Maa Ki Chudai Sex Story
(मां को नंगी देखा 1)
हैलो दोस्तों आज मैं आपके लिए अपनी और अपनी maa ki chudai sex story लेकर आया हूं उम्मीद है आपको यह maa ki chudai sex story अच्छी लगेगी मैं उत्तर भारत के एक ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखता हूं मेरी दो बहनें और एक भाई है अपने भाई बहनो में मैं सबसे बड़ा हूं हम चारो भाई बहनो की शादी हो चुकी है मैं अपनी पत्नी और 4 वर्ष के बेटे के साथ अपने माता पिता के साथ ही रहता हूं
मेरे पिताजी का अच्छा ख़ासा बिज़नेस है हमने इंजिनियरिंग प्रॉडक्ट्स की डिस्ट्रिब्युटरशिप ले रखी है और हम दोनो बाप बेटे मिलकर कारोबार चलते हैं कारोबार से अच्छा पैसा आ जाता है जो हमारे लिए पर्याप्त है मेरा छोटा भाई अपने परिवार के साथ विदेश में रहता है
ये बात दिसंबर 2008 की है तब उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही थी उन दिनों जाड़ों में हमारा कारोबार थोड़ा सुस्त चल रहा था इसी दौरान मेरी मां ने दक्षिण भारत में तिरुपति और रामेश्वरम जाने की इच्छा जाहिर की 15 जनवरी को त्योहार के दिन वो वहां मंदिर में दर्शन करना चाह रही थी
मेरे पिताजी की तबीयत ठीक नही थी तो उन्होने मुझसे मां के साथ जाने को कहा मेरा जाने का मन नही था तो मैं टालमटोल करने लगा मैं थोड़ा परिवारिक आदमी हूं और परिवार से दूर यात्रा करने का मेरा मन नही हो रहा था लेकिन मां ने जाने की ज़िद पकड़ ली तो मुझे भी मजबूरन हामी भरनी पड़ी फिर ये निर्णय लिया गया की जब मौसम थोड़ा ठीक होगा
तब हम दोनो मां बेटे जाएंगे मेरी टाल मटोल देखकर मेरी पत्नी मुझे चिढ़ाती रही की तुम अपने पुत्र होने का कर्तव्य नही निभा रहे हो और तुम्हें अपनी मां को उनकी इच्छानुसार दर्शन के लिए ले जाना चाहिए जब मौसम थोड़ा ठीक हुआ तो हमने अपने शहर से दिल्ली के लिए ट्रेन का सफ़र किया और फिर देल्ही एयरपोर्ट से दक्षिण भारत में मदुरै के लिए फ्लाइट पकड़ी
वहां से हमने एक कार बुक कराई जो पूरी यात्रा के लिए हमने अपने पास रखी दक्षिण भारत में मौसम अच्छा था हम पहले रामेश्वरम गए और फिर वहां से तिरुपति गए तिरुपति में मां ने मुझसे सर के बाल सफाचट करवाने को कहा मैंने भी इस यात्रा का आनंद लिया था तो बिना किसी लाग लपेट के मां की इच्छा अनुसार सर शेव करवा लिया
तिरुपति दर्शन के बाद हमारी वापसी यात्रा शुरू हुई जो कार हमने यात्रा के शुरू में मदुरै से बुक करवाई थी उसी से हम बंगलोर पहुंच गए तकरीबन 4:30 pm पर हम बंगलोर पहुंचे और सीधे चान्सररी पेविलियन जो की मेरा फेवरेट होटेल है वहां आ गए लंबी धार्मिक यात्रा अब संपन्न हो चुकी थी रूम में आकर नहाने के बाद मैंने थोड़ा आराम कर लिया
फिर पीने के मूड से मैं होटेल की बार में चला गया मां अभी आराम कर रही थी थकान से उसे नींद आ गई थी मैंने रूम की चाभी ली और चुपचाप चला आया ताकि मां की नींद डिस्टर्ब ना हो बार में थोड़ा पीने के बाद मुझे अपने बीवी बच्चों की याद आने लगी घर की याद आने पर मेरा मूड ऑफ हो गया
