भाभी मेरी रजाई में आयी- 1

हैलो दोस्तों मैं आपके लिये sex story bhabhi hindi लेकर आया हूं आप इस bhabhi sex story में पढ़ेंगे कि मैं अपने ससुराल गया हुआ था और रात को भाभी मेरी रजाई में आ गयी अब मैं अपनी bhabhi sex story शुरू करता हूं

Sex Story Bhabhi Hindi 1

मेरा नाम मनोज है मैं दिल्ली में रह रहा हूं और मैं गुड़गांव में एक ऑटोमोबाइल कंपनी में एक मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में काम करता हूं मेरी उम्र 28 वर्ष है रंग साफ सुथरा व हाइट 6 फुट 1 इंच है मेरा बदन जिम जाने के कारण काफी आकर्षक है

यह bhabhi sex story सच्ची घटना है जिसे मैं नहीं चाहते हुये भी लिखने को मजबूर हो गया हूं मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और मैं भी अपने उन तमाम यादगार पलों में से एक अनमोल और जीवन की पहली आपबीती आपके सामने लाने को विवश हो गया हूं

यह antarvasna bhabhi sex story तब की है जब मेरी उम्र 28 वर्ष थी उस समय मेरी शादी को 2 वर्ष हो चुके थे मेरी ससुराल गाजियाबाद में है मेरी कंपनी में जनवरी के महीने में 3 दिन की छुट्टी थी तो मैं अपनी बीवी को लेकर छुट्टियां बिताने के लिये अपने ससुराल चला गया

मेरे ससुराल वाली फैमिली में मेरे सास ससुर बूढ़ी दादी और मेरा इकलौता साला अपनी बीवी के साथ रहता हैं साले की शादी मेरी शादी से 4 साल पहले हो चुकी थी उनकी एक छोटी बेटी भी थी 2 साल की

मेरे साले की उम्र 36 वर्ष है और उसका गाजियाबाद में खुद का एक ट्रांसपोर्ट है वह दिन भर ट्रांसपोर्ट में ऑफिस में काम करता है और कभी कभी उसको कुछ दिनों के लिये बाहर भी जाना पड़ता है

वह अक्सर बहुत ज्यादा बिजी रहता है इसके साथ साथ उसको शराब पीने की बहुत बुरी लत है वह सुबह उठकर भी शराब पीता है और रात को भी शराब पीकर ही घर वापस लौटता है

उसकी इस बुरी आदत से घर में सब लोग परेशान हैं शराब की वजह से उसका शरीर बहुत कमज़ोर हो गया है उसको लीवर की प्रॉब्लम भी है उसको एक बार पीलिया भी हो चुका है लेकिन वह शराब पीने से कभी बाज नहीं आता है

घर में सुलेखा भाभी भी इसकी वजह से बहुत परेशान रहती थी अक्सर उन दोनों में बहुत ज्यादा लड़ाई हो जाती है कभी कभी मैं यह सोचता था कि भाभी अपने तन की जरूरतें कैसे पूरा करती होगी क्योंकि भैया के शरीर का इतना बुरा हाल था उनको देखकर लगता था कि अब वे बूढ़े हो गये हैं

भाभी जी हर वक्त परेशान रहती थी इसकी वजह शायद यह थी कि उनको कभी शारीरिक सुख की संतुष्टि मिली ही नहीं सुलेखा भाभी अभी एकदम जवान है उनकी उम्र 32 साल है भाभी दिखने में बहुत ज्यादा सुंदर है उनकी हाइट करीब 5 फुट 7 इंच है उनका रंग साफ सुथरा गोरा चिट्टा है और उनकी फिगर 38-26-38 है

भईया के मुकाबले भाभी बहुत ज्यादा सुंदर हैं भाभी जब कभी भी पटियाला सलवार और टाइट कुर्ता पहनती है तो एकदम गजब माल लगती हैं

सुलेखा भाभी की मेरी बीवी के साथ बहुत अच्छी ट्यूनिंग है हम दोनों में खूब पटती है जब भी मेरी ऑफिस की छुट्टी होती है तो भाभी हमेशा फोन करके हमें अपने पास बुला लेती हैं

