New Maa Beta Sex Story 5
(अंधेरे में बेटे से चुद गई 5)
पिछले maa beta sex story भाग में आप ने पढ़ा अपने बेटे के लिए तड़प तो समाज स्वीकार ही नहीं करता था मैंने कभी नहीं सोचा था कि सिर्फ एक रात के सम्बन्ध से हालात यहां तक पहुंच जायेंगे और मेरे मन में अपने बेटे को पाने की चाहत इस कदर बढ़ जायेगी कि वो समाज के बनाये नियमों को तोड़ने के लिए तैयार हो जाएगी अब maa beta sex story आगे पढ़े
अब मैं दीनू से अनजान नहीं थी ये बात बिलकुल साफ हो चुकी थी कि वो कौन था जो उसके उत्तेजक सपनो में आता था और उसको भरपूर कामतृप्त करके ही जाता था जिसके चौड़े सीने से लगकर वो अपने आप को फिर से छोटी बच्ची की तरह सुरक्षित महसूस करती थी अब उस अजनबी का चेहरा धुंधला सा नहीं था maa beta sex story
वो चेहरा था मेरे हैंडसम बेटे दीनू का
ऐसे हालात में एक ही छत के नीचे अपने बेटे के साथ रहना अब मेरे लिए नामुमकिन सा था दीनू के उसके ही साथ रहने से मेरे को अपनी भावनाओं पर काबू पाना संभव नहीं लग रहा था मुझे लग रहा था कि अगर दीनू यहीं रहा तो वो उसके लिए तड़पती ही रहेगी मैंने सोचा कि वो अपने बेटे से कह देगी कि वो फिर से हॉस्टल चला जा
मगर दीनू को जाने के लिए कहने के ख्याल के बारे में सोचने से ही मुझे इतनी पीड़ा पहुंची कि मैंने इस ख्याल को ही मन से निकाल दिया
मेरे लिए अब दीनू ही मेरा बॉयफ्रेंड था लेकिन दीनू के लिए
दूसरी तरफ शायद दीनू के लिए ये सब बहुत मुश्किल था वो शीतल को बहुत प्यार करता था और उसका पूरा ख्याल रखता था शीतल की बात वो टालता नहीं था लेकिन अपनी मां के लिए शारीरिक आकर्षण जैसी कोई भावना उसके मन में नहीं थी उस रात नशे की हालत में उसने चुदाई जरूर कर दी थी लेकिन कभी मेरे माथे पर प्यार भरा किस कर लिया तो कर लिया वरना दीनू समझदार बेटे की तरह उससे एक शारीरिक दूरी बनाये रखता था maa beta sex story
उसने कभी भी मेरी छाती मेरे चूतड़ों और अक्सर खुली रहने वाली लम्बी चिकनी टांगों की तरफ गलत नज़रों से नहीं देखा था वो तो मां की तरह उससे प्यार करता था उसका मन अपनी मां के लिए शीशे की तरह साफ था और ये बात मेरे को अच्छी तरह से मालूम थी
लेकिन इससे मेरी पीड़ा और भी बढ़ गई क्योंकि मैं जानती थी कि मेरी तड़प इकतरफा थी और ये भी कि दीनू के मन में उसके लिए ऐसी कोई तड़प नहीं है
हर शाम मेरे लिए लम्बी खिंचती चली गई समय के साथ मेरी उलझन बढ़ती जा रही थी मेरे को लग रहा था कि मैं एक चक्रव्यूह में फंस चुकी है और बाहर निकलने का कोई रास्ता उसे नहीं सूझ रहा था maa beta sex story
मां मां
कौन ? कौन है ? जोर जोर से अपना नाम पुकारे जाने की आवाज़ से उसकी तन्द्रा टूटी और वो हड़बड़ा के सोफे में उठ बैठी
मैं कितनी देर से आपको आवाज़ दे रहा हूं आपको क्या हो गया हे
सॉरी दीनू कुछ दिनों से मैं ढंग से सो नहीं पायी हूं इसलिए आँख लग गई थी मैंने आंखे मलते हुए कहा
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दीनू ने मेरे चेहरे से छलकता दर्द देखा वो तुरंत समझ गया कि में किन ख़यालों में डूबी हुई थी रात को नींद ना आने की बात तो सिर्फ एक बहाना थी
देखो मां जो कुछ भी हुआ वो एक किस्मत की गलती थी और हम दोनों का ही इसमें कोई कसूर नहीं है हमको इस बात को भूल जाना चाहिए और फिर से आपस में पहले जैसा ही व्यवहार करना चाहिए
पहले की तरह ? ये संभव ही नहीं है
लेकिन जो कुछ भी हुआ उसको अब हम पलट तो नहीं सकते ना इसलिए उसे भूल जाना ही ठीक है