फिर मैंने मां को फोन किया की आपने डिनर कर लिया मां बोली बेटा मैं तो तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूं मुझे शरम आई की मैं यहां बार में मज़े कर रहा हूं और रूम में मां मेरा इंतज़ार कर रही है मैंने कहा मैं आ रहा हूं और फटाफट रूम में आ गया जब मैंने चाभी से रूम खोला तो मां वहां नही थी
फिर बाथरूम से मां के भजन गाने की आवाज़ आई तो मैं समझ गया मां नहाने गई है मैं सोफे में बैठ के टीवी देखने लगा करीब 10 मिनिट बाद मां ने आवाज़ लगाई सुरेश मेरी नाईटी पकड़ा दो सुरेश मेरा घर का नाम है
मैंने बेड से नाईटी उठाई और बाथरूम के दरवाज़े पर जाकर मां को आवाज़ लगाई मां ने थोड़ा सा दरवाज़ा खोला और नाईटी पकड़ने के लिए अपना हाथ दरवाज़े से बाहर निकाला मैं नाईटी पकड़ाने के लिए थोड़ा आगे को आया और उसी क्षण से मेरी दुनिया बदल गई
बाथरूम ऐसे बना हुआ था की उसमे बाई तरफ शावर था और दाई तरफ वॉश बेसिन और ड्रेसर था जब मां ने दरवाजे के पीछे छिपकर सिर्फ़ हाथ बाहर निकाला तो सामने मिरर में मुझे वो पूरी नंगी दिखाई दी
आगे बताने से पहले मैं अपनी मां के बारे में बता दूं मेरी मां की उमर लगभग 53–54 वर्ष है और वो कोई हुस्न की परी या ऐसी कुछ नही है
वो एक साधारण हाउसवाइफ है उमर के हिसाब से ही उसकी कमर पर चर्बी चढ़ी हुई है यहां की औरतों की अपेक्षा उसकी हाइट थोड़ी ज़्यादा है 5 फीट 6 इंच की बड़ी चूचियां और चौड़े नितंब जो इस उमर की औरतों के होते हैं देखने में वो साधारण ही है पर उसका रंग एकदम साफ है बिल्कुल गोरी चिट्टी है
दरवाज़े पर खड़े होकर जब मैंने मां को एकदम नग्न देखा तो मैं देखता ही रह गया उसकी बड़ी बड़ी गोरी चूचियां जो 52 की उमर पार करने के बाद भी ज़्यादा झुकी हुई नही थी जवान लड़कियों के जैसे ऊपर को भी नही थी पर ज़्यादा ढली हुई भी नही थी
मां दरवाज़े के पीछे थोड़ा साइड में होकर खड़ी थी तो मुझे चूचियों के बीच में गुलाबी ऐरोला और मोटे निपल भी दिख रहे थे उसकी जांघें बड़ी बड़ी और मांसल थी और लंबी गोरी टांगे मुझे दिखी साइड में होने से उसकी नाभि के नीचे का V शेप वाला भाग मिरर में नही दिख रहा था
मैं हाथ में नाईटी पकड़े मिरर में मां को नग्न देख रहा था तभी मां की आवाज़ से मुझे होश आया मां थोड़ा झुंझलाते हुए बोली क्या कर रहे हो नाईटी देते क्यों नही उसे पता ही नही था की मैंने मिरर में उसे नंगी देख लिया है मैंने उसे नाईटी पकड़ाई और फिर टीवी देखने लगा
अब मेरे मन में मिलीजुली भावनाए आने लगी एक तरफ तो जो मैंने देखा उससे मैं उत्तेजित हो गया था और दूसरी तरफ अपनी मां के बारे में ऐसा सोचने से मुझे गिल्टी फीलिंग भी आ रही थी मुझे अपने ऊपर बहुत शरम आई लेकिन मां की वो नग्न छवि जो मैंने मिरर में देखी वो मेरे मन से हट ही नही रही थी
मेरे दिमाग का एक हिस्सा कह रहा था की अपनी मां को नग्न देखकर उत्तेजित होना ग़लत बात है तो दूसरा हिस्सा वही नग्न छवि दिखाकर मुझे फिर से उत्तेजित कर दे रहा था मां को लेकर मेरे मन में पहले कभी कोई गलत बात नही रही इसलिए अब जो मेरे दिमाग में चल रहा था वो मेरे लिए असहनीय हो गया
मां बेटे की मैंने कुछ सेक्स कहानियां पढ़ी थी पर मैं सोचता था की ये कुछ लोगों की झूठी कहानियां हैं और कुछ नही कोई अपनी मां के साथ कैसे संबंध बना सकता है ?
