Desi Sex Katha 4
(बबली और पंडित की चुदाई – 4)
आपने अब तक पढ़ा था कि पंडित जी बबली की जवानी को भोगने के चक्कर में उसको पूजा करवाने के लिए फंसा चुके थे अब पंडित जी ने उसके साथ आसन लगाने की विधि शुरू कर दे थी जिससे बबली की चुदास बढ़ने लगी थी अब आगे desi sex katha
बबली का नंगा पेट पंडित की नंगी पीठ से चिपका हुआ था बबली खुद ही अपना पेट पंडित की पीठ पे रगड़ने लगी पंडित बबली तुम्हारे पेट का स्पर्श ऐसे लगता है जैसे कि मैंने शनील कि रजाई ओढ़ ली हो और एक बात कहूं बबली अब गर्म हो चली थी वो चुदास भरे स्वर में बोली स्स कहिए ना पंडित जी
पंडित तुम्हारे स्तनों का स्पर्श तो बबली अपने मम्मों को और भी मस्ती से पंडित की पीठ पे रगड़ने लगी बबली तो क्या पंडित जी? पंडित मदहोश कर देने वाला है तुम्हारे स्तनों को हाथों में लेने के लिए कोई भी ललचा जाए बबली स्सह्ह पंडित अब मैं सीधा लेटूंगा और तुम मुझ पर पेट के बल लेट जाना
लेकिन तुम्हारा मुंह मेरे चरणों की ओर और मेरा मुंह तुम्हारे चरणों की तरफ होना चाहिए पंडित पीठ के बल लेट गया और बबली पंडित के ऊपर पेट के बल लेट गई बबली की टांगें पंडित के चेहरे की तरफ थी बबली की नाभि पंडित के लंड पर थी desi sex katha
वह उसके सख्त लंड को गड़ता सा महसूस कर रही थी पंडित बबली की संगमरमरी टांगों पे हाथ फेरने लगा पंडित बबली तुम्हारी टांगें कितनी अच्छी है पंडित ने बबली का पेटीकोट ऊपर चढ़ा दिया और उसकी जांघें मसलने लगा उसने बबली की टांगें और फैला दी अब बबली की पेंटी साफ दिख रही थी
पंडित बबली की चूत के पास हल्के हल्के हाथ फेरने लगा पंडित बबली तुम्हारी जांघें कितनी गोरी और मुलायम है चूत के पास हाथ लगाने से बबली और भी गरम हो रही थी पंडित तुम्हें अब तक सबसे अच्छा आसन कौन सा लगा?
बबली स्स वो घुटनों के बल पीठ से पीठ नीचे से नीचे वाला पंडित चलो अब मैं बैठता हूं और तुम्हें सामने से मेरे कंधों पर बैठना है मेरा सिर तुम्हारी टांगों के बीच में होना चाहिए बबली जी बबली ने पंडित का सिर अपनी टांगों के बीच लिया और उसके कंधों पर बैठ गई desi sex katha
इस पोजीशन में बबली की नाभि पंडित के होंठों पर आ रही थी पंडित अपनी जीभ बाहर निकाल कर बबली की नाभि में घुमाने लगा इससे बबली को बहुत मज़ा आ रहा था पंडित बबली आंखें बंद करके बोलो स्वाहा बबली स्वाहा पंडित बबली तुम्हारी नाभि कितनी मीठी और गहरी है क्या तुम्हें यह वाला आसन अच्छा लग रहा है?
