Desi Chudai Kahani 1
(शादी के बाद भी कुंवारी – 1)
डाक्टर की डिग्री मिलते ही मेरी पोस्टिंग बिहार के एक गांव में हो गई गांव वासियों ने अपने जीवन में गांव में पहली बार कोई डाक्टर देखा था इसके पहले गांव नीम हकीमों ओझाओं और झाड़ फूंक करने वालों के हवाले था जल्द ही गांव के लोग एक भगवान की तरह मेरी पूजा करने लग गए desi chudai kahani
रोज ही काफी मरीज आते थे और मैं जल्दी ही गांव की जिंदगी में बड़ा महत्वपूर्ण समझा जाने लगा गांव वाले अब सलाह के लिए भी मेरे पास आने लगे मैं भी किसी भी वक़्त मना नहीं करता था अपने मरीजों को आने के लिए गांव के बाहर मेरा बंगला था
इसी बंगले में मेरी डिस्पेन्सरी भी थी गांव में मेरे साल भर गुजारने के बाद की बात होगी यह इस गांव में लड़कियां और औरतें बड़ी सुन्दर सुन्दर थी ऐसी ही एक बहुत खूबसूरत लड़की थी गांव के मास्टर जी की नाम भी उसका था रानी
सच कहूं तो मेरा भी दिल उस पर आ गया था पर होनी को कुछ और मंजूर था गांव के ठाकुर के बेटे का भी दिल उस पर आया और उनकी शादी हो गई पर जोड़ी बड़ी बेमेल थी कहां रानी और कहां सुरेश सुरेश बड़ा सूखा सा मारियल सा लड़का था desi chudai kahani
मुझे तो उसके मर्द होने पर भी शक था और यह बात सच निकली करीब करीब उनकी शादी के साल भर बाद एक दिन ठकुराइन मेरे घर पर आई उसने मुझे कहा कि उसे बड़ी चिंता हो रही है कि बहू को कुछ बच्चा वगैरह नहीं हो रहा
उसने मुझसे पूछा कि क्या गड़बड़ हो सकता है बेटा बहू उसे कुछ बताते नहीं हैं और उसे शक है कि बहू कहीं बाँझ तो नहीं? मैंने उसे विश्वास दिलाया और कहा कि वो बेटा बहू को मेरे पास भेज दें तो मैं देख लूंगा कि क्या गड़बड़ है उसने मुझसे वादा लिया मैं यह बात गुप्त रखूं घर की इज्ज़त का मामला है फिर एक रात करीब शाम को वे दोनों आए सुरेश और उसकी बहू
देखते ही लगता था कि बेचारी रानी के साथ बड़ा अनयाय हुआ है कहां वो लंबी लचीली एकदम गोरी लड़की भरे पूरे बदन की बला की खूबसूरत लड़की और कहां वो सुरेश काला कलूटा मरियल सा मुझे सुरेश की किस्मत पर बड़ा रंज हुआ desi chudai kahani
वो धीरे धीरे अक्सर इलाज करवाने मेरे क्लिनिक पर आने लगे और साथ साथ मुझसे खुलते गये सुरेश बड़ा नर्म दिल इंसान था अपनी बला की खूबसूरत बीवी को जरा सा भी दुख देना उसे मंजूर ना था उसने दबी जुबान से स्वीकार किया एक दिन कि अभी तक वो अपनी बीवी को चोद नहीं पाया है
मैं समझ गया कि क्यों बच्चा नहीं हो रहा है जब रानी अभी तक कुंवारी ही है तो सहसा मेरे मन मैं एक ख्याल आया और मुझे मेरी दबी हुई हसरत पूरी करने का एक हसीन मौका दिखा रानी का कौमार्य लूटने का दरअसल जब जब सुरेश रानी के सुन्दर नंगे जिस्म को देखता था
अपने ऊपर काबू नहीं रख पाता था और इससे पहले की रानी सेक्स के लिए तैयार हो सुरेश ऊपर टूट पड़ता था नतीजा यह कि लंड घुसाने की कोशिश करता था तो रानी दर्द से चिल्लाने लगती थी और रानी को यह सब बड़ा तकलीफ वाला मालूम होता था desi chudai kahani
