहा bhai behan hindi sex story

तो तू मुझे ठीक से और बिना डर के छूना चाहता है मेरी चूची पीना चाहता है और मेरी टांगो के बीच हाथ डाल कर अपनी ऊंगली चूत में डाल कर देखना चाहता है? दीदी ने मुझसे पूछा मैंने तब थोड़ा शर्मा कर दीदी से कहा तुम बिल्कुल सही कह रही हो और मुझे लगता है कि तुम भी यही चाहती हो दीदी कुछ नहीं बोलीं और मैं उनकी चुप्पी को उनकी हां समझ रहा था

फिर दीदी थोड़ी देर तक सोचने के बाद बोलीं कमरे में जाने का मतलब होता है कि हम वो सब भी? मैंने तब दीदी को समझाते हुए कहा लेकिन तुम चाहोगी तभी नहीं तो कुछ नहीं दीदी फिर भी बोलीं पता नहीं अमित यह बहुत बड़ा कदम है मैंने तब फिर से दीदी को समझाते हुए बोला बाबा अगर तुम नहीं चाहोगी तो वो सब काम नहीं होगा और वही होगा जो जो तुम चाहोगी

लेकिन मुझे तुम्हारी दोनों मुसम्मियां बिना किसी के डर के साथ पीना है बस मैं समझ रहा था कि दीदी मन ही मन चाह तो रही थीं कि मैं उनकी चूची को बिना किसी डर के चूसूं और उनकी चूत से खेलूं दीदी बोलीं बात कुछ समझ में नहीं आ रही है लेकिन यह बात तो तय है कि मैं अभी घर नहीं जाना चाहती हूं इसका मतलब साफ था कि दीदी मेरे साथ होटल में और होटल के कमरे में जाना चाहती हैं bhai behan hindi sex story

इसलिए मैंने पूछा तो होटल चलें? दीदी मेरे साथ चल पडीं मैं बहुत खुश हो गया दीदी मेरे साथ होटल में चलने के लिए राजी हो गई है मैं खुशी खुशी होटल की तरफ चल पड़ा मैं इतना समझ गया था कि शायद दीदी मुझे खुल कर अपनी चूची और चूत मुझसे छुआना चाहती हैं और हो सकता हैं कि वो बाद में मुझसे अपनी चूत भी चुदवाना भी चाहती हों

यह सब सोच सोच कर मेरा लंड खड़ा होने लगा मैं सोच रहा था कि आज मैं अपनी दीदी को जरूर चोदूंगा मैं बहुत खुश था और गर्म हो रहा था मुझे यह मालूम था कि उस सिनेमा हॉल के पास दो तीन ऐसे होटल हैं जहां पर कमरे घंटे के हिसाब से मिलते हैं मैं एक दो बार उन होटलों में अपने गर्लफ्रैंड के साथ आ चुका हूं

मैं वैसे ही एक होटल में अपनी दीदी को लेकर गया और वहां बात करके एक कमरा तय किया और कमरे का किराया भी दे दिया होटल का वेटर हम लोगों को एक कमरे में ले गया जैसे ही वेटर वापस गया मैंने कमरे के दरवाज़े को अच्छी तरह से बंद किया मैंने कमरे की खिड़की को भी चेक किया और उनमें पर्दा डाल दिया तब तक दीदी कमरे में घुस कर कमरे के बीच में खड़ी हो गई bhai behan hindi sex story

दीदी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था और वो चुपचाप खड़ी थीं मैं तब बाथरूम में गया और बाथरूम की लाइट को जला करके बाथरूम का दरवाज़ा आधा बंद कर दिया जिससे कि कमरे में बाथरूम से थोड़ी बहुत रोशनी आती रहे फिर मैंने कमरे की रोशनी को बंद कर दिया दीदी आराम से बिस्तर के एक किनारे पर बैठ गई कमरे में रोशनी बहुत कम थीं लेकिन हम लोग एक दूसरे को देख पा रहे थे

मैं अपनी शर्ट के बटन खोलने लगा और दीदी से बोला तुम भी अपने कपड़े उतार दो दीदी ने भी कपड़े उतारने शुरू कर दिए जैसे ही अपना पैंट खोला तो मैंने देखा की दीदी भी अपनी ब्रा और पैंटी उतार रही हैं अब दीदी मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो चुकी थीं मैं समझ गया कि दीदी भी आज अपनी चूत चुदवाना चाहती हैं

अब मैं धीरे धीरे बिस्तर की तरफ बढ़ा और जा कर दीदी के बगल में बैठ गया पलंग पर बैठ कर मैंने दीदी को अपनी बाहों में भर लिया और उनको अपने पैरों के बीच खड़ा कर दिया कमरे की हल्की रोशनी में भी मुझे अपनी दीदी की नंगी जवानी और मादक बदन साफ साफ दिख रहा था और मुझे उनकी नंगी चूचियों को पहली बार देख कर मजा आ रहा था bhai behan hindi sex story