बबली हां पंडित जी यह आसन बहुत अच्छा है बहुत ही अच्छा अह पंडित क्या किसी ने तुम्हारी नाभि में जीभ डाली है? बबली आह्ह नहीं पंडित जी आप पहले है पंडित अब तुम मेरे कंधों पर रह कर ही पीछे की तरफ लेट जाओ अपने हाथों से जमीन का सहारा ले लो
बबली पंडित के कंधों का सहारा लेकर लेट गई अब पंडित के होंठों के सामने बबली की चूत थी पंडित धीरे से अपने हाथ बबली के स्तन पे ले गया और ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा बबली भी यही चाह रही थी पंडित बबली तुम्हारे स्तन कितने भरे भरे हैं बहुत ही अच्छे है desi sex katha
बबली आह्ह बबली ने एक हाथ से अपना पेटीकोट ऊपर चढ़ा दिया और अपनी चूत को पंडित के होंठों पे लगा दिया पंडित कच्छी के ऊपर से ही बबली की चूत पे जीभ मारने लगा पंडित बबली तुम मेरी झोली में आ जाओ बबली जल्दी से पंडित के लंड पे बैठ गई उससे लिपट गई
पंडित अह्ह बबली यह आसन अच्छा है? बबली हां सबसे अच्छा ऊओ पंडित जी पंडित ऊह्ह बबली आज तुम बहुत कामुक लग रही हो क्या तुम मेरे साथ काम करना चाहती हो? बबली हां पंडित जी बस मेरी काम अग्नि को शांत कीजिये ह्हह्ह प्लीज़ पंडित जी
पंडित बबली के मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा बबली बार बार अपनी चूत पंडित के लंड पे दबाने लगी पंडित ने बबली का ब्लाउज उतार कर फेंक दिया और उसके निप्पलों को अपने मुंह में ले लिया बबली आअह्ह पंडित जी मेरा उद्धार करो मेरे साथ काम करो पंडित बहुत नहाई है मेरे दूध से सारा दूध पी जाऊंगा तेरी छातियों का desi sex katha
बबली आअह्ह पी जाओ मैं कब मना करती हूं पी लो पंडित जी पी लो कुछ देर तक दूध पीने के बाद अब दोनों से और नहीं सहा जा रहा था पंडित ने बैठे बैठे ही अपनी लुंगी खोल के अपने कच्छे से अपना लंड निकाला बबली ने भी बैठे बैठे ही अपनी कच्छी थोड़ी नीचे कर दी
पंडित चल जल्दी कर बबली पंडित के सख्त लंड पर बैठ गई लंड पूरा उसकी चूत में चला गया बबली आअह्हह स्वाहा कर दो मेरा स्वाहा आ बबली पंडित के लंड पे ऊपर नीचे होने लगी चुदाई जोरों पर शुरू हो गई थी पंडित आह्हह मेरी रानी मेरी पुजारन तेरी योनि कितनी अच्छी है कितनी सुखदायी मेरी बांसुरी को बहुत मज़ा आ रहा है
बबली पंडित जी आपकी बांसुरी भी बड़ी सुखदायी है आपकी बांसुरी मेरी योनि में बड़ी मीठी धुन बजा रही है पंडित देवलिंग को छोड़ पहले मेरे लिंग की जय कर ले बहुत मज़ा देगा यह तेरे को बबली ऊऊआअ पंडित जी रात को तो आपके देवलिंग ने ना जाने कहां कहां घुसने की कोशिश की desi sex katha
पंडित मेरी रानी आअ फिकर मत कर बता तुझे कहां कहां घुसवाना है मैं घुसाऊंगा बबली आअह्हह पंडित जी एक विधवा को दिलासा नही मर्द का बदन चाहिए असली सुख तो इसी में है क्यों आआ बोलिए ना पंडित जी आऐई पंडित हां अब बबली लेट गई और पंडित उसके ऊपर आकर उसे चोदने लगा साथ साथ वो बबली के मम्मों को भी दबा रहा था
पंडित आअह्ह उस आज के लिए तेरा पति बन जाऊं बोल बबली आह आह ई हां बन जाओ पंडित मेरा लिंग आज तेरी योनि को चीर देगा मेरी प्यारी बबली बबली आअहहह चीर दो आअहह आहहह चीर दो ना आआहह पंडित आअहहह ऊऊऊ दोनों एक साथ झड़ गए और पंडित ने सारा वीर्य बबली की चूत के ऊपर झाड़ दिया
बबली आहह अब बबली पंडित से आंखें नहीं मिला पा रही थी पंडित बबली के साथ लेट गया और उसके गालों को चूमने लगा बबली पंडित जी क्या मैंने पाप कर दिया है? पंडित नही बबली पंडित के साथ काम करने से तुम्हारी शुद्धता बढ़ गई है desi sex katha
