Desi Antarvasna 1
(दोस्त की मां बहन और बुआ – 1)
यह कहानी मेरे दोस्त की मां बुआ और बहन की चुदाई की है यह बात आज से 11-12 वर्ष पहले की है जब मेरी उम्र 23-24 साल की थी उन दिनों मैं मुम्बई में रहता था मेरे मकान के बगल में एक नया किरायेदार राजेश रहने आया वो किराये के मकान में अकेला रहता था desi antarvasna
मेरी ही उम्र का था इस लिए हम दोनों में गहरी दोस्ती हो गई वो मुझ पर अधिक विश्वास रखता था क्योंकि मैं एक सरकारी कर्मचारी था और उससे ज्यादा पढ़ा लिखा था वो एक निजी फैक्ट्री मे मशीन ऑपरेटर था
उसके परिवर में केवल 4 सदस्य थे उसकी विधवा मां 42 साल की विधवा बुआ यानी कि उसकी मां की सगी ननद 36 साल की और उसकी कुंवारी बहन 19-20 साल की थी वो सब उसके गांव में रहकर अपनी खेती बाड़ी करते थे दीवाली की छुट्टियों में उसकी मां और बहन मुम्बई में 1 महीने के लिए आए हुए थे
दिसम्बर में उसकी मां और बहन वापस गांव जाने की जिद्द करने लगे लेकिन काम अत्यधिक होने के कारण राजेश को 2 महीने तक कोई भी छुट्टी नहीं मिल सकती थी इस लिए वो परेशान रहने लगा desi antarvasna
वो चाहता था कि किसी का गांव तक साथ हो तो वो मां और बहन को उसके साथ भेज सकता है लेकिन किसी का भी साथ नहीं मिला राजेश को परेशानी में देख कर मैंने पूछा क्या बात है राजेश? आज कल तुम ज्यादा परेशान रहते हो
राजेश ने कहा क्या करूं यार काम ज्यादा होने के कारण मेरे ऑफिस में मुझे अगले 2 महीने तक छुट्टी नहीं मिल रही है और इधर मां गांव जाने की जिद कर रही है मैं चाहता हूं कि अगर कोई गांव तक किसी का साथ रहे तो मां और बहन अच्छी तरह से गांव पहुंच जायेंगी और मुझे भी चिन्ता नहीं रहेगी लेकिन गांव तक का कोई भी साथ नहीं मिल रहा है ना ही मुझे छुट्टी मिल रही है इस लिए मैं काफी परेशान हूं
राजेश यार अगर तुम्हे ऐतराज ना हो तो मैं तुम्हारी परेशानी का हल कर सकता हूं और मेरा भी फायदा हो जायेगा राजेश यार मैं तुम्हारा यह एहसान जिन्दगी भर नहीं भूलूंगा अगर तुम मेरी परेशानी हल कर दो तो लेकिन यार तुम कैसे मेरी परेशानी हल करोगे और कैसे तुम्हारा फायदा होगा? desi antarvasna
यार सरकारी दफ्तर के अनुसार मुझे साल में 1 महीने की छुट्टी मिलती है अगर मैं छुट्टी लेता हूं तो मुझे गांव या कही भी जाने का आने जाने का किराया भी मिलता है और एक महीने की पगार भी मिलती है अगर मैं छुट्टी ना लूं तो 1 महीने की छुट्टी समाप्त हो जाती है और कुछ नहीं मिलता है
राजेश यार तुम छुट्टी लेकर मां और बहन को गांव पहुंचा दो इस बहाने तुम मेरा गांव भी घूम आना अगले दिन से मैंने छुट्टी के लिए आवेदन पत्र दे दिया और मेरी छुट्टी मंजूर हो गई राजेश ने साधारण टिकट लेकर हम दोनों को रेलवे स्टेशन पहुंचाने आया
