Maa Ki Sex Story
(मां को नंगी देखा 6)
आप ने maa ki sex story के पिछले भाग में पढ़ा मैंने दूसरे हाथ से मां का मुंह घुमाकर सीधा कर दिया और मां की चूत के उभरे हुए भाग को हथेली में पकड़ लिया मां ने अपनी आंखें कस कर बंद कर रखी थी अब आप maa ki sex story के अगले और आखरी भाग में पढ़े
मां मुझे देखो लेकिन उसने आंखे नहीं खोली
मैंने ज़ोर से मां की चूत को उंगलियों से पकड़कर दबा दिया मां प्लीज़
मां ने अपनी आंखे खोल दी और मुझे देखा उसकी आंखों में कामोन्माद दिखा चूत की दरार की पूरी लंबाई पर मैं उंगली फिराने लगा ऊपर से नीचे तक मां अपने होठों को काटने लगी उसने अपनी ठोड़ी ऊपर उठा ली और उसकी जांघें ढीली पड़ गई
मां की गीली चूत में मैंने बीच वाली उंगली डाल दी
आह्ह्ह आह उफ्फफ मां मां ने सिसकारी ली और अपनी बांहों में भरके ज़ोर से मेरे होठों का चुंबन ले लिया
मां ने अपनी जांघें थोड़ी फैला दी मैंने दो उंगलियां डालकर चूत में अंदर बाहर करना शुरू किया मां ने मेरे होंठ काट लिए और मेरे मुंह में अपनी जीभ घुमाने लगी
मैं नीचे को जाकर मां के तने हुए निपल को होठों के बीच लेकर बच्चे की तरह चूसने लगा फिर और नीचे को जाकर मां के पेट पर जीभ फिराने लगा मां की चूत में उंगली करना जारी रखते हुए मैंने उनके मुलायम पेट पर दांतो से हल्के हल्के काट लिया
मां उफ्फ आह्ह्ह आह करती रही
मैंने मां की चूत से उंगलियां बाहर निकाल ली और उनके पैजामे को नीचे खिसकाने लगा पैजामा उनके नीचे दबा हुआ था इसलिए मैं नीचे नहीं कर पाया मैंने उनकी नाभि पर जीभ फिराई और उन्होने थोड़ा सा बदन उठाकर पैजामा उतारने दिया मैंने घुटनो तक पैजामा खींच लिया और फिर मैं उनके ऊपर लेट गया
मैंने कोहनियों के बल ऊपर उठकर मां को देखा मां ने अपनी नज़रें नहीं हटाई उसकी गहरी आंखों में शांति का भाव था उसके चेहरे पर मुझे हल्की सी मुस्कुराहट दिखी उसने दोनो हाथों से मेरी टीशर्ट पकड़ी और सर के ऊपर से उतार दी
अब मां के हाथ मेरी पूरी पीठ को सहला रहे थे कंधों से लेकर नीचे नितंबों तक मां अब अपनी नज़र फेर नहीं रही थी वो सीधे मेरी आंखों में देख रही थी
फिर मैं अंगूठे से मां की क्लिट को मसलने लगा और दो उंगलियां चूत के अंदर बाहर करने लगा
मां ने अपने होंठ काट लिए और कमर ऐंठ कर टेडी कर दी आह्ह्ह आह ओह सुरेश बर्दाश्त नहीं हो रहा है इतनी दूर ले आए हो की अब वापस नहीं लौट सकती प्रेम या वासना फर्क बहुत कम होता है मेरे बेटे मुझे स्वयं अपने ही भाव का भान नहीं है तुम अपने को समझो अगर सब उन्माद ही है तो तुम्हें मेरी सौगंध ये आख़िरी बार ही होगा बेटा मुझे और नीचे मत गिराना
ये क्या है यह तो मैं भी नहीं जानता मां संभवतः यह प्रेम और वासना में से कुछ भी नहीं है यह तो उपासना है अब मैं आपको हिंदू दर्शन पर व्याख्यान तो नहीं दे सकता बोलिये शिवलिंग क्या है लिंग और योनि का समागम ही तो है जो की सृष्टि की रचना का आधार है मां मैं आपकी योनि को अपना लिंग समर्पित करता हूं जहां से मेरा जन्म हुआ था उस चक्र को पूर्ण करने के लिए