उस दिन भी सुबह ही मैं अपनी बीवी को लेकर अपनी गाड़ी से गाजियाबाद के लिये निकल गया जैसे ही हम घर पहुंचे तो वहां पर एक खुशी का माहौल छा गया

हम सब लोग बैठ गये और बातें करने लगे फिर भाभी हमारे लिये गर्मा गर्म चाय और पकौड़ी बनाकर लाई फिर हमने दोपहर का खाना खाया और आराम करने लगे

मेरे ससुर का मकान काफी अच्छा बना हुआ है उसमें तीन कमरे नीचे के फ्लोर में है और दो कमरे ऊपर के फ्लोर में है

मैं बचपन से काफी शर्मीले स्वभाव का हूं इसलिये ससुराल में भी किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता और मैं ऊपर मेहमान वाले कमरे में जाकर लेट गया

मैं अक्सर भाभी की सुंदरता के बारे में सोचता रहता था लेकिन मैंने उनको कभी गलत निगाह से नहीं देखा भाभी भी मुझसे बहुत ज्यादा खुली हुयी नहीं थी और वह मुझसे हल्का फुल्का मजाक कर लेती थी

शाम के 4:00 बजे थे उस दिन मेरा साला अपने मामा के यहां जाने वाला था क्योंकि उसके मामा के लड़के का 2 दिन पहले बाइक से एक्सीडेंट हो गया था उसको काफी गंभीर चोट आयी थी उसको देखने के लिये मेरे सास ससुर और साथ में मेरी बीवी भी जाने को तैयार हो गयी

अब घर में केवल मैं सुलेखा भाभी बूढ़ी दादी और भाभी की 2 साल की छोटी बेटी ही बचे मामा का गांव वहां से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर था तो वह लोग एक रात वहां पर रुक कर अगले दिन शाम तक वापस आने वाले थे

कुछ देर बाद वे लोग मामा के गांव के लिये रवाना हो गये उनके जाने के बाद मैं और भाभी दादी के साथ टीवी देखने लगे और बातचीत करने लगे

कुछ देर बाद भाभी उठकर किचन में चली गयी और अपना रसोई का काम निपटाने लगी मैं भी कुछ देर तक टीवी देखता रहा उसके बाद में ऊपर अपने कमरे में चला गया

मुझे उस वक्त बहुत तेज पेशाब आ रहा था तो मैं पेशाब करने के लिये ऊपर कमरे में अटैच टॉयलेट में पेशाब करने चला गया मैंने बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया था

जब मैं पेशाब कर रहा था तो उसी वक्त मुझे सुलेखा भाभी के पैरों की पायल की आवाज सुनाई दी शायद सुलेखा भाभी किसी काम से ऊपर कमरे में आ रही थी

मैंने जल्दी जल्दी में पेशाब किया और इस डर की वजह से कि कहीं भाभी कमरे में ना आ जाए क्योंकि बाथरूम का गेट खुला हुआ था तो मैंने जल्दी ही अचानक से जींस की चैन को ऊपर खींच दिया

इस गलती की वजह से मेरे लंड के निचले हिस्से की खाल चैन में बुरी तरह से फंस गयी क्योंकि जल्दी जल्दी के चक्कर में मैं लंड पैंट के अंदर करना भूल गया था

मैंने चैन को नीचे करना चाहा लेकिन वह खाल में बुरी तरह से अंदर धंसी हुयी थी मुझे बहुत दर्द हो रहा था और थोड़ा खून भी निकल रहा था मेरे हाथ की उंगली में व जींस पर थोड़ा सा खून लग गया था
और उधर भाभी कमरे के अंदर घुस गयी थी

उन्होंने कमरे में अंदर घुसकर मुझे आवाज लगाई मैं तुरंत बाथरूम के दरवाजे के पीछे हो गया मैंने भाभी से कहा- कुछ देर रुको मैं अभी आता हूं तो भाभी ने सोचा शायद मैं बाथरूम यूज कर रहा हूं इसलिये भाभी वहीं बैठ गयी और मेरे आने का इंतजार करने लगी

और इधर में लंड को ज़िप से छुड़ाने की कोशिश करने लगा लेकिन लंड की खाल चैन से नहीं निकल पा रही थी