मैंने अब तक दीदी को सिर्फ़ कपड़ों के ऊपर से देखा था और मुझे पता था की दीदी का बदन बहुत सुडौल और भरा हुआ होगा लेकिन इतनी अच्छी फिगर होगी यह नहीं पता था दीदी की गोल संतरे सी चूची पतली सी कमर और गोल गोल सुंदर से चूतड़ों को देख कर मैं तो जैसे पागल ही हो गया मैं धीरे से अपने हाथों में दीदी की चूचियों को लेकर के धीरे धीरे बड़े प्यार से दबाने लगा

दीदी तुम्हारी चूचियां बहुत प्यारी हैं बहुत ही सुंदर और ठोस हैं मैंने दीदी से कहा और दीदी ने मुस्कुरा कर अपने हाथ मेरे कंधों पर रख दिए मैंने झुक कर अपने होंठ उनकी चूचियों पर रख दिए मैं दीदी की चूचियों के निप्पलों को चूसने लगा और दीदी सिहर उठीं मैं अपने मुंह को और खोल करके दीदी की एक चूची को मेरे मुंह में भर लिया और चूसने लगा

मेरा दूसरा हाथ दीदी की दूसरी चूची पर था और उसको धीरे धीरे दबा रहा था फिर मैं अपना मुंह जितना खोल सकता खोल करके दीदी की चूची को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा अपने दूसरे हाथ को मैं धीरे से नीचे लाकर के दीदी चूत को पहले सहलाया और फिर धीरे से अपनी एक ऊंगली चूत के अंदर कर घुसेड़ दी bhai behan hindi sex story

मैं कुछ देर तक अपने मुंह से दीदी की मुसम्मी चूसता रहा और अपने दूसरे हाथ की ऊंगली दीदी की चूत के अंदर बाहर करता रहा मुझे लगा रहा था कि दीदी आज अपनी चूत मुझसे ज़रूर चुदवायेंगी थोड़ी देर के बाद मैंने अपना मुंह दीदी की चूची पर से हटा कर दीदी को इशारे से पलंग पर लेटने के लिए बोला दीदी चुपचाप पलंग पर लेट गई और मैं भी उनके पास लेट गया

फिर मैं दीदी को अपने बाहों में भर कर उनकी होठों को चूमने और फिर चूसने लगा मेरा हाथ फिर से दीदी की चूचियों पर चला गया और दीदी की बड़ी बड़ी चूचियों को अपने हाथों ले कर बड़े आराम से मसलने लगा इस वक़्त दीदी की चूचियों को मसलने में मुझे किसी का डर नहीं था और बड़े आराम से दीदी की चूचियों को मसल रहा था

चूची मसलते हुए मैंने दीदी से बोला तुम्हारी चूचियों का जवाब नही बड़ी मस्त मुस्म्मियां हैं मन करता है कि मैं इन्हें खा जाऊं मैंने अपना मुंह नीचे करके दीदी की चूची के एक निप्पल को अपने मुंह में भर कर धीरे धीरे चूसने लगा थोड़ी देर के बाद मैंने अपना एक हाथ नीचे करके दीदी की चूत पर ले गया और उनकी चूत से खेलने लगा और थोड़ी देर के बाद अपनी एक ऊंगली चूत में घुसेड़ कर अंदर बाहर करने लगा bhai behan hindi sex story

दीदी के मुंह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं थोड़ी देर के बाद दीदी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया मैं समझ गया कि दीदी अब चुदवाने के लिए तैयार हैं मैं भी दीदी के ऊपर चढ़ कर उनको चोदने के लिए बेताब हो रहा था थोड़ी देर तक मैं दीदी की चूची और चूत से खेलता रहा और फिर उनसे सट गया

मैंने दीदी के ऊपर झुकते हुए दीदी से पूछा तुम तैयार हो? बोलो ना दीदी क्या तुम अपने छोटे भाई का लौड़ा अपनी चूत के अंदर लेने के लिए तैयार हो? उस समय मैं मन ही मन जानता था कि दीदी की चूत मेरा लंड खाने के लिए बिल्कुल तैयार है और दीदी मुझे चोदने से ना नहीं करेंगी दीदी तब मेरी आंखों में झांकते हुए बोलीं अमित क्या मैं इस वक़्त ना कर सकती हूं? इस समय तू मेरे ऊपर चढ़ा हुआ है और हम दोनों नंगे हैं

दीदी ने अपना हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगीं तब मैंने अपने लंड को अपने हाथ में लेकर दीदी की चूत से भिड़ा दिया चूत पर लंड लगते ही दीदी आह अहह्ह्ह ओहह्ह्ह्ह करने लगीं मैंने हल्के से अपने कमर हिला कर दीदी की चूत में अपने लंड का सुपाड़ा फंसा दिया दीदी की चूत बहुत टाइट थीं लेकिन वो इतना रस छोड़ रही थीं कि चूत का रास्ता बिल्कुल चिकना हो चुका था bhai behan hindi sex story

जैसे ही मेरा लंड का सुपाड़ा दीदी की चूत में घुसा दीदी उछल पड़ीं और चीखने लगीं मेरीई चूऊत फटीईईए जा रहीईई हैंईई निकाल अपना लंड मेरी चूऊऊत से ईईए है मैं मर गईंई मेरिईई चूऊऊओत फआआट गईई मैंने दीदी के होठों को चूमते हुए बोला दीदी बस हो गया और थोड़ी देर तक तकलीफ होगी और फिर मजा ही मजा है लेकिन दीदी फिर भी गिड़गिड़ाती रही