बोलिये मां आप कहती हैं की ये पाप है तब तो क्या संसार के सभी प्राणी अपने माता पिता के पाप का फल हैं बच्चे के जन्म पर खुशियां क्यों संतान पाप का फल है या परमात्मा का वरदान अब ये मत कहना की किसे संभोग का अधिकार है और किसे नहीं पिताजी जिन्हें आपने विवाह के पहले ना देखा था ना ही प्रेम किया था
वो आपके साथ संभोग कर सकते हैं उनका आपके साथ यौन संबंध हो सकता है तो फिर आपके अपने शरीर से ही उत्पन्न आपकी संतान का प्रेम शरीर पर आकर पाप क्यूं हो जाता है ? बताए मां ऐसा क्यूं है ? आपके पास इसका जवाब शायद ना हो लेकिन मुझे तो ये किसी प्रकार का पाप नहीं लगता है आपसे संभोग तो मुझे उपासना लगता है
उफ बेटा कुछ ही घंटो में दार्शनिक हो गए सच ही कहते हैं पुरुष का दिमाग उसकी टांगों के बीच होता है मां शरारत भरी मुस्कान से बोली और मुझे नीचे को खींचकर चूमने लगी
मैंने मां के पैजामे के एलास्टिक में अपने पैर का अंगूठा फसाया और पैजामे को नीचे को खींच दिया मां ने अपने पैरों को हिलाकर पैजामे को अपने पैरो से निकाल दिया अब मेरी प्यारी मां मेरी बांहों में बिल्कुल नग्न थी लेकिन आश्चर्यजनक रूप से मुझे कोई जल्दबाज़ी नहीं थी
एक पुरुष और स्त्री नग्न होकर जैसे एक दूसरे के ऊपर टूट पड़ते हैं वैसा कुछ भी नहीं था मैं शांत भाव से आगे बढ़ रहा था अपना शांत भाव देखकर मुझे खुद हैरानी हो रही थी तभी मुझे मां को पूर्ण रूप से देखने की इच्छा हुई और मैं बेड से उठकर थोड़ी दूर खड़ा हो गया और मां को देखने लगा
मुझे ऐसे देखते हुए पाकर मां ने अपने को ढकने की कोशिश की मैंने नीचे झुककर मां को रोका मां मुझे रति के रूप की ये छवि देखने दो प्लीज़ मुझे इस दृश्य को देखने से वंचित मत कीजिए
मेरी प्रार्थना सुनकर मां शांत पड़ गई उसने अपने घुटने मोड़ लिए और कमर थोड़ी टेडी करते हुए हाथ फैला लिए मां उस पोज़ में खजुराहो के मंदिरों में गढ़ी हुई किसी नारी की तरह कामुक लग रही थी और उसके चेहरे की मुस्कुराहट देखकर तो मेरा पानी ही निकलने को हो गया
मैंने अपना शॉर्ट उतार दिया और मां के बगल में लेट गया एक हाथ मां की गर्दन के नीचे डालकर मैंने उसे चुंबन के लिए अपनी ओर खींचा मां ने चुंबन में पूरा साथ देते हुए मेरे मुंह में जीभ घुसा दी उसके हाथ मेरी नंगी पीठ को कंधे से लेकर नितंबों तक सहलाने लगे मेरे नितंबों के बीच की दरार पर मां ने उंगलियां फिराई मेरे नितंबों को उसने दबाया और सहलाया अब हमारे बीच अपराधबोध जैसी कोई भावना नहीं रह गई थी
ये इतना आनंददायक था की मैं बिना संभोग किए हुए ही दिन भर मां के साथ ऐसे ही लेटे रह सकता था मेरे लिए जैसे समय रुक सा गया था आनंद के उन पलों को मैं लंबा खींचना चाहता था ऐसा लग रहा था की ये पल कभी ख़तम ही ना हो
मैंने मां का हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया मां ने पहले हल्के से लंड को छुआ फिर हल्के से पकड़ लिया कुछ पल बाद जो मुझे बहुत लंबे लगे उसने मेरी गोलियों को सहलाना शुरू किया मैंने अपना सर उठाकर मां को देखा
