Sex Story Hindi Bhai Behan
(आरती दीदी)
मेरा नाम मुकेश है मैं Punjabi Sex Story का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं और सभी कहानियां पढ़ चुका हूं मैं अपनी कहानी कई दिनों से आपसे कहने की कोशिश कर रहा था सो आज लिख रहा हूं sex story hindi bhai behan
मैं एक अच्छे घर परिवार से हूं मेरी उम्र 25 साल कद 6 फीट मेरे लिंग की लम्बाई 6.5 इंच और मोटाई 1.5 इंच है मेरे घर में मेरे अलावा मां और एक बड़ी बहन आरती हैं जिसकी उम्र 30 साल हैं
वो बहुत ही फेशनेबल है मेरी दीदी की फिगर 24-36-24 बहुत ही मस्त हैं उसकी चूचियां भी मस्त बड़ी हैं बड़ी दीदी की शादी कुछ चार साल पहले हुई थी पर अब वो विधवा हो गई हैं
मुझे मेरी दीदी बचपन से ही बहुत चाहती थी क्यूंकि मैं घर में सबसे छोटा हूं हम दोनो एक ही कमरे में सोते थे और दीदी के 20 साल की होने तक तो हम एक ही बेड पर सोते थे sex story hindi bhai behan
पर एक दिन मां ने हमे अलग अलग बिस्तर पर सोने को कहा मैंने हमेशा से ही दीदी को चोदने की सोची थी और रात को दीदी के सोते समय उनकी चूचियां और चूत कभी कभी दबा लेता था पर डर के कारण आगे कुछ नहीं कर पाता था हां बाथरूम में मुठ जरूर मार लेता था दीदी को चोदने को मेरा बहुत मन करता था
अब आरती दीदी वापस आ गई थी सो मैं रोज उससे अच्छी अच्छी बातें करने लगा ताकि दीदी को किसी पुरानी घटना की याद ना आए
एक दिन आरती दीदी बाथरूम से नहाकर आ रही थी तो अचानक मेरी नज़र उन पर पड़ गई शायद बाथरूम में तौलिया नहीं था वो गीले बदन पर गाउन पहने थी आरती दीदी के कपड़े शरीर से चिपके हुऐ थे और वो बहुत ही सुन्दर लग रही थी उस दिन फिर से मैंने मुठ मारी
हम दोनों हमेशा कंप्यूटर पर गेम और चैट करते रहते थे एक दिन दीदी साथ वाले कमरे में सो रही थी मैंने कंप्यूटर पर जानबूझ कर Punjabi Sex Story की एक कहानी दीदी की चुदाई पढ़नी शुरू की अचानक दीदी पास आकर बैठ गई और उसने वो कहानी पढ़ ली उसने मुझसे कहा तुम यह सब पढ़ते हो क्या? sex story hindi bhai behan
मैं चुपचाप उनको देखने लगा मैंने मौका देख कर उसके होठों पर चूम लिया आरती दीदी ने मुझे पकड़ कर अलग कर दिया और कहा मार खाएगा तू
और दीदी वहां से उठ कर जाने लगी जाते समय मेरी तरफ देख रहस्यमयी मुस्कान दी मैंने भी मुस्कुराते हुए दीदी की तरफ देखा
थोड़ी देर में दीदी ने मुझे आवाज़ दी और सोने के लिए कहा मैं सोने आ गया बातों बातों में दीदी ने मुझे Punjabi Sex Story की कहानी के बारे में मुझे पूछा मैने भी सब बता दिया दीदी ने मेरी तरफ देखा मैंने मौका देख कर फिर उसके होठों पर चूम लिया आरती दीदी ने मुझे पकड़ कर अलग करने की कोशिश की लेकिन मैंने उन्हें छोड़ा नहीं और चूमता रहा sex story hindi bhai behan
मैं आरती दीदी के होठों को अपने होठों से चिपका कर चूमे जा रहा था वो बेतहाशा पागल हो रही थी
फिर मैंने दीदी के स्तनों की तरफ हाथ बढ़ाया दीदी के स्तनों अग्र भाग को अपनी उंगलियों से चुटकियों से पकड़ कर गोल गोल घुमाया तो दीदी सिसिया उठी मैंने दीदी के चूचे पकड़ लिए थे उनके चुचको को जोर से मसला तो दीदी फिर से सिसिया उठी मगर दर्द से
दीदी के चुचूक तन गए थे जो ब्रा में उभर आए थे मैंने उन पर अपनी उंगलियों के पोर को गोल गोल नचाते हुए छेड़ा इसी बीच मैंने दीदी का गाउन उतार कर फेंक दिया दीदी के कोमल गौर बदन की एक झलक देखने को मिली
अन्दर दीदी ने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी दीदी ने अन्दर सफ़ेद रंग की पैंटी पहनी थी मैंने जिंदगी में पहली बार किसी लड़की को इस रूप में देखा था आरती दीदी का पूरा शरीर जैसे किसी सांचे में ढाल कर बनाया गया था sex story hindi bhai behan
काली ब्रा में उनके शरीर की कांति और भी बढ़ गई थी ब्रा के अन्दर दीदी के बड़े बड़े स्तन कैद थे जो बाहर आने को बेकरार लग रहे थे मैंने ब्रा के स्ट्रेप को कंधे से नीचे उतार कर स्तनों को ब्रा की कैद से पूरी तरह आजाद कर दिया