हमने टीटी से विनती कर के किसी तरह बर्थ की 2 सीट ले ली गाड़ी करीब रात 8:48 पर रवाना हुई रात करीब 10 बजे हमने खाना खाया और गपशप करने लगे बहन ने कहा भईया मुझे नींद आ रही है और वो उपर के बर्थ पर सो गई कुछ देर बाद मां भी नीचे के बर्थ पर चादर ओढ़ कर सो गई और कहा कि तुम अगर सोना चाहते हो तो मेरे पैर के पास सिर रख कर सो जाना desi antarvasna
मुझे भी थोड़ी देर बाद नींद आने लगी और मैं उनके पैर के पास सिर रख कर सो गया सोने से पहले मैंने पैंट खोल कर शोर्ट पहन लिया मां अपने बाई तरफ करवट कर के सो गई कुछ देर बाद मुझे भी नींद आने लगी और मैं भी उनकी चादर ओढ़ कर सो गया
अचानक रात करीब 2:30 मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मां की साड़ी कमर के उपर थीं और उनकी चूत घनी झांटों के बीच छुपी थी उनका हाथ मेरे शोर्ट पर लंड के करीब था यह सब देख कर मेरा लंड शोर्ट के अन्दर फड़फड़ाने लगा मैं कुछ भी समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूं मैं उठकर पेशाब करने चला गया
जब वापस आया मैंने चादर उठा कर देखा कि मां अभी तक उसी अवस्था में सोई थी मैं भी उनकी तरफ करवट कर के सो गया लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी बार बार मेरी आंखों के सामने उनकी चूत घूम रही थी थोड़ी देर बाद एक स्टेशन आया वहां 5 मिनट तक ट्रेन रुकी थी और मैं विचार कर रहा था कि क्या करूं desi antarvasna
जैसे ही गाड़ी चली मेरे भाग्य ने साथ दिया और हमारे डिब्बे की लाईट चली गई मैंने सोचा कि भगवान भी मेरा साथ दे रहा है मैंने अपना लंड शोर्ट से निकाल कर लंड के सुपारे की टोपा नीचे सरका कर सुपारे पर ढेर सारा थूक लगा कर सुपारे को चूत के मुंह के पास रख कर सोने का नाटक करने लगा
गाड़ी के धक्के के कारण आधा सुपारा उनकी चूत में चला गया लेकिन मां की तरफ से कोई भी हरकत ना हुई या तो वो गहरी नींद में थी या वो जानबूझ कर कोई हरकत नहीं कर रही थी
मैं समझ नहीं पाया गाड़ी के धक्के से केवल सुपारे का थोड़ा सा हिस्सा चूत में अन्दर बाहर हो रहा था एक बार तो मेरा दिल हुआ कि एक धक्का लगा कर पूरा का पूरा लंड चूत में डाल दूं
लेकिन संकोच और डर के कारण मेरी हिम्मत नहीं हुई गाड़ी के धक्के से केवल सुपारे का थोड़ा सा हिस्सा चूत में अन्दर बाहर हो रहा था इस तरह चोदते चोदते मेरे लंड ने ढेर सारा फव्वारा उनकी चूत और झांटों के ऊपर निकाल दिया अब मैं अपना लंड शोर्ट में डाल कर सो गया desi antarvasna
करीब सवेरे 7 बजे मां ने उठाया और कहा कि चाय पिलो और तैयार हो जाओ क्योंकि 1 घन्टे में हमारा स्टेशन आने वाला है मैं फ्रेश हो कर तैयार हो गया स्टेशन आने तक मां बहन और मैं इधर उधर की बातें करने लगे करीब 10 बजे हम राजेश के घर पहुंचे वहां पर राजेश की बुआ ने हमारा स्वागत किया और कहां नहा धोकर नाश्ता कर लो हम नहा धोकर आंगन में बैठ कर नाश्ता करने लगे