कुछ देर दोनों मौन पड़े रहे और फिर बबली कपड़े पहन कर और मेकअप उतार कर घर चली आई आज पंडित ने उसे देवलिंग बांधने को नहीं दिया था रात को सोते वक्त बबली देवलिंग को मिस कर रही थी उसे पंडित के साथ हुई चुदाई याद आने लगी
वो मन ही मन में सोचने लगी कि पंडित जी आप बड़े वो है कब मेरे साथ क्या क्या करते चले गए पता ही नहीं चला पंडित जी आपका बदन कितना अच्छा है अपने बदन की इतनी तारीफ मैंने पहली बार सुनी है आप यहां क्यों नही है बबली ने अपनी सलवार का नाड़ा खोला और अपनी चूत को रगड़ने लगी
पंडित जी मुझे क्या हो रहा है वो यह बुदबुदाते हुए सोचने लगी चूत से हाथ की उंगली गांड पे ले गई और गांड को रगड़ने लगी यह मुझे कैसा रोग लग गया है टांगों के बीच में भी चुभन हिप्स के बीच में भी चुभन ओह अगले दिन रोज की तरह सुबह 6 बजे बबली मन्दिर आई इस वक्त मन्दिर में और कोई नहीं हुआ करता था desi sex katha
पंडित ने बबली को इशारे से मन्दिर के पीछे आने को कहा बबली मन्दिर के पीछे आ गई आते ही बबली पंडित से लिपट गई बबली ओह पंडित जी पंडित आहहह बबली पंडित बबली को होंठों को चूमने लगा
बबली की गांड दबाने लगा बबली भी कसके पंडित के होंठों को चूम रही थी तभी मन्दिर का घंटा बजा और दोनों अलग हो गए मन्दिर में कोई पूजा करने आया था पंडित अपनी चूमा चाटी छोड़ कर मन्दिर में आ गया जब मन्दिर फिर खाली हो गया तो पंडित बबली के पास आया
पंडित बबली इस वक्त तो कोई ना कोई आता ही रहेगा तुम वही अपने पूजा के समय पर आ जाना बबली अपनी पूजा करके चली आई उसका पंडित को छोड़ने का दिल नहीं कर रहा था खैर वो 12 बजे का इन्तजार करने लगी ठीक 12 बजे वो पंडित के घर पहुंची दरवाज़ा खुलते ही वो पंडित से लिपट गई desi sex katha
पंडित ने जल्दी से दरवाज़ा बंद किया और बबली को लेकर जमीन पर बिछी चादर पे ले आया बबली ने पंडित को कस के बांहों में ले लिया पंडित के चेहरे पर किस पे किस किए जा रही थी अब दोनों लेट गए थे और पंडित बबली के ऊपर था दोनों एक दूसरे के होंठों को कस कस के चूमने लगे
पंडित बबली के होंठों पे अपनी जीभ चलाने लगा बबली ने भी मुंह खोल दिया अपनी जीभ निकाल कर पंडित की जीभ को चाटने लगी पंडित ने अपनी पूरी जीभ बबली के मुंह में डाल दी बबली पंडित के दांतों पर जीभ चलाने लगी पंडित आह बबली मेरी रानी तेरी जीभ तेरा मुंह तो मिल्क शेक जैसा मीठा है
बबली पंडित जी आपके होंठ बड़े रसीले है आपकी जीभ शरबत है आआहह पंडित ओहहह बबली पंडित बबली के गले को चूमने लगा आज बबली सफेद साड़ी ब्लाउज में आई थी पंडित बबली का पल्लू हटा कर उसके स्तनों को दबाने लगा बबली ने खुद ही ब्लाउज और ब्रा को निकाल फेंका desi sex katha
पंडित उसके मम्मों पर टूट पड़ा उसके निप्पलों को कस कस के चूसने लगा बबली आहहह पंडित जी आराम से मेरे स्तन आपको इतने अच्छे लगे है आऐईए पंडित हां तेरे स्तनों का जवाब नहीं रानी तेरा दूध कितनी मलाई वाला है और तेरे गुलाबी निप्पलों इन्हें तो मैं खा जाऊंगा
बबली आअहहह आह उई तो खा जाओ ना मना कौन करता है पंडित बबली के निप्पलों को दांतों के बीच में लेकर दबाने लगा बबली आऐई इतना मत काटो आहह वरना अपनी इस भैंस का दूध नहीं पी पाओगे पंडित ऊओ मेरी भैंस मैं हमेशा तेरा दूदू पीता रहूंगा