उसे चिल्लाते देख बेचारा सुरेश सब्र कर लेता था फिर दूसरे सुरेश इतना कुरूप सा था कि उसे देख कर रानी बुझ सी जाती थी सारी समस्या जानने के बाद मैंने अपना जाल बिछाया मैंने एक दिन ठकुराईन और सुरेश को बुलाया उन्हें बताया कि ख़राबी उनके बेटे में नहीं बल्कि बहू में है और उसका इलाज करना होगा छोटा सा ऑपरेशन बस बहू ठीक हो जाएगी
ठकुराईन तो खुश हो गई पर बेटे ने बाद में पूछा डाक्टर साहब आखिर क्या ऑपरेशन करना होगा? हां सुरेश बताना जरूरी है नहीं तो बाद मैं तुम कुछ और समझोगे हां हां बोलिये डाक्टर साहब? देखो सुरेश तुम्हारी बीवी का गुप्ताँग थोड़ा सा खोलना होगा ऑपरेशन करके
तभी तुम उससे संभोग कर पाओगे और वो मां बन सकेगी क्या? पर क्या यह ऑपरेशन आप करेंगे मतलब मेरी बीवी को आपके सामने नंगी लेटना पड़ेगा? हां यह मजबूरी तो है पर तुम तभी उसकी जवानी का मज़ा लूट पाओगे वरना सोच लो यूं ही तुम्हारी उमर निकल जाएगी और वो कुंवारी ही रहेगी desi chudai kahani
अब वो नर्म पड़ गया प्लीज डाक्टर साहब कुछ भी कीजिए चाहे ऑपरेशन कीजिए चाहे जो जी आए कीजिए पर कुछ ऐसा कीजिए कि मैं उसके साथ वो सब कर सकूं और हमारा आंगन बच्चे की किलकारी से गूंज उठे वरना मैं तो गांव में मुंह नहीं दिखा सकूंगा किसी को खानदान की इज्ज़त का मामला है डाक्टर साहब उसने हाथ जोड़ लिए
ठीक है घबराओ नही बहू को मेरे क्लिनिक में भरती कर दो चार दिन में जब वो ठीक हो जाएगी तो घर आ जाएगी तो बस फिर बहू के साथ मौज करना ठीक है डाक्टर साहब वो ठीक हो जाएगी तो मैं आपका बड़ा उपकार मानूंगा और इस तरह रानी मेरे घर पर आ गई
कुछ दिनों के लिए शिकार जाल में था बस अब करने की बारी थी रानी अच्छी मिलनसार थी खुल सी गई थी मुझसे पर जब वो सामने होती थी अपने ऊपर काबू रखना मुश्किल हो जाता था बला की कमसिन थी वो जवानी जैसे फूट फूट कर भरी थी उसके बदन में जब्त किए था desi chudai kahani
मैं मौका देख रहा था महीनों से कोई लड़की मेरे साथ नहीं सोई थी लंड था कि नारी बदन देखते ही खड़ा हो जाता था दूसरी गड़बड़ यह थी मेरे साथ कि मेरा लंड बहुत बड़ा है जब वो पूरी तरह खड़ा होता है तो करीब 8 इंच लंबा होता है और उसका सुपारा ऐसे खड़ा हो जाता है
जैसे कि एक लाल बड़ा सा टमाटर हो और पीछे लंबा सा पत्थर की तरह कड़ा एकदम सीधा लंबा सा खीरे जैसा मोटा सा लंड रानी को मेरे घर आए एक दिन बीत चुका था पिछली रात तो मैंने किसी तरह गुज़ार दी पर दूसरे दिन बदहवास सा हो गया और मुझे लगा कि अब मुझे रानी चाहिए वरना कहीं मैं कुछ कर ना बैठूं
ऐसी सुन्दर कामनीय काया मेरे ही घर में और मैं प्यासा क्लिनिक बंद करके रात्रि भोजन के बाद मैंने रानी से कहा कि मुझे उससे कुछ खास बातें करनी हैं उसके केस के बारे में कि वो अंदर मेरे रूम में आ जाए desi chudai kahani