करीब 11:30 बजे बुआ ने मां से कहां भाभी जी आप लोग थक गए होंगे आप आराम कीजिये मैं खेत में जा रही हूं और मैं शाम को लौटूंगी मां ने कहां ठीक है और मुझसे बोली अगर तुम आराम करना चाहो तो आराम कर लो नहीं तो बुआ के साथ जा कर खेत देख लेना मैंने कहां कि मैं आराम नहीं करुगा क्योंकि मेरी नींद पूरी हो गई है मैं बुआ जी के साथ खेत चला जाता हूं वहां पर मेरा समय भी पास हो जायेगा
मैं और बुआ खेत की ओर निकल पड़े रास्ते में हम लोगों ने इधर उधर की काफी बातें की उनका खेत बहुत बड़ा था खेत की एक कोने मे एक छोटा सा मकान भी था दोपहर होने के कारण आजू बाजू के खेत में कोई भी नहीं था खेत पहुंच कर बुआ जी काम में लग गई और कहां कि तुम्हे अगर गर्मी लग रही हो तो शर्ट निकाल लो उस मकान में लुंगी भी है चाहे तो लुंगी पहन लो और यहां आकर मेरी थोड़ी मदद कर दो desi antarvasna
मैं मकान में जाकर शर्ट उतार दिया और लुंगी बनियान पहनकर बुआ जी के काम में मदद करने लगा काम करते करते कभी कभी मेरा हाथ बुआ जी के चूतड़ पर भी टच होता था कुछ देर बाद बुआ जी से मैंने पूछा बुआ जी यहां कहीं पेशाब करने की जगह है? बुआ जी बोली मकान के पीछे झाड़ियों में जाकर कर लो मैं जब पेशाब कर के वापस आया तो देखा बुआ जी अब भी काम कर रही थी
थोड़ी देर बाद बुआ जी बोली आओ अब खाना खाते हैं और थोड़ी देर आराम कर के फिर काम में लग जाएंगे अब हम खेत के कोने वाले मकान में आकर खाना खाने की तैयारी करने लगे मैं और बुआ दोनों ने पहले हाथ पैर धोये फिर खाना खाने बैठ गए बुआ जी मेरे सामने ही बैठ कर खाना खा रही थी खाना खाते समय मैंने देखा कि मेरी लुंगी जरा साईड में हट गई थी
जिस कारण मेरी चड्डी से आधा निकला हुआ लंड दिखाई दे रहा था और बुआ जी की नज़र बार बार मेरे लंड पर जा रही थी लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहां और बीच बीच में उनकी नज़र मेरे लंड पर ही जा रही थी खाना खाने के बाद बुआ जी बरतन धोने लगीं जब वो झुक कर बरतन धो रही थीं तो मुझे उनके बड़े बड़े बूब्स साफ नज़र आ रहे थे उन्होंने केवल ब्लाऊज़ पहना हुआ था बरतन धोने के बाद वो कमरे में आकर चटाई बिछा दी और बोलीं चलो थोड़ी देर आराम करते है desi antarvasna
मैं चटाई पर आकर लेट गया बुआ बोली बेटा आज तो बड़ी गर्मी है कह कर उन्होंने अपनी साड़ी खोल दी और केवल पेटीकोट और ब्लाऊज़ पहन कर मेरे बगल में आकर उस तरफ करवट कर के लेट गई अचानक मेरी नज़र उनके पेटीकोट पर गई उनकी दाहिनी ओर की कमर पर जहां पेटीकोट का नाड़ा बंधा था वहा पर काफी गेप था और गेप से मैंने उनकी कुछ कुछ झांटे दिखाई दे रही थी
अब मेरा लंड लुंगी के अन्दर हरकत करने लगा थोड़ी देर बाद बुआ जी ने करवट बदली तो मैंने तुरंत आंखें बंद करके सोने का नाटक करने लगा थोड़ी देर बाद बुआ जी उठीं और मकान के पीछे चल पड़ी मैं उत्साह के कारण मकान की खिड़की पर गया खिड़की बंद थी लेकिन उसमे एक सुराख था मैं सुराख पर आंख लगाकर देखा तो मकान का पिछला भाग साफ दिखाई दे रहा था बुआ वहां बैठ कर पेशाब करने लगी
