आप ने bhabhi sex story के पिछले भाग में पढ़ा उस समय रात को भाभी काले रंग की मुलायम और चमकदार नाइटी पहन कर आयी उस नाइटी को देख कर लग रहा था कि शायद भाभी नाइटी के अंदर ब्रा और पैंटी नहीं पहन रखी थी अब आप sex story bhabhi hindi में आगे पढ़े
Sex Story Bhabhi Hindi 2
भाभी के दोनों मम्में और निप्पल नाइटी में दूर से ही साफ नजर आ रहे थे उनके 38 साइज के गोल गोल हिप्स भी अलग ही दिखाई दे रहे थे
भाभी कमाल की सेक्सी औरत लग रही थी उनको देखकर मन कर रहा था की बस उन्हें देखता ही रहूं
थोड़ी देर मैं और भाभी इधर उधर की बातें करते रहे फिर भाभी बोली- अब तुम्हारे लंड महाराज कैसे हैं जरा दिखाओ?
भाभी के मुंह से लंड शब्द सुनते ही मेरे लंड में एक अजीब सी सिरहन दौड़ गयी और लंड तुरंत खड़ा होकर एकदम सख्त हो गया
मैंने लोवर नीचे किया और लंड भाभी को दिखा दिया भाभी ने धीरे से पट्टी खोल दी और बोली- अब रात में लोवर उतार दो और इसको ऐसे ही खुला छोड़ दो ऐसे खुला रखने से जख्म जल्दी भरेगा
मैंने भी तुरंत ही लोवर निकाल दिया
भाभी ने एक रजाई मुझे दे दी और दूसरी रजाई में खुद और अपनी बिटिया के साथ लेट गयी
सोने से पहले भाभी ने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया था और नाइट बल्ब जला दिया था जिससे कमरे में अंधेरा था और बहुत हल्का सा आस पास दिखाई दे रहा था
सोते समय सुलेखा भाभी बोली- मनोज अगर रात में कोई प्रॉब्लम हो या किसी चीज की जरूरत पड़े तो मुझे उठा देना और गुड नाईट कह कर सो गयी
थोड़ी देर बाद मुझे भी नींद आ गयी और मैं भी भाभी के मखमली जिस्म के बारे में सोचते हुये और उनकी ओर करवट लेकर सो गया
रात को करीब 2 घंटे बाद मुझे अपनी नंगी जांघों पर कुछ गर्म गर्म सा महसूस हुआ असल में जब मैं नींद से जगा तो मैंने पाया कि भाभी अपनी रजाई से निकल कर मेरी रजाई में आ गयी है
सुलेखा भाभी मेरी तरफ अपनी पीठ घुमा रखी थी और उनके दोनों बड़े बड़े चूतड़ मेरी जांघों और मेरे लंड से पूरी तरह से सटे हुये थे
मैंने महसूस किया कि भाभी ने अपनी नाईटी ऊपर उठा रखी थी जिससे उनके चूतड़ एकदम नंगे थे और मेरा लंड तो पहले से ही एकदम नंगा था उनकी गांड का मुलायम स्पर्श मिलते ही मेरा लंड फन फना कर लोहे की रोड की तरह सख्त हो कर बुरी तरह से अकड़ चुका था
कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था मुझे कि यह क्या हो रहा है मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि मैं सुलेखा भाभी के साथ कभी इस हालात में भी लेटूंगा मैं यह नहीं सोच पा रहा था कि अब क्या करूं या क्या ना करूं
मुझे लगा कि शायद सुलेखा भाभी गलती से मेरी रजाई में आ गयी हो इसलिये मैं थोड़ी देर ऐसे ही चुपचाप लेटा रहा लेकिन मेरा लंड वह बेताब था वह मेरे बस में नहीं था और सुलेखा भाभी के कोमल और मुलायम स्पर्श को पाकर मेरा लंड उनकी चूत में घुसने को बेताब था