गांव की एक वधू की तरह वो मेरे सामने बैठी थी एक भरपूर नज़र मैंने उस पर डाली उसने नज़रें झुका ली अब मैंने बेरोक टोक उसके जिस्म को अपनी नज़रों से टटोला उफफफ कपड़ों में लिपटी हुई भी वो कितनी कामवासना जगाने वाली थी
देखो रानी मैं जानता हूं कि जो बातें मैं तुमसे करने जा रहा हूं वो मुझे तुम्हारे पति की अनुपस्थिति में शायद नहीं करनी चाहिए पर तुम्हारे केस को समझने के लिए और इलाज के लिए मेरा जानना जरूरी है और अकेले में मुझे लगता है कि तुम सच सच बताओगी
मैं जो पूछूं उसका ठीक ठीक जवाब देना तुम्हारे पति ने मुझे सब बताया है और उसने यह भी बताया है कि क्यों तुम दोनों का बच्चा नहीं हो रहा है क्या बताया उन्होंने डाक्टर साहब? सुरेश कहता है कि तुम मां बनने के काबिल ही नहीं हो desi chudai kahani
वो तो डाक्टर साहब वो मुझसे भी कहते हैं और जब मैं नहीं मानती तो उन्होंने मुझे मारा भी है एक दो बार तो तुम्हें क्या लगता है कि तुम माँ बन सकती हो? हां डाक्टर साहब मेरे में कोई कमी नहीं है मैं मां बन सकती हूं
तो क्या सुरेश में कुछ खराबी है हां डाक्टर साहब क्या? साहब वो वो उनसे होता नही क्या नहीं होता सुरेश से? वो साहब वो हां हां बोलो रानी देखो मुझसे कुछ छुपाओ मत मैं डाक्टर हूं और डाक्टर से कुछ छुपाना नहीं चाहिए डाक्टर साहब मुझे शरम आती है कहते हुए आप पराये मर्द हैं ना
मैं उठा कमरे का दरवाज़ा बंद करके खिड़की में भी चिटकनी लगा के मैंने कहा लो अब मेरे अलावा कोई सुन भी नहीं सकता और मुझसे तो शरमाओ मत हो सकता है तुम्हारा इलाज करने के लिए मुझे तुम्हें नंगी भी करना पड़े desi chudai kahani
तुम्हारी सास और पति से भी मैंने कह दिया है और उन्होंने कहा है कि मैं कुछ भी करूं पर उनके खानदान को बच्चा दे दूं इस लिए मुझसे मत शरमाओ डाक्टर साहब वो मेरे साथ कुछ कर नहीं पाते क्या? मैं अनजान बनते हुए कहा मुझे रानी से बात करने में बड़ा मज़ा आ रहा था
मैं उस गांव की युवती को कुछ भी करने से पहले पूरा खोल लेना चाहता था वो वो मेरे साथ मेरी योनि में डाल नहीं पाते ओह यूं कहो ना कि वो तुम्हारे साथ संभोग नहीं कर पाते हां सुरेश कह रहा था कि तुम्हारी योनि बहुत संकरी है तो क्या आज तक उसने कभी भी तुम्हारी योनि में नहीं घुसाया?
नहीं डाक्टर साहब नज़र झुकाए ही वो बोली तो क्या तुम अभी तक कुंवारी ही हो? तुम्हारी शादी को तो साल भर से ज्यादा हो चुका है हां साहब वो कर ही नहीं सकते मैं तो तड़पती ही रह जाती हूं यह कहते कहते रानी रुआंसी हो उठी पर वो तो कहता है कि तुम सह नहीं पाती हो? और चीखने लगती हो चिल्लाने लगती हो desi chudai kahani
साहब वो तो हर लड़की पहली बार चीखती चिल्लाती है पर मर्द को चाहिए कि वो उसकी एक ना सुने और अपना काम करता रहे पर यह तो कर ही नहीं सकते इनके उसमें ताकत ही नहीं है इतनी सूखे से तो हैं पर वो तो कहता है कि तुमको संभोग की इच्छा ही नहीं होती?