सब करने के बाद बुआ जी थोड़ी देर अपनी चूत सहलाती रही फिर उठकर मकान के अन्दर आने लगी फिर मैं तुरंत ही अपनी स्थान पर आकर लेट गया बुआ जी जब वापस मकान में आई तो मैं भी उठकर पिछली तरफ पेशाब करने चला गया मैं जान बूझ कर खिड़की की तरफ लंड पकड़ कर पेशाब करने लगा मैंने महसूस किया कि खिड़की थोड़ी खुली हुई थी और बुआ जी की नज़र मेरे लंड पर थी desi antarvasna
पेशाब करके जब वापस आया तो देखा बुआ जी चित लेटी हुई थी मेरे आने के बाद बुआ बोलीं बेटा आज मेरी कमर बहुत दुख रही है क्या तुम मेरी कमर की मालिश कर सकते हो? मैंने कहां क्यों नही उसने कहां ठीक है सामने तेल की शीशी पड़ी है उसे लगा कर मेरी कमर की मालिश कर देना और फिर वो पेट के बल लेट गई मैं तेल लगा कर उनकी कमर की मालिश करने लगा वो बोली बेटा थोड़ा नीचे मालिश करो
मैंने कहां बुआ जी थोड़ा पेटीकोट का नाड़ा ढीला करोगी तो मालिश करने में आसानी होगी और पेटीकोट पर तेल भी नहीं लगेगा बुआ जी ने पेटीकोट का नाड़ा ढीला कर दिया अब मैं उनकी कमर पर मालिश करने लगा उन्होंने और थोड़ा नीचे मालिश करने को कहां
मैं थोड़ा नीचे की तरफ मालिश करने लगा थोड़ी देर मालिश करने के बाद वो बोली बस बेटा और नाड़ा बंद कर लेट गई मैं भी बगल में आकर लेट गया अब मेरे दिल और दिमाग ने बुआ को कैसे चोदा जाए desi antarvasna
यह विचार करने लगा आधे घण्टे के बाद बुआ जी उठी और साड़ी पहन कर अपने काम में लग गई शाम को करीब 6 बजे हम घर पहुंचे घर पहुंचकर मैंने कहां मां मैं बाजार जा रहा हूं और 1 घण्टे बाद आ जाऊंगा यह कहकर मैं बाजार की ओर निकल पड़ा रास्ते में मैंने बीयर की दुकान से बीयर की बोतलें ले आया घर आकर हाथ पैर धोकर केवल लुंगी पहन कर दूसरे कमरे में जाकर बीयर पीने लगा
1 घण्टे में मैंने 4 बोतलें बीयर पी ली थी और बीयर का नशा हावी होने लगा था इतने में बुआ जी ने खाने के लिए आवाज लगाई हम सब साथ बैठ कर खाना खाने लगे खाना खाने के बाद मैं सिगरेट की दुकान जाकर सिगरेट पीने लगा जब वापस आया तो आंगन में सब बैठ कर बाते कर रहे थे मैं भी उनकी बातों में शामिल हो गया और हंसी मजाक करने लगा बातों बातों में बुआ जी मां से बोली भाभी राजू बेटा अच्छी मालिश करता है
आज खेत में काम करते करते अचानक मेरी कमर में दर्द उठा तो इसने अच्छी मालिश की और कुछ ही देर में मुझे आराम आ गया मां हंस पड़ी और मेरी तरफ अजीब नज़रो से देखने लगी मैं कुछ नहीं कहां और सिर झुका लिया आधे घण्टे के बाद बहन और बुआ सोने चली गई मैं और मां इधर उधर की बातें करते रहे करीब रात 11 बजे मां बोली बता आज तो मेरे पैर दुख रहे है क्या तुम मालिश कर दोगे? desi antarvasna