मुझे गर्व है की तुम मेरे ही शरीर से उत्पन्न हो मेरे लंड पर हाथ फिराते हुए मां बोली फिर उसने लंड को ज़ोर से दबाया और मेरा सर नीचे को खींचकर अपनी छाती में दबा लिया
मां की चूचियों के बीच से सर उठाकर मैं नीचे को बढ़ा और उसकी जांघों के बीच आ गया मां की चूत में मुंह लगाने से पहले ही उसने मुझे रोक दिया
सुरेश आज आनंद का समय नहीं है आज बेटा मुझे लाज और संसारिकता की इस दुर्गम नदी के पार ले चलो आनंद के अवसर तो और भी आएँगे इससे पहले की मेरा साहस टूट जाए आज मुझे बहा के ले चल बेटा
मां की चूत में जीभ घुसाने की अपनी इच्छा को रोकते हुए मैं ऊपर को बढ़ा और उसकी जांघो के ऊपर झुक गया अपनी जांघो को फैलाकर मां ने मुझे जगह दी लंड को हाथ से पकड़कर मैंने मां की चूत के होठों और क्लिट पर रगड़ना शुरू किया मां ने अपनी कमर उठा दी और क्लिट को रगड़ने से वो सिसकारी लेने लगी
हे मां इस अलौकिक संसर्ग की अनुमति मांग रहा हूं मुझे अपने पुत्र को अपनी योनि में स्वीकार कीजिए मां मां के दोनो तरफ हाथ रखकर मैंने मां की आंखों में देखा जिनमे आनंद और आंसू दोनो ही मुझे दिखा
आओ मेरा उपभोग करो बेटा तुम्हारी मां तुम्हारा स्वागत करती है परंतु तुमको सौगंध है अपने उत्तरदायित्व और मर्यादा का पालन करने की ऐसा कहते हुए मां ने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत के छेद पर लगा दिया अपने नितंबों को थोड़ा ऊपर करके उसने मुझे धक्का देने का इशारा किया
मैंने धीरे से लंड को मां की चूत के अंदर डाला मां की चूत के होठों ने फैलकर मेरे लंड को अंदर घुसने दिया बहुत ही आनंद की अनुभूति हो रही थी फिर मैंने पूरा लंड बाहर निकालकर मां की कमर पकड़कर एक झटके में जड़ तक चूत में घुसा दिया
मां के मुंह से लंबी सिसकारी निकली मैंने सर उठाकर मां को देखा वो अपने होंठ काट रही थी और कमर टेडी कर रखी थी लेकिन मुझे आश्चर्य हुआ की उसकी आंखे बंद नहीं थी वो सीधे मेरी आंखों में देख रही थी वो मुझे देखती रही फिर उसने मेरे लिए अपनी बांहे उठा दी मैं मां की बाँहो में आ गया और अपने होंठ उसके होठों से मिला दिए मां की चूत की गर्मी अपने लंड पर महसूस करते हुए मैंने मां के मुंह में जीभ घुसा दी
फिर मैं धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा मां ने अपनी टांगें उठाकर मेरी कमर पर लपेट दी इशारे को समझते हुए मैं लंबे स्ट्रोक लगाकर मां की चुदाई करने लगा आधे से ज़्यादा लंड बाहर निकालकर मैं एक झटके से अंदर घुसा दे रहा था जिससे मां का बदन हिल जा रहा था
मां की आंखों में देखते हुए मैं ऐसा करते रहा मां अपने निचले होंठ को काटते हुए ऊफफफ़ आह्ह्ह ओह बेटा उम्माह करती रही मां की सिसकारियों से मैं बहुत उत्तेजित हो गया लेकिन अपने ऊपर काबू रखते हुए मैंने धीमे धीमे चुदाई जारी रखी
