मां बेटे की अन्तर्वासना – 5

Sex Kahani Antarvasna

(मां बेटे की अन्तर्वासना 5)

आप ने sex kahani antarvasna के पिछले भाग में पढ़ा था फिर मां ने अपने हाथो से पेटिकोट के निचले भाग को पकड़ा और धीरे धीरे उपर उठाने लगी मेरी हिम्मत तो बढ़ ही चुकी थी मैने धीरे से मां से कहा ओह मां ऐसे नही अब sex kahani antarvasna में आगे पढ़े

मां – तो फिर कैसे रे कैसे देखेगा

मां पूरा खोल के दिखाओ ना

पूरा खोल के से तेरा क्या मतलब है

पूरा कपड़ा खोल के मेरी बड़ी तमन्ना है की मैं तुम्हारे पूरे बदन को नंगा देखूं

मां ने मेरे लंड को फिर से अपने हाथो में पकड़ लिया और मुठियाने लगी इस पर मैं बोला ओह छोड़ दो मां ज्यादा करोगी तो अभी निकल जाएगा

कोई बात नहीं अभी निकल ले अगर पूरा खोल के दिखा दूंगी तो फिर तो तेरा देखते ही निकल जाएगा पूरा खोल के देखना है ना अभी इतना सुनते ही मेरा दिल तो बल्लियों उछलने लगा

हां मां सच में दिखाओगी ना?

हां दिखाउंगी मेरे राजा बेटा ज़रूर दिखाउंगी अब तो तू पूरा जवान हो गया है और काम करने लायक भी हो गया है अब तो तुझे ही दिखना है सब कुछ और तेरे से अपना सारा काम करवाना है मुझे

मां और तेज़ी के साथ मेरे लंड को मुठिया रही थी और बार बार मेरे लंड के सुपाड़े को अपने अंगूठे से दबा भी रही थी

मां बोली अभी जल्दी से तेरा निकल देती हूं फिर देख तुझे कितना मज़ा आएगा अभी तो तेरी ये हालत है की देखते ही झर जाएगा एक पानी निकल दे फिर देख तुझे कितना मज़ा आता है

ठीक है मां निकाल दो एक पानी मैं भी तेरा मम्मां दबाऊं ?

अब आया ना लाइन पर पूछता क्या है दबा ना दबा मेरे मम्मों को इस से तेरा पानी जल्दी निकलेगा क्या भयंकर लंड है पता नहीं इस उमर में ये हाल है जब इस छोकरे के लंड का तो पूरा जवान होगा तो क्या होगा
मैने अपने दोनो हथेलियो में मां की चुचिया भर ली और उन्हे खूब कस कस के दबाने लगा

ग़ज़ब का मज़ा आ रहा था ऐसा लग रहा था जैसे की मैं पागल हो जाउंगा दोनो चुचिया किसी अनार की तरह से सख़्त और गुदाज़ थी उसके मोटे मोटे निपल भी ब्लाउज के उपर से पकड़ में आ रहे थे मैं दोनो निपल के साथ साथ पूरे मम्में को ब्लाउज के उपर से पकड़ कर दबाए जा रहा था

मां के मुंह से अब सिसकारिया निकलने लगी थी और वो मेरा उत्साह बढाते जा रही थी हां बेटा शाबाश ऐसे ही दबा मेरे मम्मों को है क्या लंड है पता नहीं घोड़े का है या सांड का ठहर जा अभी इसे चूस के तेरा पानी निकलती हूं कह कर वो नीचे की तरफ झुक गई जल्दी से मेरा लंड अपने होंठो के बीच क़ैद कर लिया और सुपाड़े को होंठो के बीच दबा के खूब कस कस के चूसने लगी जैसे कि पीपे लगा के कोई कोका-कोला पीता है

मैं उसके मम्मों को अब और ज्यादा जोर से दबा रहा था मेरी भी सिसकारिया निकलने लगी थी मेरा पानी अब छूटने वाला ही था रे मेरी मां निकला रे निकला मेरा निकल गया ओह मां सारा का सारा पानी तेरे मुंह में ही निकल गया रे मां का हाथ अब और तेज गति से चलने लगा ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे पानी को गटागट पीते जा रही है

मेरे लंड के सुपरे से निकले एक-एक बूँद पानी चूस जाने के बाद मां ने अपने होंठो मेरे को मेरे लंड पर से हटा लिया और मुस्कुराती हुई मुझे देखने लगी और बोली कैसा लगा

मैने कहा बहुत अच्छा और बिस्तर पर एक तरफ लुढ़क गया मेरे साथ साथ मां भी लुढ़क के मेरे बगल में लेट गई और मेरे होंठो और गालो को थोड़ी देर तक चूमती रहीथोड़ी देर तक आंख बंद कर के पड़े रहने के बाद जब मैं उठा तो देखा की मां ने अपनी आंखे बंद कर रखी है और अपने हाथो से अपने मम्मों को हल्के हल्के सहला रही थी