उसी टाइम अचानक सुलेखा भाभी ने अपनी कमर थोड़ी सी हिलाई और मेरा लंड उनकी गांड की दरार में घुसने लगा फिर थोड़ी देर बाद सुलेखा भाभी ने अपनी गांड थोड़े पीछे को सरका दी जिससे मेरा लंड और आगे तक उनकी गांड की दरार में सरक गया
मुझे महसूस हुआ कि शायद सुलेखा भाभी जग रही है और वह जानबूझकर मेरा लंड अपनी चूत में लेना चाहती है
मैंने धीरे से अपना एक हाथ उनके एक कूल्हे पर रख दिया भाभी थोड़ी देर के लिये रुक गयी उन्हें लगा कि मैं नींद में हूं
तभी मैंने महसूस किया कि भाभी ने मेरा हाथ उठा कर अपने एक स्तन पर रख दिया उनके मम्में एकदम नंगे थे क्योंकि उन्होंने अपनी नाइटी के सामने वाले बटन खोल रखे थे
उनके मम्मों का स्पर्श पाकर मानो मेरे लंड में आग लग गयी तभी मैंने महसूस किया कि भाभी ने चूची पर रखे हुये मेरे हाथ को दबाया और अपनी टांग उठा कर मेरे लंड को दरार में घुसने के लिये जगह बना दी
इस आज़ादी के मिलने से मेरा लंड फनफनाने लगा और भाभी की जाँघों के अंदर की ओर सरकने लगा
तभी मैंने एक और चीज़ महसूस की कि मेरा नंगा लण्ड भाभी की नंगी जांघों के बीच की जगह में घुस रहा था और मैं अपने लंड को रोकने पर भी नहीं रोक पा रहा था
मैंने जो हो रहा था उसे रोकने की कोशिश छोड़ दी और इंतज़ार करने लगा कि आगे क्या होता है लेकिन मुझे यकीन हो गया था कि आज भाभी सेक्स स्टोरी बन कर रहेगी
कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड भाभी की टांगों के बीच में चूत की फांकों के मुंह के पास पहुँच कर रुक गया था
तभी भाभी की टांग हिली और मैंने पाया कि मेरा लंड झट से भाभी की चूत के होटों से चिपक गया था
मेरे पसीने छुटने लगे थे उस स्थिति में मैं क्या करूं मुझे समझ नहीं आ रहा था इसलिये मैं इंतज़ार करने लगा
कहते हैं कि इंतज़ार का फल मीठा होता है और मुझे जल्द ही महसूस होने लगा कि भाभी भी गर्म हो चुकी थी क्योंकि उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था जिसकी वजह से मेरा लंड भी गीला होने लगा था
तभी भाभी ने एक और हरकत की और अपने हाथ से मेरे लंड का सुपारा अपनी चूत के मुंह के आगे करके थोड़ा नीचे सरक गयी
बस फिर क्या था मेरा गर्म लंड भाभी की चूत के अंदर जाने को लपक पड़ा और देखते ही देखते मेरा लंड भाभी की चूत में दो इन्च तक अंदर घुस गया था
तभी भाभी का हाथ मेरे कूल्हे पर पड़ा और उन्होंने मुझे आगे सरकने के लिये दबा कर इशारा किया फिर क्या था मुझे तो खुली इजाजत मिल गयी थी और मेरा सारा डर भाग गया था मैं आहिस्ते से हिला और आगे की ओर सरका जिससे मेरा लंड भी भाभी की चूत में और आगे घुसने लगा था
कुछ ही देर में मेरे कुछ धक्कों की वजह से मेरा लंड पूरा का पूरा भाभी की चूत के अंदर घुस गया था भाभी शायद इतना लंबा और मोटा लंड लेने के लिये बेचैन थी इसलिये उसके मुख से ज़ोर से आह्ह्ह आईईई निकल गयी
मैंने भाभी से आखिरकार बोल ही दिया- कैसा लग रहा है भाभी जान?
