मां बेटे की अन्तर्वासना – 3

Kahani Antarvasna

(मां बेटे की अन्तर्वासना 3)

आप ने kahani antarvasna के पिछले भाग में पढ़ा था मेरे लंड को सहलाते हुए बोली है कैसे खड़ा कर रखा है मुए ने फिर सीधा पाजामा के उपर से मेरे खड़े लंड जो की मां के जागने से थोडा ढीला हो गया था पर अब उसके हाथो स्पर्श पा के फिर से खड़ा होने लगा था अब kahani antarvasna में आगे पढ़े

पर उसने अपने हाथ रख दिया उई मां कैसे खड़ा कर रखा है क्या कर रहा था रे हाथ से मसल रहा था क्या है बेटा और मेरी इसको भी मसल रहा था तू तो अब लगता है जवान हो गया है तभी मैं कहूं की जैसे ही मेरा पेटिकोट नीचे गिरा ये लड़का मुझे घूर घूर के क्यों देख रहा था

इस लड़के की तो अपनी मां के उपर ही बुरी नज़र है अगर मैं नही जागती तो तू तो अपना पानी निकाल के ही मानता ना मेरे छातियों को दबा दबा के उम्म्म बोल निकालता की नहीं पानी?

मां गलती हो गई

वाह रे तेरी गलती कमाल की गलती है किसी का मसल दो दबा दो फिर बोलो की गलती हो गई अपना मज़ा कर लो दूसरे चाहे कैसे भी रहे

कह कर मां ने मेरे लंड को कस के दबाया उसके कोमल हाथो का स्पार्स पा के मेरा लंड तो लोहा हो गया था और गरम भी काफ़ी हो गया था

हाय मां छोड़ो क्या कर रही हो

मां उसी तरह से मुस्कुराती हुई बोली क्यों प्यारे तूने मेरा दबाया तब तो मैने नही बोला की छोड़ो अब क्यों बोल रहा है तू

मैने कहा मां तू दबाएगी तो सच में मेरा पानी निकाल जाएगा

क्यों पानी निकालने के लिए ही तो तू दबा रहा था ना मेरी छातिया मैं अपने हाथ से निकाल देती हूं तेरे गन्ने से तेरा रूस चल जरा अपना गन्ना तो दिखा

मां छोड़ो मुझे शरम आती है

अच्छा अभी तो बड़ी शरम आ रही है और हर रोज जो लूंगी और पाजामा हटा हटा के सफाई जब करता है तब तब क्या मुझे दिखाई नही देता क्या अभी बड़ी एक्टिंग कर रहा है

नही मां तब की बात तो और है फिर मुझे थोड़े ही पता होता था की तुम देख रही हो

ओह ओह मेरे भोले राजा बरा भोला बन रहा चल दिखा ना देखु कितना बड़ा और मोटा है तेरा गन्ना

मैं कुछ बोल नही पा रहा था मेरे मुंह से शब्द नही निकाल पा रहे थे और लग रहा था जैसे मेरा पानी अब निकला की तब निकला इस बीच मां ने मेरे पाजामे का नारा खोल दिया और अंदर हाथ डाल के मेरे लंड को सीधा पकड़ लिए मेरा लंड जो की केवल उसके छूने के कारण से फुफ्करने लगा था

अब उसके पकड़ने पर अपनी पूरी औकात पर आ गया और किसी मोटे लोहे के रोड की तरह एक दम टन कर उपर की तरफ मुंह उठाए खड़ा था मां ने मेरे लंड को अपने हाथो में पकड़ने पूर कोशिश कर रही थी पर मेरे लंड की मोटाई के कारण से वो उसे अपने मुट्ठी में अच्छी तरह से कैद नही कर पा रही थी उसने मेरे पाजामे को वही खुले में पेड़ के नीचे मेरे लंड पर से हटा दिया