मैं उठ कर बैठ गया और धीरे से मां के पैरों के पास चला गया मां ने अपना एक पैर मोड़े रखा था और एक पैर सीधा कर के रखा हुआ उसका पेटिकोट उसके जांघों तक उठा हुआ था पेटिकोट के उपर और नीचे के भागो के बीच में एक गैप सा बन गया था उस गैप से उसकी झाँट अंदर तक नज़र आ रही थी

उसकी गुदज जांघों के उपर हाथ रख के मैं हल्का सा झुक गया और अंदर तक देखने के लिए हालांकि अन्दर रोशनी बहुत कम थी परंतु फिर भी मुझे उसके काले काले झाटों के दर्शन हो गये झाटों के कारण चूत तो नहीं दिखी परंतु चूत की खुशबु ज़रूर मिल गई

तभी मां ने अपनी आंखे खोल दी और मुझे अपने जाघों के बीच झकते हुए देख कर बोली हाय दैया उठ भी गया तू मैं तो सोच रही थी अभी कम से कम आधा घंटा शांत पड़ा रहेगा और मेरी जांघों के बीच क्या कर रहा है? देखो इस लड़के को बुर देखने के लिए दीवाना हुआ बैठा है

फिर मुझे अपने बांहों में भर कर मेरे गाल पर चुम्मि काट कर बोली मेरे लाल को अपनी मां का बुर देखना है ना अभी दिखती हूं मेरे छोरे है मुझे नहीं पता था कि तेरे अंदर इतनी बेकरारी है बुर देखने की

मेरी भी हिम्मत बढ़ गई थी मां जल्दी से खोलो और दिखा दो

अभी दिखती हूं कैसे देखेगा बता ना

कैसे क्या मां खोलो ना बस जल्दी से

तो ले ये है मेरे पेटिकोट का नाड़ा खुद ही खोल के मां को नंगा कर दे और देख ले

हाय मां मेरे से नहीं होगा तुम खोलो ना

क्यों नहीं होगा जब तू पेटिकोट नहीं खोल पाएगा तो आगे का काम कैसे करेगा

मां आगे का भी काम करने दोगी क्या?

मेरे इस सवाल पर मां ने मेरे गालो को मसलते हुए कहा क्यों आगे का काम नहीं करेगा क्या अपनी मां को ऐसे ही प्यासा छोड़ देगा तू तो कहता था कि तुझे ठंडा कर दूंगा पर तू तो मुझे गरम कर छोड़ने की बात कर रहा है
मां मेरा ये मतलब नहीं था मुझे तो अपने कानो पर विश्वास नहीं हो रहा कि तुम मुझे और आगे बढ़ने दोगी

गधे के जैसा लंड होने के साथ साथ तेरा तो दिमाग़ भी गधे के जैसा ही हो गया है लगता है सीधा खोल के ही पुछना पड़ेगा बोल चोदेगा मुझे? चोदेगा अपनी मां को मां की बुर चाटेगा ? और फिर उसमे अपना लंड डालेगा बोल ना

हां मां सब करूँगा सब करूँगा जो तू कहेगी वो सब करूँगा है मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा की मेरा सपना सच होने जा रहा है ओह मेरे सपनो में आने वाली परी के साथ सब कुछ करने जा रहा हूं

क्यों सपनो में तुझे और कोई नहीं मैं ही दिखती थी क्या
हा मां तुम्ही तो हो मेरे सपनो की परी पूरे गावं में तुमसे सुंदर कोई नहीं है मेरे 16 साल का जवान छोकरे को उसकी मां इतनी सुंदर लगती है क्या?

हा मां सच में तुम बहुत सुंदर हो और मैं तुम्हे बहुत दिनों से चोदना चाहता हूं पर कह नहीं पाता था
कोई बात नहीं बेटा अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है वो भला हुआ कि आज मैने खुद ही पहल कर दी चल आ देख अपनी मां को नंगा और आज से बन जा उसका सैयां कह कर मां बिस्तर के नीचे उतर गई और मेरे सामने आके खडी हो गई और धीरे धीरे करके अपने ब्लाउज के एक बटन को खोलने लगी

ऐसा लग रहा था जैसे चाँद बादल में से निकल रहा है धीरे धीरे उसकी गोरी गोरी चुचिया दिखने लगी ओह गजब की चुचिया थी देखने से लग रहा था जैसे की दो बड़े बड़े नारियल हों दोनो तरफ लटक रहे हो एकदम गोल और आगे से नुकीले तीर के जैसे मम्मों पर नसों की नीली रेखाएं स्पष्ट दिख रही थी