मां की चूत में लंड घुसाए रखकर मैं मां के पूरे बदन को देखने लगा मैंने अपने लंड को देखा जो मां की चूत में घुसा हुआ था मैंने थोड़ा अंदर डाला और फिर बाहर निकाल लिया मेरी प्यारी मां की चूत के रस से लंड पूरा भीग गया था
वोही चूत जो कल तक मेरे लिए असंभव थी वोही चूत जिससे मेरा जन्म हुआ था उस फीलिंग को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता मैंने मां की जांघों पर हाथ फिराया और ज़ोर से मांस को दबा दिया मां को देखा वो मुस्कुरा रही थी
जो तुम्हारी आंखों में देख रही हूं वो पाप नहीं हो सकता मेरे बेटे मुझे आज तक आभास नहीं हुआ की क्या ऐसा है जिसकी मुझे तलाश थी पर अदभुत पूर्णता का आभास हो रहा है ऐसा लग रहा है की मुझे इसका इंतज़ार था आ मेरे बेटे पूर्ण कर दे अपनी मां को ऐसा कहते हुए मां ने अपनी जांघें उठा दी और अपने नितंबों को ऊपर को मोड़कर अपनी चूत ऊपर उठा दी
मैंने अपने दोनो हाथों पर वजन डालकर चूत पर गहरे धक्के मारने शुरू किए इस पोज़ में बहुत गहराई तक चूत के अंदर लंड घुस जा रहा था धक्कों से मां की चूचियां हिलने लगी और उसने अपनी ठोड़ी ऊपर उठा दी
उफ़फ्फ़ मां आआहह बेटा भर दो मुझे बेटा मुझे विश्वास नहीं हो रहा की मैं ये कर रही हूं लेकिन मुझे अच्छा लग रहा है आह्ह्ह आह बेटा
मां ने मुझे और तेज़ी से करने को कहा अब मैं मां की तेज तेज चुदाई करने लगा मां ने अपना सर उठाकर लंड को चूत में घुसते देखा फिर उसने अपनी बांहे मेरी पीठ में लपेटकर मुझे अपनी ओर खींचा मैं नीचे आकर मां की चूचियों के निपल को चूसने लगा इससे मां का आनंद कई गुना बढ़ गया
पी लो बेटा काश आज भी मेरे स्तनों में दूध होता
मैंने ज़ोर से निपल को चूसा
आह आह्ह्ह सुरेश मां सिसकी
मां की चुदाई करते हुए दोनो चूचियों को मैंने खूब चूसा ऐसा आनंद मुझे पहले कभी नहीं आया था
अब मां ने अपने हाथ मेरे नितंबों पर रख दिए और उनको कसके पकड़कर वो मुझे अपनी ओर खींचने लगी और हर धक्के के साथ उसकी सिसकारी निकल जा रही थी मुझे अभी भी लगता है काश मैं उस दृश्य को कैमरे में क़ैद कर पाता हालांकि बाद में घर में हमारे संबंधों के दौरान मैंने इच्छा प्रकट की थी
हमारी चुदाई को रिकॉर्ड करने की और वो तैयार हो गई थी और जब उसने रिकॉर्डिग देखी तो फिर जब भी हम चुदाई करते वो हैंडीकैम से रिकॉर्ड करने को कहती
अचानक मां ने अपने नितंबों को ऊपर उछालना शुरू किया मेरे हर धक्के का जवाब वो नीचे से देने लगी हमारे बदन के टकराने की आवाज़ पूरे कमरे तैयार गूंजने लगी वो इतनी ज़ोर से अपने नितंबों को ऊपर उछाल रही थी की उसका साथ देना मेरे लिए मुश्किल हो गया ठप ठप ठप की आवाज़ के साथ मां की सिसकारियां कमरे तैयार गूंजने लगी
मुझे ऐसा लगा की अब मां अपने ओर्गास्म के नज़दीक़ है अपनी जांघों के बीच वो मुझे किसी गुड्डे की तरह ऊपर उछाल रही थी
सुरेश आह बेटे तेज करो ऊऊहह बेटा मैं मझधार में हूं मुझे पार करा दे मेरे बच्चे
मां के कहने का मतलब था मुझे ओर्गास्म आने वाला है तेज धक्के लगाकर मुझे ओर्गास्म दिला दो