मां छोड़ो कोई देख लेगा ऐसे कपड़ा मत हटाओ

मगर मां शायद पूरे जोश में आ चुकी थी

चल कोई नही देखता फिर सामने बैठी हूं किसी को नज़र नही आएगा देखु तो सही मेरे बेटे का गन्ना आख़िर है कितना बड़ा? और मेरा लंड देखता ही आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रह गया एकदम से चौंकती हुई बोली हाय दैया ये क्या इतना मोटा और इतना लंबा ये कैसे हो गया रे तेरे बाप का तो बीतते भर का भी नही है और यहा तू बेलन के जैसा ले के घूम रहा है

ओह मां मेरी इसमे क्या गलती है ये तो शुरू में पहले छोटा सा था पर अब अचानक इतना बड़ा हो गया है तो मैं क्या करू?

गलती तो तेरी ही है जो तूने इतना बड़ा जुगाड़ होते हुए भी अभी तक मुझे पता नही चलने दिया वैसे जब मैने देखा था नहाते वक़्त तब तो इतना बड़ा नही दिख रहा था रे

मां वो वो मैं हकलाते हुए बोला वो इसलिए कोयोंकि उस समय ये उतना खड़ा नही रहा होगा अभी ये पूरा खड़ा हो गया है

ओह ओह तो अभी क्यों खड़ा कर लिया इतना बड़ा कैसे खड़ा हो गया अभी तेरा?

अब मैं क्या बोलता की कैसे खड़ा हो गया ये तो बोल नही सकता था की मां तेरे कारण खड़ा हो गया है मेरा

मैने सकपकते हुए कहा अरे वो ऐसे ही खड़ा हो गया है तुम छोड़ो अभी ठीक हो जाएगा

ऐसे कैसे खड़ा हो जाता है तेरा मां ने पुछा और मेरी आंखों में देख कर अपने रसीले होंठो का एक कोना दबा के मुस्कने लगी

अरे तुमने पकड़ रखा है ना इसलिए खड़ा हो गया है मेरा क्या करू मैं छोड़ दो ना मैने किसी भी तरह से मां का हाथ अपने लंड पर से हटा देना चाहता था मुझे ऐसा लग रहा था की मां के कोमल हाथो का स्पर्श पा के कही मेरा पानी निकाल ना जाए फिर मां ने केवल पकड़ा तो हुआ नही था वो धीरे धीरे मेरे लंड को सहला भी और बार बार अपने अंगूठे से मेरे चिकने सुपाड़े के छू भी रही थी

अच्छा अब सारा दोष मेरा हो गया और खुद जो इतनी देर से मेरी छातियों पकड़ के मसल रहा था और दबा रहा था उसका कुछ नही गलती हो गई

चल मान लिया गलती हो गई पर सज़ा तो इसकी तुझे देनी परेगी मेरा तूने मसला है मैं भी तेरा मसल देती हूं कह कर मां अपने हाथो को थोडा तेज चलाने लगी और मेरे लंड का मूठ मारते हुए मेरे लंड के मुंडी को अंगूठे से थोरी तेज़ी के साथ घिसने लगी

मेरी हालत एकदम खराब हो रही थी गुदगुदाहट और सनसनी के मारे मेरे मुंह से कोई आवाज़ नही निकाल पा रहा था ऐसा लग रहा था जैसे की मेरा पानी अब निकला की तब निकला पर मां को मैं रोक भी नही पा रहा था

मैने सिसकते हुए कहा ओह मां निकल जाएगा मेरा निकल जाएगा

इस पर मां ने और जोर से हाथ चलते हुए अपनी नज़र उपर करके मेरी तरफ देखते हुए बोली क्या निकल जाएगा?