निपल थोड़े मोटे और एकदम कड़े थे और उनके चारो तरफ हल्का गुलाबीपन लिए हुए गोल गोल घेरा था निपल भूरे रंग के थे

मां अपने हाथो से अपने मम्मों को नीचे से पकड़ कर मुझे दिखाती हुई बोली पसंद आई अपनी मां के मम्में कैसे लगे बेटा बोल ना फिर आगे का दिखाउंगी
हां मां तुम सच में बहुत सुंदर हो ओह कितने सुंदर मम्में है ओह

मां ने अपने मम्मों पर हाथ फेरते हुए और अच्छे से मुझे दिखाते हुए हल्का सा हिलाया और बोली खूब सेवा करनी होगी इसकी तुझे देख कैसे शान से सिर उठाए खड़ा है इस उमर में भी तेरे बाप के बस का तो है नहीं अब तू ही इन्हे संभालना कह कर वो फिर अपने हाथो को अपने पेटिकोट के नाड़ा पर ले गई और बोली अब देख बेटा तुझे जन्नत का दरवाजा दिखती हूं

अपनी मां का स्पेशल मालपुआ देख जिसके लिए तू इतना तरस रहा था कह कर मां ने अपने पेटिकोट के नाड़ा को खोल दिया पेटिकोट उसके कमर से सरसरते हुए सीधा नीचे गिर गया और मां ने एक पैर से पेटिकोट को एक तरफ उछल कर फेंक दिया और बिस्तर के और नज़दीक आ गई फिर बोली बेटा तूने तो मुझे एकदम बेशरम बना दिया

फिर मेरे लंड को अपने मुट्ठी में भर के बोली ओह तेरे इस सांड जैसे लंड ने तो मुझे पागल बना दिया है देख ले अपनी मां को जी भर के

मेरी नज़रे मां के जांघों के बीच में उसकी मस्त चूत पर टिकी हुई थी मां की गोरी गोरी चिकनी रानों के बीच में काले काले झाटों का एक तिकोना बना हुआ था झांट बहुत ज्यादा बड़े नहीं थे झांटों के बीच में से उसकी गुलाबी चूत की हल्की झलक मिल रही थी मैने अपने हाथो को मां के जांघों पर रखा और थोडा नीचे झुक कर ठीक चूत के पास अपने चेहरे को ले जा के देखने लगा

मां ने अपने दोनो हाथ को मेरे सिर पर रख दिया और मेरे बालो से खेलने लगी फिर बोली रुक जा ऐसे नहीं दिखेगा तुझे आराम से बिस्तर पर लेट के दिखाती हूं
ठीक है आ जाओ बिस्तर पर मां एक बार जरा पीछे घुमो ना

ओह मेरा राजा मेरा पिछवाडा भी देखना चाहता है क्या चल गांड तो मैं तुझे खड़े खड़े ही दिखा देती हूं ले देख अपनी मां के बुर और गांड को इतना कह कर वो पीछे घूम गई

ओह कितना सुंदर दृश्य था वो इसे मैं अपनी पूरी जिंदगी में कभी नहीं भूल सकता उस के चूत सच में बड़े खुबसूरत थे एकदम मलाई जैसे गोल-मटोल गुदज मांसल और उस चूत के बीच में एक गहरी लकीर सी बन रही थी जो कि उसके गांड की खाई थी

मैने उसे को थोडा झुकने को कहा तो वो झुक गई और मै आराम से दोनों मक्खन जैसे चूतडों को पकड़ के अपने हाथो से मसलते हुए उनके बीच की खाई को देखने लगा दोनो चूतडों को बीच में गांड की भूरे रंग की छेद फुकफुका रही थी एकदम छोटी सी गोल छेद मैने हल्के से अपने हाथ को उस छेद पर रख दिया और हल्के हल्के उसे सहलाने लगा साथ में मैं चूतडों को भी मसल रहा था पर तभी मां आगे घूम गई

चल मैं खड़े खड़े थक गई अब जो करना है बिस्तर पर करेंगे और वो बिस्तर पर चढ़ गई पलंग की पुष्ट से अपने सिर को टिका कर उसने अपने दोनो पैरो को मेरे सामने खोल कर फैला दिया और बोली अब देख ले आराम से पर एक बात तो बता तू देखने के बाद क्या करेगा कुछ मालूम भी है तुझे या नही

हां मां तुझे चोदुंगा

अच्छा चोदेगा? पर कैसे जरा बता तो सही कैसे चोदेगा

मैं पहले तुम्हारी चूत चुसना चाहता हूं

चल ठीक है चूस लेना और क्या करेगा

ओह और पता नहीं पता नहीं ये क्या जवाब हुआ पता नहीं जब कुछ पता नहीं तो मां पर डोरे क्यों डाल रहा था?