आरती दीदी को नग्न देख कर मेरी हालत खराब हो गई मैंने कभी किसी के स्तनों को छूकर नहीं देखा था फिर से बड़ी बुरी तरह उन्हें मसला
फिर दीदी ने मेरी टी-शर्ट को ऊपर की ओर उठा दिया दीदी ने अपने हाथों से मेरा अंडरवियर उतार दिया फिर लिंग को पकड़ लिया आरती दीदी मेरे लिंग को देखकर आश्चर्यचकित रह गई sex story hindi bhai behan
दीदी ने लिंग को प्यार से सहलाया दीदी के हाथ के स्पर्श से ही लिंग में कसाव बढ़ गया दीदी ने मुस्कुराते हुए मुझको को चूमा फिर दीदी तुरंत उसे चूसने लगी दीदी को इस तरह से करते हुए देख मजा आ रहा था दीदी ने बाकी लिंग को बाहर से चाट चाट कर चूसा तो मैं भी उत्तेजना से कांप गया
मैंने उनकी जांघों के ठीक बीच में अपना हाथ फिराया और दीदी की पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसा कर पैंटी को उतार लिया और हाथों से हल्के हल्के दीदी की चूत प्रदेश को सहलाने लगा तो दीदी गुदगुदी के मारे उत्तेजित हो रही थी
कुछ देर बाद आरती दीदी बहुत ही उत्तेजित हो गई थी हम दोनों ही अब काफी उत्तेजित हो गए थे अब मैं दीदी की टांगों को फैला कर खुद बीच में लेट गया sex story hindi bhai behan
मैंने आरती दीदी की चूत को सहलाया की चूत की खुशबू मस्त थी फिर उस पर पास में पड़ी बोतल से वैसेलिन निकाल कर लगाई आरती दीदी की चूत का छेद काफी छोटा था मुझे लगा कि मेरी प्यारी आरती दीदी मेरे लण्ड के वार से कहीं मर न जाये
दीदी उत्तेजना के मारे पागल हो रही थी दीदी ने मुझे लण्ड अन्दर डालने के लिए कहा
आरती दीदी की चूत को अच्छी तरह से वैसेलिन लगाने के बाद फिर से दीदी की टांगों के बीच बैठ गया मैंने दीदी की कमर को अपने मजबूत हाथों से पकड़ लिया मैंने कोशिश करके थोड़ा सा लिंग अन्दर प्रवेश करा दिया दीदी हल्के हल्के सिसकारियां ले रही थी
फिर मैंने एक जोरदार झटका मारकर लिंग को काफी अन्दर तक चूत की गहराई तक अन्दर पहुंचा दिया कि दीदी की चीख निकल गई sex story hindi bhai behan
मैंने दीदी के चेहरे को देखा तो मैं समझ गया कि दीदी को दर्द हो रहा है मैंने दोबारा वैसा ही झटका मारा तो दीदी इस बार दर्द से दोहरी हो गई मैंने यह देख कर उनके होठों पर चूम लिया वरना दीदी की आवाज़ दूर तक जाती
दीदी एक मिनट में ही सामान्य नज़र आने लगी क्योंकि उनके मुंह से हल्की हल्की उत्तेजक सिसकारियां निकल रही थी मैंने फिर से एक जबरदस्त धक्का मारा दीदी इस बार दहाड़ मार कर चीख पड़ी मैंने देखा कि इस बार दीदी की आंखों में आंसू तक आ गए थे
मैंने दीदी के होठों को अपने होठों से चिपका लिया और जोर जोर से उन्हें चूमने लगा और साथ ही दीदी के स्तनों को दबाने लगा दीदी भी उतनी तेजी से मुझे चूम रही थी sex story hindi bhai behan
मैं हल्के हल्के अपनी कमर चला रहा था अब दीदी धीरे धीरे सामान्य होती लग रही थी मुझे इतना समझ आया कि जब दीदी को दर्द कम हो रहा है दीदी ने अपने टांगों को मेरी कमर के चारों ओर कस लिया मैंने ने दीदी के होठों को छोड़ दिया और पूछा अब मज़ा आ रहा है क्या? दर्द तो नहीं है?
दीदी बोली आराम से करते रहो मैंने एक जोरदार झटका मारकर अपना लिंग दीदी की चूत में काफी अन्दर तक ठूंस दिया इस बार दीदी के मुंह से उफ भी नहीं निकली बल्कि वो आह सी स्स्स्स सस की आवाज़ें निकाल रही थी दीदी बोली मुझे बहुत अच्छा लग रहा है
यह देखकर तीन चार जोरदार शॉट मारे और लिंग जड़ तक दीदी की चूत में घुसा दिया और अपने होठों को दीदी के होठों से चिपका उनके ऊपर चित्त लेटा रहा sex story hindi bhai behan
अब झटकों की गति और गहराई दोनों ही बढ़ा दी आधे घंटे त़क दीदी के रास्ते में मैं दौड़ लगाता रहा फिर दीदी ने अपनी टांगें ढीली कर ली दीदी स्खलित हो गई थी कुछ ही देर में मेरा शरीर ढीला हो गया काफी देर मैं दीदी के ऊपर लेटा रहा
दीदी मेरे होठों को बार बार चूम रही थी और आत्मसंतुष्टि के भाव के साथ मुस्कुरा रही थी मैंने दीदी के कामरस को खूब पिया उन्होंने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में चिपका दिया था आरती दीदी को रात में 3 बार चोदा हर रात मजा कर रहा हूं मैं