लेकिन अब मुझे क्या हुआ था क्यूं मेरे मन में अपनी मां के नग्न रूप को देखकर उत्तेजना आई ?
टीवी के आगे बैठकर मैं यही सब सोच रहा था तभी मां अपनी स्लीवलेस वाइट कॉटन नाईटी पहनकर बाथरूम से बाहर आई नाईटी से सिर्फ़ उसकी बाहें दिख रही थी बाकी पूरा बदन ढका हुआ था अपने गीले बालों में जो उसकी आधी पीठ तक पहुंच रहे थे वो मुझे सुंदर लग रही थी
उसकी तरफ देखते हुए मुझे फिर वही नग्न छवि दिखाई देने लगी लाख कोशिश करने पर भी अब मां को देखने पर वही नग्न छवि मेरी आंखों के आगे आ जा रही थी
मां ने नहाकर ब्रा नही पहनी थी इसलिए जब वो चलती तो उसकी बड़ी चूचियां इधर उधर हिल रही थी पहले की बात होती तो मैं कभी इस तरफ ध्यान नही देता पर अब सब कुछ बदल चुका था मैं अब मां को ध्यान से देख रहा था मां शीशे के आगे खड़ी होकर बाल बनाने लगी और उसके हाथ हिलाने से हिलती हुई चूचियों को मैं देखने लगा
तभी मां ने कहा की डिनर ऑर्डर कर दो तो मैं होश में आया मां ने कहा की उसे हल्का खाना खाने का मन है तो मैंने सिर्फ़ सलाद और सूप ऑर्डर कर दिए फिर हम टीवी में न्यूज़ देखते हुए डिनर करने लगे
मेरा दिमाग अभी भी कहीं खोया हुआ था और मैं टीवी की तरफ खाली देख रहा था उसमे क्या आ रहा था क्या नही मुझे कुछ पता नही तभी मां की आवाज़ मेरे कानो में पड़ी उसने कुछ कहा पर ध्यान कहीं और होने से मुझे साफ सुनाई नही दिया मुझे ऐसा लगा जैसे मां की आवाज़ कहीं दूर से आ रही है
अब मां थोड़ी इरिटेट हो गई और नाराज़गी से बोली तुम्हें इतना नही पीना चाहिए कि सामनेवाला क्या कह रहा है ये भी तुम्हें सुनाई ना दे
उसकी झिड़की से मैं एकदम से चौंक गया उसे क्या पता था की मैंने ज़्यादा पिया नही है बल्कि कुछ देखा है जिससे मेरा मन विचलित हो गया था
मैं बोला आई ऍम सॉरी अम्मा पीने से नही बल्कि सफ़र की वजह से मैं थक गया हूं इसलिए आपकी बात नही सुनी
फिर मैंने मां की तरफ देखा और सीधी मेरी नज़र उसकी क्लीवेज पर पड़ी जो उसकी नाईटी के गले से ब्रा ना होने से दिख रही थी ज़्यादा नही दिख रहा था पर जब वो सूप पीने को आगे को झुकती तो चूचियों का उपरी हिस्सा दिख जा रहा था अपने को मां की चूचियों को ताकते पाकर मुझे अपने को थप्पड़ मारने का मन हुआ लेकिन कितनी भी कोशिश कर लूं
पर मैं मां के बदन को तकने से अपने को नही रोक पा रहा था एक ही दिन में ना जाने मुझे क्या हो गया था आज 33 वर्ष की उमर में पहली बार मां को ऐसे देख रहा था जो पहले हमेशा मेरे लिए पूजनीय मां रही थी
तभी मां ने मेरा ध्यान टीवी में आ रही न्यूज़ की तरफ दिलाया की उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और ज़्यादातर एयरपोर्ट कोहरे की वजह से अगले कुछ दिन के लिए बंद हैं टीवी में देल्ही एयरपोर्ट में परेशान पैसेंजर्स को दिखाया जा रहा था जिनकी फ्लाइट्स कैंसिल हो गई थी