मैंने दीदी की कोई बात नहीं सुनी और उनकी चूचियों को अपने हाथों से मजबूती से पकड़ते हुए एक और ज़ोरदार धक्का मारा और मेरा पूरा का पूरा लंड दीदी की चूत की में घुस गया दीदी की चूत से खून की कुछ बूंद निकल पड़ी मैं अपना पूरा लंड डालने के बाद चुपचाप दीदी के ऊपर लेटा रहा और दीदी की चूचियों को मसलता रहा थोड़ी देर के बाद दीदी ने मेरे नीचे से अपनी कमर उठाना शुरू कर दी

मैं समझ गया कि दीदी की चूत का दर्द खत्म हो गया है और वो अब मुझसे खुल कर चुदवाना चाहती हैं मैंने भी धीरे से अपना लौड़ा थोड़ा सा बाहर खींचा और उसे फिर दीदी की चूत में हल्के झटके के साथ घुसेड़ दिया दीदी की चूत ने मेरा लंड कस कर पकड़ रखा था और मुझे लंड को अंदर बाहर करने में थोड़ी सी मेहनत करनी पड़ रही थीं bhai behan hindi sex story

लेकिन मैं भी नहीं रुका और धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाना शुरू कर दी दीदी भी मेरे साथ साथ अपनी कमर उठा उठा कर मेरे हर धक्कों का जबाब बदस्तूर दे रही थीं मैं जान गया कि दीदी की चूत रगड़ रगड़ कर लंड खाना चाहती है मैंने भी दीदी को अपनी बाहों में भर कर उनकी चूचियों को अपने मुंह में भर कर धीरे धीरे लंड उठा उठा करके धक्के मारना शुरू किया अब मेरा लंड आसानी से दीदी की चूत में आ जा रहा था

दीदी भी अब मुझे अपने बाहों में भर करके चूमते हुए अपनी कमर उचका रही थीं और बोल रही थीं भाई बहुत अच्छा लग रहा है और जोर जोर से चोदो मुझे मेरी चूत में कुछ चींटियां सी रेंग रही हैं अपने लंड की रगड़ से मेरी खाज दूर कर दो चोदो और जोर जोर से चोदो मुझे मैं अब अपना लंड दीदी की चूत के अंदर डाल कर कुछ सुस्ताने लगा

दीदी तब मुझे चूमते हुए बोलीं क्या हुआ तू रुक क्यों गया? अब मेरी चूत की चुदाई पूरी कर और मुझे रगड़ रगड़ कर चोद कर मेरी चूत की प्यास बुझा मेरे जालिम भाई मैं बोला चोदता हूं दीदी थोड़ा मुझे आपकी चूत में फंसे लौड़े का आनंद तो उठा लेने दो अभी मैं तुम्हारी चूत चोद चोद कर फाड़ता हूं मेरी दीदी बोलीं साले तुझे मजा लेने की पड़ी है अभी तो तू मुझे जल्दी जल्दी चोद मैं मरी जा रही हूं bhai behan hindi sex story

मैं उनकी बात सुन कर जोर जोर से धक्के लगाने लगा और दीदी भी मुझे अपने हाथों और पैरों से जकड़ कर अपने चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी चूत चुदवाने लगीं मैंने थोड़ी देर तक दीदी की चूत में अपना लंड पेलने के बाद दीदी से पूछा कैसा लग रहा है अपने छोटे भाई का लंड अपनी चूत में डलवा कर? मैं अब दीदी से बिल्कुल खुल कर बातें कर रहा था और उन्हें अपने लंड से छेड़ रहा था

यह काम हम लोगों ने बहुत ही बुरा किया लेकिन मुझे अब बहुत अच्छा लग रहा है दीदी मुझे अपने सीने से चिपकाते हुए बोलीं थोड़ी देर के बाद मैं फिर से दीदी की चूत में अपना लंड तेज़ी से पेलने लगा कुछ देर के बाद मुझे लग रहा था कि मैं अब झड़ने वाला हूं इस लिए मैंने अपना लंड दीदी की चूत से निकाल कर अपने हाथ से पकड़ लिया और पकड़े रखा

मैंने दीदी से कहा अपने मुंह में लोगी? दीदी ने पहले कुछ सोचा फिर अपना मुंह खोल दिया मैंने लौड़ा उनके मुंह में दे दिया और अपना वीर्य उनके मुंह में छोड़ दिया दीदी ने मेरा माल अपने मुंह में भर लिया और उसको गटक लिया दीदी ने आसक्त भाव से मेरी तरफ देखा और मैंने अपने होंठ उनके होंठों से लगा दिए bhai behan hindi sex story

भाई बहन की इस चुदाई ने भले ही समाज की मर्यादाओं को भंग कर दिया हो पर मेरी और मेरी दीदी की कामनाओं को तृप्त कर दिया था

बहन के साथ चुदाई – 1

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