तुम क्या कह रहे हो दीनू ? जो हुआ उसे भूल जाऊं ? कैसे ? मेरी पीड़ा अब गुस्से में बदल रही थी
एक तो मैं पहले से ही परेशान थी ऊपर से दीनू का बड़ों की तरह ऐसे बातें करना मुझे अच्छा नहीं लग रहा था गुस्से से मेरा मुंह लाल हो गया
मां प्लीज पहले मेरी बात सुनो मैं सिर्फ ये कह रहा हूं कि मां बेटे के बीच मर्यादा की जो रेखा होती है हमें उसे पहले जैसे ही बरक़रार रखना चाहिए मैं तुम्हारा बेटा तुम मेरी मां हो जो कुछ हुआ उसे बुरा सपना समझकर भुला देना चाहिए आपको मेरी इतनी सी बात समझ क्यों नहीं आ रही है ? उस घटना को भूल जाने में आपको प्रॉब्लम क्या है ? maa beta sex story
इतनी सी बात ? ये इतनी सी बात है ? बकवास बंद करो दीनू भाड़ में गई तुम्हारी ये लेक्चर बाजी तुम्हें कुछ अंदाजा भी है कि उस रात के बाद से मुझ पर क्या गुजरी है ? और तुमने कितनी आसानी से कह दिया सब भूल जाओ मैं कैसे भूल जाऊं ? मर्यादा की जिस रेखा की तुम बात कर रहे हो उसे तो तुम कब का पार कर चुके हो दीनू अब वो रेखा हम दोनों के बीच है ही नहीं क्योंकि उस रात के बाद अब हम दोनों उस रेखा के एक ही तरफ हैं
उस रात जो बदन तुम्हारे जिस्म के नीचे था वो मेरा बदन था तुम्हारी अपनी सगी मां का अब आंखे फेर लेने से क्या होगा और ये बात नशे के बाद भी तुम जानते
सच को झुठला तो नहीं सकते ना तुम
मेरी आंखों से टपटप आंसू बहने लगे बात सिर्फ उस रात के सेक्स की नहीं है लेकिन उस रात बिताये पलों के बाद जाने अनजाने में मेरे मन में जो आशाएं उम्मीदें जो इच्छाएं जन्मी थी उनका क्या ? जो सपने रात भर मुझे बेचैन किये रहते थे उनका क्या ? मैं उन्हें भुला ही नहीं सकती चाहे मैं कितनी ही कोशिश क्यों ना कर लूं समझे तुम ? maa beta sex story
मेरे अंदर की इतने दिनों की पीड़ा उसकी तड़प लावा बनकर फूट पड़ी
तुम सभी मर्द एक जैसे होते हो तुम लोगों को इस बात का कुछ अंदाजा ही नहीं होता कि जब एक औरत किसी लड़के को अपना दिल दे बैठती है तो उस पर क्या बीतती है लड़कों को लगता है कि औरत पर थोड़ा पैसा खर्च कर दो कुछ गिफ्ट वगैरह दे दो और वो औरत उनके लिए अपने कपड़े उतार दे क्यों ?
क्योंकि वो ऐसा चाहते हैं बस वो किसी भी तरह सिर्फ सेक्स करने की कोशिश में रहते हैं औरत की भावनाओं की उन्हें कोई कद्र नहीं होती उनका सिर्फ एक लक्ष्य होता है कि कैसे भी पटाकर औरत की टांगे फैला दी जाए और इससे पहले कि औरत कहीं अपना इरादा ना बदल दे झट से ऊपर चढ़के उसके अंदर अपना पानी गिरा दें maa beta sex story
कई बेवकूफ औरते इनके चक्करों में फंस भी जाती हैं और जब तक उन्हें समझ आती है लड़के अपना काम निकाल के उनको छोड़ कर जा चुके होते हैं लेकिन ये बातें मुझे जल्द ही समझ आ गई थीं मैं जानती थी की उस दिन मेरे लिए सेक्स बहुत मायने रखता था तुम नहीं होते तो शायद किसी और से चुदवा लेती तुम्हारे डैडी की शराबखोरी ने उन्हें सेक्स में कमजोर बना दिया था और हर रात में अतृप्त रह जाती थी
उस रात तुमने मुझे कई रातो के बाद तृप्त किया था हा ये सही हे की मुझे जब ये पता चला की तुमने मेरे साथ सेक्स किया हे तो में नादीनू थी लेकिन इन दो महीनो में मुझे पता चल गया हे की में तुम्हारे बिना नहीं रह सक
मै बोलते बोलते थोड़ी सांस लेने के लिए रुकी मेरी पीड़ा देखकर दीनू का दिल भर आया उसने मुझ को बाहों में भरकर मेरा सर अपनी छाती से लगा लिया अपने बेटे की मजबूत बांहों के घेरे में आकर मैंने एक गहरी सांस ली मेरी आंखों से फिर आंसू बह चले सुबकते हुए में बो maa beta sex story