सुलेखा भाभी बोली- हाय मेरे राजा मेरी चुदाई चालू रखो और तेज धक्के मारो मेरी चूत में
फिर क्या था भाभी के मुख से ये शब्द सुनते ही मैं पूरे जोश से चुदाई में पिल गया और तेज तेज धक्के मारने लगा चूत गीली होने के कारण फच फच की आवाज आ रही थी
भाभी की चूत भी गर्म होने लगी थी और उसकी पकड़ लंड पर मज़बूत होती जा रही थी जिससे मेरे लंड को रगड़ भी ज्यादा लग रही थी
भाभी की उम्म्ह अहह हय ओह और उंहह्ह उंहह ह्ह्ह की आवाजें भी तेज होने लगी थी लेकिन मैंने इसकी परवाह किये बिना उनकी चुदाई चालू रखी
एक समय आया जब भाभी कि चूत एकदम चिकनी हो गयी और मुझे लंड अंदर बाहर करने में बहुत मजा आने लगा
तभी भाभी एकदम अकड़ गयी और उन्होंने अपनी दोनों टांगें सिकोड़ ली तथा ज़ोर से चिल्ला भी पड़ी- आईईई ईईईईए
मैं समझ गया कि भाभी का पानी छूट गया था मैंने उनकी चुदाई थोड़ी और तेज कर दी और तब भाभी ने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया तथा अपने शरीर को मेरे धक्कों के साथ साथ हिलाने लगी वह ज़ोर ज़ोर से आह्ह अह्ह उंहह्ह ह्ह्ह उम्हह्ह की आवाजें भी निकालने लगी
अब चुदाई का आनंद चार गुना हो गया था और मैं इस इंतज़ार में था कि कब मेरा छूटता है
अगले 5 मिनट तक मैं सुलेखा भाभी को उसी तरह चोदता रहा मुझे अक्सर झड़ने में 30 मिनट लगते हैं
तभी सुलेखा भाभी बोली- अब तुम नीचे आ जाओ और मैं तुम्हारे लंड पर बैठकर अब तुम्हारी चुदाई करूंगी
मैंने लंड बाहर निकाला और सीधा लेट गया सुलेखा भाभी उठकर मेरे लंड पर बैठ गयी और अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डालने लगी उसके बाद सुलेखा भाभी ने अपनी गांड उठा उठा कर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारना चालू कर दिया
भाभी अपनी गांड बहुत ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे हिला रही थी पूरा कमरा फच फच की आवाज से गूंज रहा था
सुलेखा भाभी धीरे से मेरे कान के पास आकर बोली- मुझे चुदाई करवाए हुये एक अरसा हो गया था
तुम्हारे भईया का तो अब सब कुछ खत्म है वो तो अब दारू पीने के अलावा और कुछ काम कर ही नहीं सकते वो तो मुझे ठीक से चोद भी नहीं पाते
मैं हमेशा से ही तुम्हारे बारे में सोचती रहती थी कि पता नहीं कब तुम्हारे लंड से अपनी चूत की प्यास बुझा पाऊंगी और फिर जब आज मैंने देखा कि तुम्हारा लंड तो मेरे पति के लंड से कहीं ज्यादा लंबा और मोटा और ताकतवर है तो मैं अपने होश खो बैठी
मनोज प्लीज मुझसे एक वादा करो कि तुम हमेशा मुझे बीच बीच में टाइम निकालकर ऐसे ही चोदने आते रहोगे अगर मुझे तुम्हारा लंड नहीं मिला तो मैं मर जाऊंगी अब मैं तुम्हारे लंड के बिना नहीं रह सकती तुमने आज मेरे सारे सपने पूरे कर दिए हैं
इसी बीच वो कहने लगी- अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ
मैं उनके ऊपर आकर उनकी चूत मारने लगा और मैं भी बोला- सुलेखा भाभी मुझे भी तुम शुरू से ही बहुत ज्यादा पसंद थी
लेकिन मैं कभी तुमसे कुछ बोल नहीं पाता था मुझे भी तुम्हारी चूत मार कर आज बहुत ज्यादा मजा आया है एक परम आनंद की अनुभूति हुयी है मैं भी तुम्हें हमेशा चोदता रहूंगा
उन्होंने अपना एक स्तन पकड़कर उसका चूचुक मेरे मुंह में डाल दिया फिर कुछ देर चूची चुस्वाने के बाद उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी
उनकी चूत में मेरे लंड की स्पीड और तेज हो गयी इतना मजा आ रहा था कि बयां करना मुश्किल है
सुलेखा भाभी बोली- मनोज तुम्हारे मोटे और लंबे लंड की कीमत एक औरत ही जानती है
जब मुझे लगा कि मेरा भी वीर्य छूटने वाला था तब मैंने सुलेखा भाभी से पूछा- भाभी क्या मैं अपना वीर्य चूत के अंदर छोड़ूं या बाहर निकालूं?