ओह मां मैने पहले किसी को किया नहीं है ना इसलिए मुझे पता नहीं है मुझे बस थोडा बहुत पता है जो कि मैने गांव के लड़कों के साथ सीखा था

तो गांव के छोकरों ने ये नहीं सिखाया कि कैसे किया जाता है खाली यही सिखाया कि मां पर डोरे डालो
ओह मां तू तो समझती ही नहीं अरे वो लोग मुझे क्यों सिखाने लगे कि तुम पर डोरे डालो वो तो वो तो तुम मुझे बहुत सुंदर लगती हो इसलिए मैं तुम्हे देखता था

ठीक है चल तेरी बात समझ गई बेटा कि मैं तुझे सुंदर लगती हूं पर मेरी इस सुंदरता का तू फायदा कैसे उठाएगा उल्लू ये भी तो बता दे ना कि खाली देख के मूठ मार लेगा

मां नहीं मैं तुम्हे चोदना चाहता हूं मां तुम सीखा देना सीखा दोगी ना ? कह कर मैने बुरा सा मुंह बना लिया
हां मेरा बेटा देख तो मां की लेने के लिए कैसे तड़प रहा आजा मेरे प्यारे मैं तुझे सब सीखा दूंगी तेरे जैसे लंड वाले बेटे को तो कोई भी मां सीखना चाहेगी

तुझे तो मैं सीखा पढ़ा के चुदाई का बादशाह बना दूंगी आजा पहले अपनी मां के मम्मों से खेल ले जी भर के फिर तुझे चूत से खेलना सिखाती हूं बेटा मैं मां के कमर के पास बैठ गया और मां तो पूरी नंगी पहले से ही थी मैने उसके मम्मों पर अपना हाथ रख दिया और उनको धीरे धीरे सहलाने लगा

मेरे हाथ में शायद दुनिया की सबसे खूबसूरत चुचिया थी ऐसी चुचिया जिनको देख के किसी का भी दिल मचल जाए मैं दोनो मम्मों की पूरी गोलाई पर हाथ फेर रहा था चुचिया मेरी हथेली में नहीं समा रही थी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत में घूम रहा हूं मां के मम्मों का स्पर्श ग़ज़ब का था

मुलायम गुदज और सख़्त गठीलापन ये सब अहसास शायद अच्छी गोल मटोल मम्मों को दबा के ही पाया जा सकता है मुझे इन सारी चीज़ो का एक साथ आनंद मिल रहा था ऐसे मम्में दबाने का सौभाग्य नसीब वालो को ही मिलता है इस बात का पता मुझे अपने जीवन में बहुत बाद में चला जब मैने दूसरे अनेक तरह के मम्मों का स्वाद लिया

मां के मुंह से हल्की हल्की आवाज़े आनी शुरू हो गई थी और उसने मेरे चेहरे को अपने पास खीच लिया और अपने तपते हुए गुलाबी होंठो का पहला अनूठा स्पर्श मेरे होंठो को दिया हम दोनो के होंठ एक दूसरे से मिल गये और मैं मां के दोनो मम्मों को पकडे हुए उसके होंठो का रस ले रहा था कुछ ही सेकेंड्स में हमारे जीभ आपस में टकरा रहे थे

मेरे जीवन का ये पहला चुंबन करीब दो तीन मिनिट्स तक चला होगा मां के पतले होंठो को अपने मुंह में भर कर मैने चूस चूस कर और लाल कर दिया जब हम दोनो एक दूसरे से अलग हुए तो दोनो हांफ रहे थे मेरे हाथ अब भी उसकी दोनो चुचिया पर थे और मैं अब उनको जोर जोर से मसल रहा था मां के मुंह से अब और ज्यादा तेज सिसकारिया निकलने लगी थी

मां ने सिसकते हुए मुझसे कहा ओह ओह स्स्सि शाबाश ऐसे ही प्यार करो मेरे मम्मों से हल्के हल्के आराम से मसलो बेटा ज्यादा जोर से नहीं नहीं तो तेरी मां को मज़ा नहीं आएगा धीरे धीरे मसलो मेरे हाथ अब मां के मम्मों के निपल से खेल रहे थे उसके निपल अब एकदम सख़्त हो चुके थे

हल्का कालापन लिए हुए गुलाबी रंग के निपल कड़े होने के बाद ऐसे लग रहे थे जैसे दो गोरे गुलाबी पहाड़ियों पर बादाम की गिरी रख दी गई हो निपल के चारो ओर उसी रंग का घेरा थे ध्यान से देखने पर मैने पाया कि उस घेरे पर छोटे छोटे दाने से उगे हुए थे मैं निपलो को अपनी दो उंगलियों के बीच में लेकर धीरे-धीरे मसल रहा था और प्यार से उनको खींच रहा था

बाकी कहानी अगले भाग में

Sex Kahani Antarvasna :- मां बेटे की अन्तर्वासना – 6

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