मै फिर चुप हो गई और अपने बेटे के सीने से लगी रही दीनू के सीने से लगकर मेरी तड़प फिर बढ़ने लगी मैं फिर से बेचैन हो गई सिर्फ एक बार बस एक बार अगर तुम मुझसे वैसे ही प्यार करो तो शायद मेरे मन की तड़प पूरी हो जाए और ये रोज़ रात में आकर तड़पाने वाले सपनों से मुझे मुक्ति मिल जाए क्या पता
फिर मैंने अपनी आंखे उठाकर दीनू की आंखों में झाँका पर उनमे उसे वही भाव दिखे जो कुछ दिन से दिख रहे
दीनू प्लीज मैं जानती हूं तुम मेरे बेटे हो और ऐसा करना शायद तुम्हारे लिए बहुत मुश्किल होगा लेकिन सिर्फ एक बार मुझे वही प्यार दो उसके बाद तुम अगर मेरे पास आना नहीं चाहोगे तो कोई बात नहीं लेकिन सिर्फ एक बार मैं तुमसे वही प्यार चाहती हूं और फिर जैसा तुम चाहोगे वैसा ही होगा अगर तुम चाहोगे तो फिर से हम पहले के जैसे मां बेटे बन जायेंगे लेकिन प्लीज एक बार सिर्फ इस बार मेरा मन रखलो सिर्फ एक बार के लिए मेरे बॉयफ्रेंड बन जाओ मेरे बेटे maa beta sex story
अपनी सुबकती हुई मां को सीने से लगाए हुए दीनू गहरी सांसे लेते हुए चुपचाप खड़ा रहा
मैंने अपने को दीनू की बाहों से अलग किया अपनी आंखों से आंसू पोछे और दीनू को उम्मीद भरी नज़रों से देखा लेकिन दीनू की कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले
मैं अपने बेडरूम का दरवाज़ा खुला रखूंगी तुम अगर अपना मन बना लोगे तो सीधे अंदर आ जाना नॉक करने की कोई जरुरत नहीं मैं तुम्हारा इंतज़ार करुँगी अगर तुम नहीं आये तो मैं समझ जाऊंगी कि तुमने क्या फैसला किया है
इससे पहले कि दीनू कुछ जवाब दे पाता मैं तेज तेज कदमों से अपने बेडरूम में चली गई
दीनू को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था अपने बेडरूम में बेड पर लेटे हुए उसके दिमाग में उस रात के दृश्य घूमने लगे उस अंधेरे कमरे में वो मादक औरत जिसने उसे जी भर के कामतृप्ति दी थी लेकिन मैंने जो बातें अभी कहीं थी उनसे दीनू उलझन में था अगर वो मेरी बात मानकर मेरा दिल रख लेता है तो भी उनके बीच कुछ अलग नहीं होने वाला था क्योंकि आपस में सेक्स तो वो पहले ही कर चुके थे maa beta sex story
अब इससे ज्यादा और हो ही क्या सकता था लेकिन वो ये भी जानता था कि अगर ये किस्सा शुरू हुआ तो फिर ये एक बार ही नहीं होगा
ये होते रहेगा और उनकी लाइफ को और उनके आपसी रिश्तों को और उलझा देगा
दीनू अभी कोई मन नहीं बना पा रहा था उसको इन सब बातों पर सोचने के लिए कुछ और वक्त की जरुरत थी उसने सोचा होगा कि अगर वो मेरी बात नहीं मानता और मुझको मना कर देता है तो फिर एक ही छत के नीचे वो कैसे रह पायेंगे उनके रिश्ते के बीच एक दरार पैदा हो जायेगी maa beta sex story
दीनू फिर उस रात की औरत के बारे में सोचने लगता है वो औरत उसे भी बहुत पसंद आई थी और उस रात को याद करके उसका लंड भी कई बार खड़ा हो जाता था पर अब हालत दूसरे थे वो औरत कोई अनजान नहीं खुद उसकी मां थी अब अगर वो मां के बेडरूम में चला भी जाता है तो अपनी मां के साथ वैसे सेक्स थोड़ी कर पायेगा जैसे उसने उस रात अनजान औरत के साथ हावी होकर किया था और वो सुखद तरीका मुझे बहुत पसंद आया था
वो वैसा कर ही नहीं सकता था क्योंकि उसे मालूम था अपनी मां के सामने वो नर्वस हो जायेगा दीनू कुछ भी फैसला नहीं कर पाया उसने सारी समस्या को वक्त और किस्मत के भरोसे छोड़ दिया जो किस्मत में होगा देखा जायेगा उसने सोचा कि देखते हैं सुबह में कैसा रियेक्ट करती हूं