सुलेखा भाभी ने जवाब दिया- यार अंदर ही छोड़ देना
बस फिर क्या था मैंने भी भाभी की चुदाई फुल स्पीड से करनी शुरू कर दी और जैसे ही सुलेखा भाभी अकड़ कर आईईई ईईईई आईईई करती हुयी छूटी मैंने भी सुलेखा भाभी की प्यारी सी चूत के अंदर अपनी पिचकारी चला दी
वह पिचकारी इतनी चली और चलती ही गयी कि मैं खुद हैरान हो गया था कि मेरे अंदर इंतना रस कहां से आ गया था जो मैं आज तक भी समझ न पाया
हम दोनों के छूटने का समय ने बहुत ही मेल खाया था और उस समय मैंने अपने जीवन का सबसे बड़ा आनंद महसूस किया था मैं इस आनंद की अनुभूति सुलेखा भाभी के मुख पर भी देख रहा था
मैंने सुलेखा भाभी को चूमते हुये धीरे से कहा- आपने मुझे आज वो प्यार दिया है जो मुझे पहले कभी नहीं मिला
सुलेखा भाभी बोली- मनोज यह प्यार में तुम्हें हमेशा ऐसे ही देती रहूंगी बस तुम हमेशा मुझे ऐसे ही चोदते रहो
उसके बाद हमने एक घंटा रेस्ट किया और मैंने फिर सुलेखा भाभी की चूत मारी फिर हम लोग सो गये
सुबह 5:00 बजे सुलेखा भाभी की आंख खुली भाभी नहाने के लिये बाथरूम में घुसी तो उनके पीछे पीछे मैं भी बाथरूम में चला गया मैंने सुलेखा भाभी के मम्में चूसने शुरू कर दिया भाभी मेरा लंड हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी
मेरा लंड खड़ा होकर चूत में घुसने को बेकरार था फिर सुलेखा भाभी ने नीचे बैठकर मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और उसको ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी
फिर मैंने सुलेखा भाभी को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और पीछे से उनकी चूत नीचे बैठकर चाटने लगा मुझे बड़ा मजा आ रहा था भाभी के मुंह से उम्म्ह अहह हय ओह की सिसकारियां निकल रही थी
उसके बाद मैंने सुलेखा भाभी की चूत में खड़े खड़े ही पीछे से लंड पेल दिया मैं खूब ज़ोर ज़ोर से भाभी की चूत में धक्के लगा रहा था सुलेखा भाभी भी मेरे कूल्हे पकड़ कर अपनी गांड आगे पीछे कर रही थी
मानो मुझसे कह रही थी कि बस उसे ऐसे ही चोदते जाओ और फिर दोबारा मैंने भाभी की चूत में वीर्य गिरा दिया
फिर सुलेखा भाभी और मैं नहा कर नीचे चले गये
शाम को घर के सब लोग भी वापस आने वाले थे इसलिये उनके आने से पहले हमने एक बार और ऊपर कमरे में आकर चुदाई कर ली
सुलेखा भाभी अब बहुत खुश नजर आ रही थी मैं भी सुलेखा भाभी की चुदाई करके मन ही मन बहुत खुश था मुझे अब जब भी टाइम मिलता है मैं भाभी की चुदाई करने पहुंच जाता हूं
अब मेरी नजर सुलेखा भाभी की गांड पर है मैं सुलेखा भाभी की गांड भी मारना चाहता क्योंकि भाभी की गांड बहुत सेक्सी है मेरा मन अब सुलेखा भाभी की गांड मारने को करता है भाभी की गांड की सील मैं ही तोड़ूंगा क्योंकि भाभी ने कभी गांड नहीं मरवाई होगी
मेरा तो सुलेखा भाभी की गांड के बारे में सोचकर ही लंड खड़ा हो जाता है अब जब भी मौका मिला मैं सुलेखा भाभी की गांड मारकर उसकी सील तोड़ूंगा
कैसी लगी आपको यह bhabhi sex story मुझे जरूर बताना और sex story bhabhi hindi पढ़ने के लिये आप punjabi sex story com पर आते रहे यहां पर आपको बहुत सारी sex story bhabhi hindi पढ़ने को मिलेगी
Bhabhi Sex Story :- भाभी मेरी रजाई में आयी- 1