झूठ बोलते हैं साहब किस लड़की की इच्छा नहीं होती कि कोई बलिष्ठ मर्द आए और उसे लूट ले पर उन्हें देख कर मेरी सारी इच्छा ख़त्म हो जाती है पर रानी मैंने तो उसका काम अंग देखा है ठीक ही है और वो संभोग कर तो सकता है कहीं तुम्हारी योनि में ही तो कुछ समस्या नहीं?
नहीं साहब नहीं आप उनकी बातों में ना आइए पहले तो हमेशा मेरे आगे पीछे घूमते थे कि मुझसे सुन्दर गांव में कोई नही और अब वो सुबकने लगी आप ही बताइए डाक्टर साहब मैं शादी के एक साल बाद भी कुंवारी हूं और फिर भी उस घर में सभी मुझे ताना मारते है अरे नहीं रानी मैंने प्यार से उसके सर पर हाथ फेरा अच्छा मैं सब ठीक कर दूंगा desi chudai kahani
अच्छा चलो यहां बिस्तर पर लेट जाओ मुझे तुम्हारा चेकअप करना है क्या देखेंगे डाक्टर साहब? तुम्हारे बदन की जांच तो करनी होगी जीईई ऊपर से ही देख लीजिए ना डाक्टर साहब जो देखना है ऊपर से तुम तो बहुत खूबसूरत लगती हो
एकदम काम की देवी तुम्हें देख कर तो कोई भी मर्द पागल हो जाए फिर मुझे देखना यह है कि आज तक तुम कुंवारी कैसे हो चलो लेटो बिस्तर पर और साड़ी उतारो जी डाक्टर साहब मुझे शर्म आती है डाक्टर से शरमाओगी तो इलाज कैसे होगा?
वो लेट गई मैंने उसे साड़ी उतारने में मदद की एक खूबसूरत जिस्म मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में था लेटा हुआ वो भी मेरे बिस्तर पर मेरे लंड में हलचल होने लगी मैंने उसका पेटीकोट थोड़ा ऊपर को सरकाया और अपना एक हाथ अंदर डाला वो उधर नंगी थी desi chudai kahani
एक उंगली से उसकी चूत को सहलाया वो सिसकी और अपनी जांघों से मेरे हाथ पर हल्का सा दबाव डाला उसकी चूत के होंठ बड़े टाइट थे मैंने दरार पर उंगली घुमाने के बाद अचानक उंगली अंदर घुसा दी वो उछली हल्की सी एक सिसकारी उसके होंठों से निकली
थोड़ी मुश्किल के बाद उंगली तो घुसी फिर मैंने उंगली थोड़ी अंदर बाहर की वो भी साल भर से तड़प रही थी मेरी इस हरकत ने उसे थोड़ा गर्मी दे दी इसी बीच एक उंगली से उसे छेड़ते हुए मैंने बाक़ी उंगलियां उसकी चूत से गांड के छेद तक के रास्ते पर फिरानी शुरू कर दी थी कैसा महसूस हो रहा है?