मां को ओर्गास्म आने वाला था मां ने मुझे तेज तेज करने को कहा मैं तेज तेज धक्के लगाकर लंड को मां की चूत में गहराई तक पेलने लगा मैंने मां की चूचियों में मुंह लगाया और ज़ोर से दांत गड़ा दिए
आह्ह्ह आह बेटा मां सिसकी
अब मां ऊपर को छोटे छोटे धक्के लगा रही थी मैंने मां का चुंबन लिया और उसकी जीभ को चूसा
आईईईईई आह्ह्ह
मां ने अपनी कमर उठाकर टेडी कर दी और वो सिसकियां लेते हुए झड़ने लगी उसने मेरी पीठ पर नाख़ून गड़ा दिए कुछ पल तक ऐसे ही हवा में रुककर मां ने कमर नीचे कर दी
रुक मत बेटा नहीं तो मेरी जान निकल जाएगी मुझे दे दो बेटा मां चिल्लाई
मां ने फिर से अपनी जांघें उठा ली मैं मां की जांघों को पकड़कर चूत में लंबे और जोरदार स्ट्रोक लगाने लगा मुझे मालूम था मां का ओर्गास्म पूरा नहीं हुआ है और पूरा ओर्गास्म निकालने के लिए उसको तेज तेज चुदाई की ज़रूरत है
हाँ हाँ ऐसे ही मेरे बचे बस थोड़ा और थोड़ा और मेरे बच्चे आआआ आअहह सुरेशशश मैं गई मुझे संभाल बेटा आह्ह्ह उईईईईईई मांअअ
फिर मां ने मुझे अपनी गिरफ़्त में जकड़ लिया मैंने उसकी जांघों को छोड़ दिया और धक्के लगाकर मां की चुदाई करते रहा मां के झड़ने से उसकी चूत से रस बहने लगा चूत के अंदर बाहर लंड जाते समय रस से भीगकर फच फच फच की आवाज़ करने लगा
अब मां बेड में शांत पड़ गई उसके बदन से पसीना निकल रहा था मां की चूचियों के बीच मुंह रखकर मैं लेट गया
मां ने मेरे कंधों को पकड़कर मुझे थोड़ा ऊपर उठाया और मेरे चेहरे पर उंगलियां फिराने लगी उसके चेहरे पर मुस्कुराहट थी अब वो कोई दूसरी ही औरत बन चुकी थी उसने अपनी जांघो को उठाया और नितंबों को हिलाकर मुझे चुदाई की याद दिलाई
मैं मां के चेहरे को देखते हुए हल्के हल्के धक्के लगाकर चुदाई करने लगा
ओह सुरेश ऐसा विस्फोटक चरम मैने आज तक अनुभव नहीं किया सिसकियां लेते हुए मां बोली
मैंने मुस्कुराते हुए मां का चुंबन लिया आई लव यू मां
मां ने मेरे चेहरे को पकड़ा और माथे का चुंबन लिया फिर आंखों नाक और होठों का चुंबन लेकर मेरे निचले होंठ को चूसने लगी
अब मैं भी झड़ने के करीब था मैंने लंबे स्ट्रोक लगाने शुरू किए लंड को आधा बाहर निकालकर फिर एक झटके में अंदर घुसाने लगा मां की चूत की गहराई में जड़ तक मैं लंड को घुसा दे रहा था
आह सुरेश भर दो मुझे मेरे बच्चे मां मेरा उत्साह बढ़ाते रही
मुझे एहसास हुआ की हम बिना किसी गर्भ निरोध के ही चुदाई कर रहे हैं मां को गर्भ भी ठहर सकता है मुझे चिंता हुई
सुरेश काश की मैं गर्भ धारण कर सकती तुम्हारे वीर्य से स्थापित गर्भ मेरे बच्चे बेटा अपने वीर्य से मेरी योनि भर दो आह सुरेश भर दो मुझे
अब मां सारे बंधनो से पार जा चुकी थी वो खुलेआम अपनी भावनाओ का इज़हार कर रही थी मां की चूचियों को पकड़कर मैं जोरदार धक्के लगाने लगा
मां मेरी प्यारी मां मेरे वीर्य को ग्रहण करो मेरी मां
भर दो बेटा अपनी मां की योनि को अपने वीर्य से भर दो ना जाने कितने जन्मों से ये योनि तुम्हारे वीर्य के लिए तरसती रही है मेरे बच्चे भर दो मुझे