मैनें कहां हां क्यों नही लेकिन आप केवल सूखी मालिश करवाओगी या तेल लगाकर? मां बेटा अगर तेल लगा कर करोगे तो आसानी होगी और आराम भी मिलेगा मैंने कहां ठीक है लेकिन सरसो का तेल हो तो और भी अच्छा रहेगा और जल्दी आराम मिलेगा फिर मां उठ कर अपने कमरे में गई और मुझे भी अपने कमरे में बुला लिया मैंने कहा आप चलिए मैं पेशाब करके आता हूं मैं जब पेशाब करके उनके कमरे में गया तो देखा मां अपनी साड़ी खोल रही थी
मुझे देख कर बोली बेटा तेल के दाग साड़ी पर ना लगे इस लिए साड़ी उतार रही हूं वो अब केवल ब्लाऊज़ और पेटीकोट में थी और मैं बनियान और लुंगी में था मां ने तेल की शीशी मुझे देकर बिस्तर पर लेट गई मैं भी उनके पैर के पास बैठ कर उनके पैर से थोड़ा पेटीकोट ऊपर किया और तेल लगा कर मालिश करने लगा मां बोली बेटा बड़ा आराम आ रहा है जरा पिंडली में जोर लगा कर मालिश करो मैंने फिर उनका दायां पैर अपने कंधे में रख कर पिंडली में मालिश करने लगा
उनका एक पैर मेरे कंधे पर था और दूसरा नीचे था जिस कारण मुझे उनकी झांटे और चूत के दर्शन हो रहे थे क्योंकि मां ने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी वैसे भी देहाती लोग ब्रा और पैंटी नहीं पहनते है उनकी चूत के दर्शन पाते ही मेरा लंड हरकत करने लगा मां ने अपनी पेटीकोट घुटनों के थोड़ा ऊपर कर के कहां जरा और ऊपर मालिश करो desi antarvasna
मैं अब पिंडली के ऊपर मालिश करने लगा और उनका पेटीकोट घुटनों के थोड़ा ऊपर होने के कारण अब मुझे उनकी चूत साफ दिखाई दे रही थी इस कारण मेरा लंड फूल कर लोहे की तरह कड़ा और सख्त हो गया और चड्डी फाड़ कर निकलने को बेताब हो रहा था मैं थोड़ा थोड़ा ऊपर मालिश करने लगा और मालिश करते करते मेरी उंगलियां कभी कभी उनकी जांघों के पास चली जाती थी
जब भी मेरी उंगलियां उनकी जांघों को स्पर्श करती तो उनके मुंह से आह आह की आवाज निकलती थी मैंने उनकी ओर देखा तो मां की आंखें बंद थी और बार बार वो अपने होंठों पर अपनी जीभ फेर रही थी मैंने सोचा कि मेरी उंगलियों के स्पर्श से मां को मजा आ रहा है क्यों ना इस सुनहरे मौके का फायदा उठाया जाए मैंने मां से कहां मां मेरे हाथ तेल की चिकनाहट के कारण काफी फिसल रहे है यदि आप को अच्छा नहीं लगता है तो मालिश बंद कर दूं?
मां ने कहां कोई बात नहीं मुझे काफी आराम और सुख मिल रहा है फिर मैं अपनी हथेली पर और तेल लगा कर उनके घुटनों के ऊपर मालिश करने लगा मालिश करते करते अचानक मेरी उंगलियां उनकी चूत के इलाके के पास छूने को होने लगी वो आंखें बंद कर के केवल आहें भर रही थी मेरी उंगलियां उनके पेटीकोट के अन्दर चूत को छूने की कोशिश कर रही थी desi antarvasna
अचानक मेरी उंगली ने उनकी चूत को छू लिया फिर मैं थोड़ा घबरा कर अपनी उंगली उनकी चूत से हटा ली और उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए उनके चेहरे की ओर देखा लेकिन मां की आंखें बंद थी
बाकी कहानी अगले भाग में