बबली उई आआ तो पी अहह लो ना निकालो ना मेरा दूध खाली कर दो मेरे स्तनों को पंडित कुछ देर तक बबली के स्तनों को चूसता चबाता दबाता और काटता रहा फिर पंडित नीचे की तरफ आ गया उसने बबली की साड़ी और पेटीकोट उसके पेट तक चढ़ा दिए उसकी टांगें खोल दी पंडित बबली आज कच्छी पहनने की क्या जरूरत थी desi sex katha
बबली पंडित जी आगे से नहीं पहनूंगी पंडित ने बबली की कच्छी निकाल दी पंडित मेरी रानी अपनी योनि द्वार का सेवन तो करा दे यह कह कर पंडित बबली की चूत चाटने लगा बबली के बदन में करंट सा दौड़ गया बबली पहली बार चूत चटवा रही थी
बबली आआहहह आह मेरी योनि का सेवन कर लो पंडित जी तुम्हारे लिए सारे द्वार खुले है अपनी शुद्ध जीभ से मेरी योनि का भोग लगा लो मेरी योनि भी पवित्र हो जाएगी आआहहह पंडित आअहह मज़ा आ गया बबली आअह हां हां ले लो मज़ा एक विधवा को तुमने गरम तो कर ही दिया है
इसकी योनि चखने का मौका मत गंवाओ मेरे पंडित जी आआईई पंडित ने बबली को पेट के बल लिटा दिया उसकी साड़ी और पेटीकोट उसके हिप्स के ऊपर चढ़ा दिए अब वो बबली के हिप्स पे किस करने लगा बबली के हिप्स थोड़े बड़े थे लेकिन बहुत मुलायम थे desi sex katha
पंडित बबली मैं तो तेरे चूतड़ पे मर जाऊं बबली पंडित जी आहह मरना ही है तो मेरे चूतड़ों के असली द्वार पर मरो आपने जो देवलिंग दिया था वो मेरे चूतड़ों के द्वार पे आकर ही फंसता था पंडित तू फिक्र मत कर तेरे हर एक द्वार का भोग लगाऊंगा
यह कह कर पंडित ने बबली को घोड़ी बनाया और उसकी गांड चाटने लगा बबली को इसमें बहुत अच्छा लग रहा था पंडित बबली की गांड के छेद को चाटने के साथ साथ उसकी चूत को रगड़ रहा था बबली आअहहह चलो पंडित जी अब स्वाहा कर दो ऊस्सशहह हहह
पंडित चल अब मेरा प्रसाद लेने के लिए तैयार हो जा बबली आहहह पंडित जी आज मैं प्रसाद पीछे से लूंगी पंडित चल मेरी रानी जैसे तेरी मर्जी पंडित ने धीरे धीरे बबली की गांड में अपना पूरा लंड डाल दिया बबली आआअहहह पंडित आअह बबली प्यारी बस कुछ सब्र कर ले आह्ह बबली आआहहह desi sex katha
पंडित जी मेरे पीछे वाले के द्वार में आपका स्वागत है ऊई पंडित आअह्ह मेरे लंड को तेरा पिछला द्वार बहुत अच्छा लगा है कितना टाईट और चिकना है तेरा पीछे का द्वार बबली आअहहह पंडित जी अपने स्कूटर की स्पीड बढ़ा दो रेस दो ना आअह पंडित ने गांड में धक्कों की स्पीड बढ़ा दी
फिर बबली की गांड से लंड निकाल कर उसकी चूत में पेल दिया बबली आई मांआ कोई द्वार मत छोड़ना आह आह आपकी बांसुरी मेरे बीच के आहह द्वार में क्या धुन बजा रही है पंडित मेरी बबली मेरी रानी तेरे छेदों में मैं ही बांसुरी बजाऊंगा बबली आअहहह पंडित जी मुझे योनि में बहुत आअह खुजली हो रही है अब अपना चाकू मेरी योनि पे चला दो मिटा दो मेरी खुजली मिटाओ ना
पंडित ने बबली को लिटा दिया और उसके ऊपर आकर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया साथ साथ उसने अपनी एक उंगली बबली की गांड में डाल दी बबली आअहहह पंडित जी प्यार करो इस विधवा लड़की को अपनी बांसुरी से तेज तेज धुनें निकालो मिटा दो मेरी खुजली आहहह अआएए पंडित आआहहह मेरी रानी desi sex katha
बबली ऊऊहहह मेरे राज्जाअ और तेज औऊर्रर तेज आआहहह अन्दर और अन्दर आ राजाआ आअहह आह आह पंडित आहहह ओहहह बबली प्यारी मैं छूटने वाला हूं बबली आअहहह मैं भी आआ ई ऊऊऊ अन्दर ही गिरा दो अपना प्रसाद पंडित आहहह बबली आआहहह अअह अह अह अह स्वाहा चुद गई चूत और हो गया कल्याण