मैंने मां की चूचियों को छोड़ दिया और उसकी गर्दन के नीचे हाथ डालकर उसे चूमने लगा मेरे वीर्य से मां की चूत भर गई मां ने भी वीर्य को महसूस किया और अपने नितंबों को उठाकर वीर्य को ग्रहण किया मेरे नितंबों को पकड़कर वो मुझे अपनी चूत पर पटकने लगी
आह्ह्ह सुरेशशश मैं फिर से गई मां ज़ोर से चीखी उसको दूसरा ओर्गास्म आ गया
मेरे शरीर से सारा वीर्य निकलकर मां की योनि में चला गया
जबरदस्त चुदाई के बाद हम दोनो बेड पर शांत पड़ गए मैं मां के बदन के ऊपर लेटा हुआ था उसने अपनी बांहों में मुझे जकड़ा हुआ था मां की चूत में अभी भी मेरा लंड घुसा हुआ था मैंने फिर से धक्के लगाने की कोशिश की लेकिन मां ने मुझे रोक दिया और शांत लेटे रहने को कहा
मेरा लंड मुरझाकर मां की चूत से बाहर निकल गया मां मुस्कुराई और मुझसे हटने को कहा मैं उसके ऊपर से सरककर बगल में लेट गया
मां बेड में बैठ गई और अपनी फैली हुई जांघों के बीच देखने लगी सुरेश देखो तुमने क्या किया है
मैं उठकर देखने लगा मां की चूत से वीर्य निकलकर बेड में चादर पर गिर रहा था
मैंने मां को देखा वो मुस्कुराई मुझे दुख है मेरे बच्चे ये तुम्हारा वीर्य बरबाद चला गया शिवांगी के गर्भ में इससे एक सुंदर पुत्र पैदा हो गया होता काश मैं भी गर्भधारण कर पाती
फिर झुककर मां ने मेरे होठों का चुंबन ले लिया मैंने मां की चूत से वीर्य निकालकर उसकी चूचियों पर मल दिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा
आह्ह्ह आह सुरेश अब बस करो मैं थक गई हूं इस उमर में कैसे तुम्हारा इतना साथ दे पाई मुझे खुद आश्चर्य हो रहा है कहां से आई मुझ में इतनी शक्ति ?
मां आपकी सही सही उमर क्या है ? मैंने पूछा
बेटा 18 बरस की उमर में मेरी शादी हो गई थी और एक साल से पहले ही तुम हो गए थे मां मुस्कुराते हुए बोली और बेड से उठने लगी
मैंने उसका हाथ पकड़ा इसका मतलब आप
मां ने अपना हाथ छुड़ाया और बाथरूम में भाग गई
बाथरूम के दरवाज़े से बोली तुम मेरी उमर का हिसाब लगाते रहो लेकिन कुछ खाने का भी ऑर्डर दे दो मुझे भूख लगी है अपने प्यारे बच्चे का ख्याल रखने के लिए मुझे ताक़त की ज़रूरत है मां शरारत भरी मुस्कान से मुझे आंख मारते हुए बोली और फिर बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर दिया
मैंने घड़ी में देखा 11:45 का टाइम हुआ था हे ईश्वर 4 घंटे 4 घंटे तक हमारा लंबा प्यार चला था मैं मुस्कुराने लगा
फिर मैंने खाने का ऑर्डर दिया और मां की उमर का हिसाब लगाने लगा जो मां ने बताया था उसके हिसाब से मां की उमर 52 या 53 वर्ष थी हम चारो भाई बहिनो में मैं सबसे बड़ा था और सबसे छोटी बहन मुझसे 7 साल छोटी थी इसका मतलब 30 वर्ष की उमर तक मां चार बच्चों की मां बन चुकी थी शायद उस समय मां जितनी सुंदर रही होगी उसके हिसाब से पिताजी को मां से दूर रहना मुश्किल लगता होगा