अच्छा लग रहा है? हां डाक्टर साहब तुम्हारा पति ऐसा करता था? तुम्हारी योनि में इस तरह उंगली डालता था? नहीं डाक्टरर साहब्ब रानी अब छटपटाने लगी थी उसकी आंखें लाल हो उठी थी अगर तुम्हारे साथ संभोग करने से पहले तुम्हारा पति ऐसा करे तो तुम्हें अच्छा लगेगा? desi chudai kahani
हां अम्म वे तो कुछ जानते ही नहीं और सारा दोष मेरे माथे पर ही मढ़ रहे हैं अगली बार जब अपने पति के पास जाना तो यहां योनि पर एक भी बाल नहीं रखना तुम्हारे पति को बहुत अच्छा लगेगा और वो जरूर तुम पर चढ़ेगा अच्छा डाक्टर साहब
जाओ उधर बाथरूम में सब काट कर आओ वहां रेजर रखा है जानती हो ना कि कैसे करना है? संभोग करने से पहले इसे सज़ा कर अपने पति के सामने पेश करना चाहिए मैंने रानी की चूत को खोदते हुए उसकी आंखों में आंखें डाल कहा हां डाक्टर साहब लेकिन उन्होंने तो कभी भी मुझे बाल साफ करने के लिए नहीं कहा रानी ने धीरे से कहा
वो गई और थोड़ी देर में वापस मेरे बेडरूम में आ गई हो गया? तो तुम्हें रेजर इस्तेमाल करना आता है कहीं उस नाजुक जगह को काट तो नहीं बैठी हो? मैंने पूछा जी जी कर दिया शादी से पहले मैंने कई बार रेजर पहले भी इस्तेमाल किया है अच्छा आओ फिर यहां लेट जाओ desi chudai kahani
वो आई और लेट गई पिछली बार से इस बार प्रतिरोध काम था मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा पकड़ा और खींचना शुरू किया पेटीकोट खुल गया उसकी कमर मुश्किल से 22 इंच रही होगी और हिप्स की साइज करीब 34 इंच जांघों पर खूब मांसलता थी
गोलाई और मादकता विशाल पुट्ठे इस सुन्दर कामुक दृश्य ने मेरा स्वागत किया उसने मेरा हाथ पकड़ लिया डाक्टर साहब यह क्या कर रहे हैं? आप तो मुझे नंगी कर रहे हैं अरे देख तो लूं कि तुमने बाल ठीक से साफ किए भी या नहीं और बाल काटने के बाद वहां पर एक क्रीम भी लगानी है
अब इससे पहले वो कुछ बोलती मैंने उसका पेटीकोट घुटनों से नीचे तक खींच लिया था अति सुन्दर बला की कामुक तुम बहुत खूबसूरत हो रानी मैंने थोड़ा साहस के साथ कह डाला उसकी तारीफ ने उसके हाथों के जोर को थोड़ा काम कर दिया और उसका फायदा उठाते हुए मैंने पूरा पेटीकोट खींच डाला और दूर कुर्सी पर फेंक दिया desi chudai kahani
यकीन मानिए मुझे ऐसा लगा कि अभी उस पर चढ़ जाऊं वो पतला सपाट पेट छोटी सी कमर पर वो विशाल नितंब सिर्फ एक ब्लाउज पीस में रह गया था उसका बदन भरपूर नज़रों से देखा मैंने उसका बदन उसने शर्म के मारे अपनी आंखों पर हाथ रख लिया और तुरंत पेट के बल हो गई
ताकि में उसकी चूत ना देख सकूं शायद चूत दिखाने में शर्मा रही थी जरा पल्टो रानी शर्म नहीं करते फिर तुम इतनी सुन्दर हो कि तुम्हें तो अपने इस मस्त बदन पर गर्व होना चाहिए नहीं डाक्टर साहब पराए मर्द के सामने मुझे बहुत शर्म आ रही है पल्टो ना रानी कहकर मैंने उसकी पीठ पर हाथ रखा और बल पूर्वक उसे पलटा दिया
खूबसूरत जांघों के बीच में वो कुंवारी चूत चमक उठी गोरी गोरी चूत की दोनों पंखुड़ियां फड़क सी रही थी शायद उसने भांप लिया था कि किसी मस्त से लंड को उसकी खुशबू लग गई है उसकी चूत पर थोड़ी सी लाली भी छाई थी desi chudai kahani
इधर मेरे लंड में भूचाल सा आ रहा था और मेरे अंडरवीयर के लिए मेरे लंड को कन्ट्रोल में रखना मुश्किल सा हो रहा था फिर भी मेरे टाइट अंडरवीयर ने मेरे लंड को छिपा रखा था अब मैंने उसकी चूत पर उंगलियां फिराई और पूछा रानी क्या सुरेश तुम्हें यहां पर मेरा मतलब तुम्हारी योनि पर चूमता है?
बाकी कहानी अगले भाग में