अब मुझे मौका मिल गया मैंने मां पर खीझ उतारते हुए कहा देखो अम्मा मैंने पहले ही कहा था की इस बार मौसम बहुत खराब है यात्रा पर नही जाते हैं पर आपने मेरी एक नही सुनी अब देख लो टीवी में लोग एयरपोर्ट में पड़े हुए परेशान हैं फ्लाइट्स कैंसिल हो गई हैं
मां शांत स्वर में बोली सुरेश जब तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ था तो मैंने प्रार्थना की थी की अगर तुम जिंदा बच गए तो मैं तिरुपति और रामेश्वरम के दर्शन करने जाऊंगी तुम क्या सोचते हो की तुम अगर मेरे साथ नही आते तो मैं यहां नही आती ? मैं तब भी आती और अकेली ही आती
मां की बात सुनकर मुझे बुरा लगा और मैंने उनसे अपनी खीझ उतारने के लिए माफी मांगी
कुछ समय पहले की बात है मैं बाथरूम में गिर पड़ा था और किसी चीज़ से सर टकराने से वहीँ बेहोश हो गया मेरे सर से खून बहता रहा और जब मुझे हॉस्पिटल ले जाया गया तो काफ़ी देर हो गई थी और बहुत सारा खून बह गया था करीब 15 दिन लगे थे मुझे ठीक होने में मां उसी एक्सीडेंट की बात कर रही थी
मेरे माफ़ी मांगने पर मां उठी और मेरे पास बैठ गई प्यार से मुस्कुराते हुए उसने मेरा सर पकड़कर अपनी छाती से लगा लिया कुछ देर के लिए मैं दुनिया को भूल गया और एक बच्चे की तरह उससे लिपटकर सिसकने लगा मुझे रोते देखकर मां ने मुझे और कसकर अपने से चिपटा लिया और कुछ कहकर मुझे चुप कराने की कोशिश करने लगी
उसने क्या बोला मैं अपने सिसकने की वजह से नही सुन पाया मां सोच रही थी की मैं इसलिए गिल्टी फील कर रहा हूं की मैंने उसकी यात्रा के लिए मना किया था जबकि मां ये यात्रा मेरे लिए ही कर रही थी लेकिन मेरे रोने का कारण कुछ और ही था
मुझे बहुत गिल्टी फीलिंग आ रही थी की मां मेरे एक्सीडेंट की वजह से ये यात्रा कर रही है और मैं उस पूजनीय मां को नग्न देखने के बाद उत्तेजित हो रहा था उसके बदन को ताक रहा था
लगभग 10 मिनिट बाद मैं शांत हुआ और मुझे होश आया तो मैंने पाया की मेरा सर मां की छाती पर टिका हुआ है होश में आते ही फिर वही ख्याल आने लगे उसकी नाईटी थोड़ी नीचे को हो गई थी तो मेरी आंखों को नाईटी के गले से मां की चूचियां ऊपर से दिखने लगी
मेरा दायां गाल तो चूची पर ही दबा हुआ था मैंने दोनो हाथों से मां को आलिंगन किया हुआ था और जिस हाथ से मां के दाएं कंधे को पकड़ा हुआ था उस हाथ की कुहनी मां की दायीं चूची के निपल पर दब रही थी
मेरे ऊपर फिर से वासना हावी हो गई और मैं सारी दुनियादारी भूलकर जैसे ही अपने होंठ मां की नाईटी के गले से झांकती चूचियों पर लगाने को हुआ तभी मां ने मुझे सीधा कर दिया और बोली सुरेश अब सो जाते हैं