तभी मां ने बाथरूम से मुझे आवाज़ दी बाथरूम का दरवाज़ा थोड़ा खुला हुआ था मैं बाथरूम के अंदर चला गया मां बाथटब में खड़ी थी
आओ सुरेश तुमको नहला दूं मां मुस्कुराते हुए बोली
मैं बाथटब में गया और मां का चुंबन लिया और दूसरे हाथ से मां की चूचियां दबाने लगा मां ने मेरा चुंबन लिया और फिर मुझे धकेलते हुए बोली पहले नहा लो बेटा
एक अच्छे बच्चे की तरह मैं मां के सामने खड़ा हो गया मां ने मुझे घुमा दिया और मेरी पीठ पर साबुन लगाने लगी
फिर नीचे को साबुन लगाते हुए उसका हाथ आगे मेरे लंड पर लगा हे भगवान तुम तो फिर से तैयार हो
मेरा ऐसा हाल नहीं था ये तो आपके छूने से हो गया मैंने मुस्कुराकर जवाब दिया
मां ने मुझे सीधा घुमाकर शावर चला दिया फिर नहलाने के बाद तौलिए से मेरा बदन पोछने लगी मैं चुपचाप खड़ा रहा और मां को निहारते रहा ऊपर का बदन पोछकर मां नीचे को पोछने लगी मैं दीवार से टेक लगाकर खड़ा हो गया कुछ पल के लिए मैंने अपनी आंखे बंद कर ली
तभी मेरे लंड पर गर्मी महसूस हुई मैंने आंखे खोलकर देखा तो मां ने लंड को मुंह में लिया हुआ था वो भी क्या दृश्य था मेरे मुंह से आह निकली मां ने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और चूसने लगी दूसरे हाथ से वो मेरी गोलियों को सहला रही थी मैंने फिर से आंखे बंद कर ली
मां ने मुझसे टांगें फैलाने को कहा और मेरे नितंबों को पकड़ लिया मेरा ओर्गास्म बनने लगा तभी मां ने अचानक मेरी गांड के छेद में उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगी शुरू में मुझे कुछ अजीब लगा लेकिन फिर मेरे आनंद में कई गुना बढ़ोतरी हो गई
मां मैं झड़ने वाला हूं और फिर मैंने मां को हटाने की कोशिश की मां ने हाथ के इशारे से मुझे मना किया और लंड चूसते रही
मेरे लंड से वीर्य की धार निकली और सीधे मां के मुंह में गिरी मां लंड चूसते रही वीर्य से उसका मुंह भर गया खांसते हुए मुंह में हाथ लगाकर बड़ी मुश्किल से उसने वीर्य निगल लिया
मैंने मां को कंधे से पकड़कर उठाया मां आपने थूक क्यूं नहीं दिया ?
अपने भक्त पुत्र के वीर्य को कैसे बहा दूं तेरा वीर्य अमूल्य है मेरे लिए धीरे धीरे आदत पड़ जाएगी तब आसानी से पी सकूंगी मां मुस्कुराते हुए बोली और मेरे होठों का चुंबन ले लिया
मां के होठों से मुझे अपने ही वीर्य का स्वाद आया मैंने मां को कसकर आलिंगन कर लिया उसकी बड़ी चूचियां मेरी छाती से दब गई
मैंने मां की चूत को चूसकर उसे सुख देने की कोशिश की लेकिन उसने मुझे रोक दिया
चलो बेटा कमरे में चलो और कपड़े पहन लो बहुत सी बातें करनी हैं हमने अपने बदन नंगे करके एक दूसरे को दिखा दिए अब हमें अपनी आत्मा को भी ऐसे ही खोलकर दिखाना है एक पुरुष की तरह तुम्हें जानना है समझना है और तुम भी एक स्त्री की तरह मुझे समझो मुझे जानो अच्छा या बुरा लेकिन हमें बहुत सी बातें करनी हैं मैंने हामी भरी और हम दोनो बाथरूम से बाहर आ गए
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Maa Ki Sex Story :- मां को नंगी देखा – 1