ओह ओह छोड़ो ना तुम जानती हो क्या निकाल जाएगा क्यों परेशान कर रही हो

मैं कहां परेशान कर रही हूं तू खुद परेशान हो रहा है

क्यों मैं क्यों भला खुद को परेशान करूँगा तुम तो खुद ही ज़बरदस्ती पता नही क्यों मेरा लंड मसले जा रही हो

अच्छा जरा ये तो बता शुरुआत किसने की थी मसल्ने की कह कर मां मुस्कुराने लगी

मुझे तो जैसे सांप सूंघ गया था मैं भला क्या जवाब देता कुछ समझ में ही नही आ रहा था की क्या करू क्या ना करू उपर से मज़ा इतना आ रहा था की जान निकली जा रही थी तभी वो हल्का सा आगे की ओर सरकी और झुकी आगे झुकते ही उनका आंचल उनके ब्लाउज पर से सरक गया पर उन्होने कोई प्रयास नहीं किया उसको ठीक करने का

अब तो मेरी हालत और खराब हो रही थी मेरी आंखों के सामने उनके नारियल के जैसे सख़्त मम्में जिनको सपने में देख कर मैने ना जाने कितनी बार अपना माल गिराया था और जिनको दूर से देख कर ही तड़पता रहता था भले ही मम्में अभी भी ब्लाउज में ही कैद थे परंतु उनके भारीपन और सख्ती का अंदाज उनके उपर से ही लगाया जा सकता था

ब्लाउज के उपरी भाग से उनके मम्मों के बीच की खाई का उपरी गोरा गोरा हिस्सा नज़र आ रहा था हल्के मम्मों को बहुत बड़ा तो नहीं कहा जा सकता पर उतने बड़े तो थे ही जितनी एक स्वस्थ शरीर की मालकिन का हो सकता है

मेरा मतलब है की इतने बड़े जितने की आप के हाथो में ना आए पर इतने बड़े भी नहीं की आप को दो दो हाथो से पकड़ना पड़े और फिर भी आपके हाथ ना आए एकदम किसी भाले की तरह नुकीले लग रहे थे और सामने की ओर निकले हुए थे मेरी आंखे तो हटाए नहीं हट रही थी तभी मां ने अपने हाथो को मेरे लंड पर थोड़ा जोर से दबाते हुए पुछा बोल ना दबाऊ क्या और

मां छोड़ो ना

उन्होने ने जोर से मेरे लंड को मुट्ठी में भर लिया

मां छोड़ो ना बहुत गुदगुदी होती है

तो होने दे ना तू खाली बोल दबाऊं या नही

दबाओ मां मस्लो

अब आया ना रास्ते पर

मां तुम्हारे हाथो में तो जादू है

जादू हाथो में है या फिर इसमे है अपने ब्लाउज की तरफ इशारा कर के पुछा

मां तुम तो बस

शरमाता क्यों हाई बोल ना क्या अच्छा लग रहा है

मां मैं क्या बोलू

क्यों क्या अच्छा लग रहा है ? अरे अब बोल भी दे शरमाता क्यों है

मां अच्छा लग रहा है

तो फिर शर्मा क्यों रहा था बोलने में फिर मां ने बड़े आराम से मेरे पूरे लंड को मुट्ठी के अंदर कैद कर हल्के हल्के अपना हाथ चलना शुरू कर दिया

तू तो पूरा जवान हो गया है रे

हां मां

पूरा सांड की तरह से जवान हो गया है तू तो अब तो बर्दाश्त भी नहीं होता होगा कैसे करता है

क्या मां

वही बर्दाश्त और क्या तुझे तो अब छेद चाहिए समझा?