मां उठी और सोने चली गई बेड पर लेटते ही वो खर्राटे लेने लगी
मां के सो जाने के बाद मैं सोफे पर बैठे हुए आज दिन में जो घटित हुआ उसके बारे में सोचने लगा एक ही दिन में मैं अच्छा सुरेश से बुरा सुरेश बन चुका था मैं वही पर बैठे हुए बाथरूम में पानी से भीगी हुई पूरी नंगी मां की छवि को याद करते हुए मूठ मारने लगा फिर जब मुझे लगा कि अब मेरा निकलने वाला है तो मैं बाथरूम की तरफ चल दिया
जब मैं सोफे से उठा तो मैंने एक नज़र अम्मा के ऊपर डाली अम्मा दायीं तरफ करवट लेकर सोई हुई थी उसका बायां घुटना मुड़ा हुआ था जिससे नाईटी खिसककर जांघों के ऊपरी भाग तक आ गई थी शायद रूम हीटिंग की वजह से नींद में उसको गर्मी महसूस हुई होगी और मां ने रज़ाई से पैर बाहर निकाल दिए थे मां की पूरी टांगे नीचे से लेकर जहां से नितंबों का उभार शुरू होता है वहां तक पूरी नंगी थी
मैं बाथरूम जाना छोड़कर वहीं पर खड़ा मां की नग्नता को देखने लगा फिर मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया और बेशरम बनकर मैंने वहीं बेड के पास खड़े होकर मूठ मारना शुरू कर दिया फिर जब मेरे लंड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ी तो आनंद से मेरी आंखे बंद हो गई थी
रोकने की कोशिश करने के बावजूद एक हल्की सी आह मेरे मुँह से निकल गई फिर मुझे आशंका हुई की कहीं मेरा वीर्य मां के जांघों के ऊपर तो नही पड़ गया है ? इस खयाल से मुझे एक अजीब सी उत्तेजना आई लेकिन थोड़ी घबराहट भी हुई
एक बार मैंने सोचा की लाइट ऑन करके देखूं फिर मैंने बेडरूम की लाइट ऑन करने के बजाय बाथरूम का दरवाज़ा खोल दिया बाथरूम से लाइट की रोशनी में देखा वीर्य की कुछ बूंदे मां की जांघों के अंदरूनी हिस्से पर पड़ी थी
मैंने सोचा अगर पोंछ दूं और मां उठ गई तो परेशानी में पड़ जाऊंगा या फिर ऐसे ही रहने दूं ये अपने आप थोड़ी देर में सूख जाएगा और सुबह मां उठकर नहा लेगी तो धुल जाएगा इन दोनो में से मुझे एक चुनना था या तो पोंछ दूं या फिर ऐसे ही रहने दूं
लेकिन मां की जांघों पर हाथ फेरने की मेरी इच्छा ने मुझे रिस्क लेने पर मजबूर कर दिया मैंने एक छोटा सा टावल लिया और फर्श पर झुक गया धीरे से मैंने टावल से वीर्य को पोंछ दिया
झुकने पर मुझे परफ्यूम के जैसे महक आई मेरे खयाल से मां ने पसीने की गंध को दूर करने के लिए परफ्यूम यूज़ किया होगा वो खुशबू मां की जांघों के ऊपरी हिस्से पर नाक लगाने से आ रही थी मैं कुछ देर तक बैठे हुए उस खुशबू को सूंघता रहा
बाकी कहानी अगले भाग में
Maa Ki Chudai Sex Story :- मां को नंगी देखा – 2