उधर मैं रात में अपने कमरे में दीनू के आने का इंतज़ार करती रही वो रात मेरे लिए बहुत लम्बी और तड़पा देने वाली वाली साबित हुई जैसे जैसे समय बीतता गया में डिप्रेशन की गहराईयों में गिरते चली गई दूसरे दिन सुबहमें बहुत दुखी थी अपनी पैंटी के ऊपर एक लम्बी ढीली टीशर्ट डालकर नाश्ता बना रही थी maa beta sex story
नाश्ता करते समय हम दोनों में से कोई भी कुछ नहीं बोल रहा था हम चुपचाप अपनी प्लेटों की तरफ देखकर खाना खा रहे थे खा क्या रहे थे बस प्लेट में खाना इधर उधर घुमा रहे थे दोनों ही अपने अपने विचारों में खोये हुए थे कुछ नहीं बोल रहे थे हम चुपचाप अपनी प्लेटों की तरफ देखकर खाना खा रहे थे खा क्या रहे थे बस प्लेट में खाना इधर उधर घुमा रहे थे दोनों ही अपने अपने विचारों में खोये हुए थे
जब मैंने नाश्ता कर लिया तो मैंने नज़रें उठाकर दीनू को देखा अपने हैंडसम बेटे को लेकिन अब में जानती थी कि मुझे अपने बेटे के प्रति शारीरिक आकर्षण को वहीं पर ख़तम कर देना चाहिए हम दोनों की नज़रें आपस में मिली मेरा दिल तड़प उठा मेरी आंखों में दर्द उमड़ आया दीनू द्वारा ठुकरा दिए जाने की पीड़ा से मेरे आंसू गालों पर बहने लगे
तुम्हारा निर्णय अब मुझे पता चल गया है में फिर एक झटके से उठी और अपनी प्लेट लेकर किचन में चली गई
मेरा दुख देखकर दीनू का दिल भर आया मेरे उदास और लटके हुए चेहरे को देखकर उसने उसी क्षण फैसला ले लिया भाड़ में जाए समाज के नियम – कानून मेरी मां मुझे इतना चाहती है और मैं उसे चाहता हूं तो हमें औरों से क्या लेना देना maa beta sex story
दीनू अपनी कुर्सी से उठा और मेरी ओर बढ़ा मेरे को अपनी तरफ घुमाकर उसने मजबूत बांहों के घेरे में भरके मुझे अपनी ओर खींचा मैंने अपनी आंसुओ से भरी आंखे उठाकर दीनू की आंखों में देखा वहां अब असमंजस के भाव नहीं थे दीनू निर्णय ले चुका था मैंने अपनी बाहें उसके गले में डालकर उसकी छाती में अपना सर रख दिया
हम दोनों थोड़ी देर तक एक दूसरे की बांहों में ऐसे ही खड़े रहे दीनू ने अपने हाथ नीचे ले जाकर मेरे चूतड़ों को पकड़कर मुझे प्यार से थोड़ा और अपनी तरफ खींचा मैं मानो इन्ही पलों का इंतज़ार कर रही थी मैं खुद ही दीनू से चिपट गई दीनू की बांहों में जो खुशी मेरे को मिली उससे मुझे ऐसा महसूस हुआ मानो मेरा दिल ही उछल कर बाहर आ जायेगा
दीनू ने फिर से अपनी मां के नरम जिस्म और उसकी मादक गंध को महसूस किया लेकिन वो जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था उसके दिल से बोझ उतर चुका था और वो अब बहुत हल्का महसूस कर रहा था दीनू ने अपना सर झुकाकर मेरे को देखा पहली बार एक लड़के की नज़र से मैं खूबसूरत थी और अब तो दीनू का दिल भी पिघल चुका था maa beta sex story
अब उनके बीच कोई दीवार नहीं थी दीनू ने मेरे माथे का धीरे से चुम्बन लिया और फिर मेरे सर के ऊपर अपना चेहरा रख दिया मैंने दीनू का चुम्बन अपने माथे पर महसूस किया मेरे पूरे बदन में एक लहर सी दौड़ गई और तभी मुझे दीनू का चेहरा अपने बालों में महसूस हुआ मैंने अपने सर को थोड़ा हटाया और दीनू की तरफ देखा दोनों की नज़रें मिली
तुम ये मेरी खुशी के लिए कर रहे हो ? मैं फुस फुसाई
हमारी खुशी के लिए मां दीनू मुस्कुराया
फिर दीनू ने अपना चेहरा झुका के मेरे होठों की तरफ अपने होंठ बढ़ाये मैंने भी अपने कंपकपाते होंठ दीनू के होठों से लगा लिए हम दोनों किसी नए प्रेमी जोड़े की तरह धीरे धीरे एक दूसरे का चुम्बन लेने लगे
बाकी कहानी अगले भाग में