छेद मतलब ? मां नहीं समझा

क्या उल्लू लड़का है रे तू छेद मतलब नहीं सकझता

मैने नाटक करते हुए कहा नहीं मां नहीं समझता

इस पर मां हल्के हल्के मुस्कुराने लगी और बोली चल समझ जाएगा फिर उसने अपने हाथो को तेज़ी से मेरे लंड पर चलाने लगी मारे गुदगुदी और सनसनी के मेरा तो बुरा हाल हो रखा था समझ में नहीं आ रहा था क्या करू दिल कर रहा था की हाथ को आगे बढ़ा कर मां के दोनो मम्मों को कस के पकड़ लूं और खूब जोर जोर से दबाऊं

लेकिन डर रहा था की कही बुरा ना मान जाए इसी चक्कर में मैने कराहते हुए सहारा लेने के लिए सामने बैठी मां के कंधे पर अपने दोनो हाथ रख दिए वो बोली तो कुछ नहीं पर अपनी नज़रे उपर कर के मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली क्यों मज़ा आ रहा है की नही

हां मां मज़े की तो बस पूछो मत बहुत मज़ा आ रहा है मैं बोला इस पर मां ने अपने हाथ और तेज़ी से चलना शुरू कर दिया और बोली साले हरामी कही का मैं जब नहाती हूं तब घूर घूर के मुझे देखता रहता है मैं जब सो रही थी तो मेरे चुचे दबा रहा था और और अभी मज़े से मूठ मरवा रहा है कमीने तेरे को शरम नहीं आती मेरा तो होश ही उड़ गया ये मां क्या बोल रही थी

पर मैने देखा की उसका एक हाथ अब भी पहले की तरह मेरे लंड को सहलाए जा रहा था तभी मां मेरे चेहरे के उड़े हुए रंग को देख कर हंसने लगी और हँसते हुए मेरे गाल पर एक थप्पड़ लगा दिया मैने कभी भी इस से पहले मां को ना तो ऐसे बोलते देखा था ना ही इस तरह से व्यवहार करते हुए नही देखा था इसलिए मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा था

पर उनके हसते हुए थप्पड़ लगाने पर तो मुझे और भी ज़यादा आशचर्य हुआ की आख़िर ये चाहती क्या है और मैने बोला की माफ़ कर दो मां अगर कोई गलती हो गई हो तो इस पर मां ने मेरे गालो को हल्के सहलाते हुए कहा की गलती तो तू कर बैठा है बेटे अब केवल गलती की सज़ा मिलेगी तुझे

मैने कहा क्या गलती हो गई मेरे से मां

सबसे बरी गलती तो ये है की तू खाली घूर घूर के देखता है बस करता धरता तो कुछ है नहीं खाली घूर घूर के कितने दिन देखता रहेगा

क्या करू मां मेरी तो कुचछ समझ में नहीं आ रहा

साले बेवकूफ़ की औलाद अरे करने के लिए इतना कुछ है और तुझे समझ में ही नहीं आ रहा है

क्या मां बताओ ना

देख अभी जैसे की तेरा मन कर रहा है की तू मेरे अनारो से खेले
उन्हे दबाए मगर तू नहीं वो काम ना कर के केवल मुझे घूरे जा रहा है बोल तेरा मन कर रहा है की नहीं बोल ना

हां मां मन तो मेरे बहुत कर रहा है

तो फिर दबा ना मैं जैसे तेरे औज़ार से खेल रही हूं वैसे ही तू मेरे समान से खेल दबा बेटा दबा बस फिर क्या था मेरी तो बांछे खिल गई मैने दोनो हथेलियो में दोनो चुचो को थाम लिया और हल्के हल्के उन्हे दबाने लगा मां बोली शाबाश ऐसे ही दबाने का जितना दबाने का मन उतना दबा ले कर ले मज़े

मैं फिर पूरे जोश के साथ हल्के हाथो से उसके मम्मों को दबाने लगा ऐसी मस्त मस्त चुचिया पहली बार किसी ऐसे के हाथ लग जाए जिसने पहले किसी चुचि को दबाना तो दूर छुआ तक ना हो तो बंदा तो जन्नत में पहुच ही जाएगा ना मेरा भी वही हाल था मैने हल्के हाथो से संभाल संभाल के मम्मों को दबाए जा रहा था

उधर मां के हाथ तेज़ी से मेरे लंड पर चल रहे थे तभी मां जो अब तक काफ़ी उत्तेजित हो चुकी थी ने मेरे चेहरे की ओर देखते हुए कहा क्यों मज़ा आ रहा है ना जोर से दबा मेरे चुचयों को बेटा तभी पूरा मज़ा मिलेगा मसलता जा देख अभी तेरा माल मैं कैसे निकलती हूं

मैने जोर से मम्मों को दबाना शुरू कर दिया था मेरा मन कर रहा था की मैं मां के ब्लाउज खोल के मम्मों को नंगा करके उनको देखते हुए दबाऊं इसीलये मैने मां से पुछा मां तेरा ब्लाउज खोल दू?

इस पर वो मुस्कुराते हुए बोली नहीं अभी रहने दे मैं जानती हूं की तेरा बहुत मन कर रहा होगा की तू मेरे नंगे मम्मों को देखे मगर अभी रहने दे

मैं बोला ठीक है मां पर मुझे लग रहा हाई की मेरे औज़ार से माल निकालने वाला है

इस पर मां बोली कोई बात नहीं बेटा निकालने दे तुझे मज़ा आ रहा है ना?

हा मां मज़ा तो बहुत आ रहा है

अभी क्या मज़ा आया है बेटे अभी तो और आएगा अभी तेरा माल निकाल ले फिर देख मैं तुझे कैसे जन्नत की सैर कराती हूं कह कर मां ने अपना हाथ और ज़यादा तेज़ी के साथ चलना शुरू कर दिया मेरे पानी अब बस निकालने वाला ही था मैने भी अपना हाथ अब तेज़ी के साथ मां के अनारो पर चलाना शुरू कर दिया था

मेरा दिल कर रहा था उन प्यारे प्यारे मम्मों को अपने मुंह में भर के चुसू लेकिन वो अभी संभव नहीं था मुझे केवल मम्मों को दबा दबा के ही संतोष करना था ऐसा लग रहा था जैसे की मैं अभी सातवे आसमान पर उड़ रहा था मैं भी खूब जोर जोर सिसकते हुए बोलने लगा ओह मां हा मां और जोर से मस्लो और जोर से मूठ मारो निकाल दो मेरा सारा पानी

पर तभी मुझे ऐसा लगा जैसे की मां ने लंड पर अपनी पकर ढीली कर दी है लंड को छोड़ कर मेरे आंडो को अपने हाथ से पकड़ के सहलाते हुए मां बोली अब तुझे एक नया मज़ा चखती हूं ठहर जा और फिर धीरे धीरे मेरे लंड पर झुकने लगी लंड को एक हाथ से पकडे हुए वो पूरी तरह से मेरे लंड पर झुक गई और अपने होठों को खोल कर मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया

मेरे मुंह से एक आह निकल गई मुझे विश्वास नहीं हो रहा था की वो ये क्या कर रही है

मैं बोला ओह मां ये क्या कर रही हो है छोड़ ना बहुत गुदगुदी हो रही है

मगर वो बोली तो फिर मज़े ले इस गुदगुदी के करने दे तुझे अच्छा लगेगा

मां क्या इसको मुंह में भी लिया जाता

हा मुंह में भी लिया जाता है और दूसरी जगहो पर भी अभी तू मुंह में डालने का मज़ा लूट कह कर तेज़ी के साथ मेरे लंड को चूसने लगी मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था गुदगुदी और सनसनी के कारण मैं मज़े के सातवे आसमान पर झूल रहा था मां ने पहले मेरे लंड के सुपारे को अपने मुंह में भरा और धीरे धीरे चूसने लगी और मेरी ओर बड़ी सेक्सी अंदाज़ में अपने नज़रो को उठा के बोली

बाकी कहानी अगले भाग में

Kahani Antarvasna :- मां बेटे की अन्तर्वासना – 4

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