दोस्तो मेरे लंड की लंबाई और मोटाई गॉड गिफ्ट है मेरे लंड की लंबाई 8 इंच है और मोटाई साढे़ 5 इंच है मेरी बीवी हमेशा मेरे लंड की चुदाई की कायल रहती है मेरी बीवी मेरे मोटे और लंबे लंड से बहुत प्यार करती है

वो मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसती भी है और उसकी तेल से मालिश भी करती है कभी कभी रात को सोते समय हाथ में पकड़ कर भी सोती है और कभी कभी अपने दोनों चूतड़ों के बीच की दरार में घुसा कर सोती है

मुझे भी अक्सर ऐसे ही सोने में मजा आता है और मैं रात को ज्यादातर अंडरवियर निकाल कर ही सोता हूं

मेरी बीवी ने मुझे कई बार बताया है कि सुलेखा भाभी हम दोनों की सेक्स लाइफ कैसी चल रही है के बारे में अक्सर पूछती रहती है और मेरी बीवी हमेशा यही जवाब देती है कि हम दोनों की सेक्स लाइफ बहुत मस्त चल रही है

खैर अब आगे 5 मिनट और लगातार कोशिश करने के बाद भी मेरे लंड से पैंट की चैन अलग नहीं हुयी तो फिर से भाभी की आवाज आयी- मनोज क्या हुआ? बहुत टाइम लग रहा है दरअसल मुझे तुमसे किचन के लिये बाजार से कुछ सामान मंगवाना था अभी और कितना टाइम लगेगा ?

मैं बोला- भाभी बस अभी निकल ही रहा हूं

और इधर मेरी बुरी हालत हो रही थी मैं नीचे झुक कर देखता तो कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था कि लंड के नीचे खाल किस जगह और कैसे फंसी हुयी है

आखिरकार मैंने यह तय किया कि भाभी को अब सब कुछ बता देता हूं अब सुलेखा भाभी ही मुझे इस प्रॉब्लम से बाहर निकाल सकती हैं लेकिन मुझे उनके सामने जाने में और उनसे कहने में शर्म महसूस हो रही थी

फिर मैंने हिम्मत करके उनसे आखिरकार बोल ही दिया- भाभी मैं अंदर बाथरूम में एक प्रॉब्लम में फंसा हुआ हूं
भाभी बोली- क्या हुआ? क्या प्रॉब्लम है?

मैंने बाथरूम के अंदर से ही बताया- भाभी जब आप ऊपर आ रही थी तो मैं बाथरूम का दरवाजा खोल कर पेशाब कर रहा था जब मुझे आपके आने की आवाज सुनाई दी तो मैं जल्दी में अपनी चैन बंद करने लगा और मेरा यह हथियार चैन में बुरी तरह से फंस गया

अब निकल भी नहीं रहा है और थोड़ा सा खून भी निकल रहा है यह सुनकर भाभी पहले तो थोड़ा सा हंसी और फिर बोली- मैं तुम्हारी कुछ मदद करूं क्या ?

मैं बोला- भाभी अब आप ही इस प्रॉब्लम से बाहर निकाल सकती हो

तो उन्होंने कहा- ठीक है कोई बात नहीं अब शर्माओ मत और तुम अंदर कमरे में आ जाओ

मैं एक हाथ से अपनी पैंट को पकड़कर और एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर कमरे में जैसे ही दाखिल हुआ तो भाभी की नजर तुरंत मेरे लंड पर गयी वह देखकर एकदम से चौंक गयी और बोली- हाय राम कितना खून निकल रहा है

मेरा हाथ भी खून से सना हुआ था और मेरी पैंट पर भी खून के धब्बे लगे हुये थे

मैं उनके पास जाकर खड़ा हो गया भाभी मेरे लंड के पास आकर नीचे बैठ गयी मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी पैंट को पकड़ लिया जिससे पैंट लंड पर नीचे की तरफ ज़ोर ना डाले

तभी भाभी ने धीरे से मेरा लंड अपने एक हाथ में पकड़ लिया और दूसरे हाथ से देखने लगी कि खाल कहां फंसी हुयी है भाभी मेरे लंड को बहुत गौर से देख रही थी

वो मेरे लंड का मुआयना कुछ इस प्रकार कर रही थी कि जैसे उसने पहली बार जिंदगी में इतना बड़ा लंड देखा हो उनकी आंखों में एक अजब सी चमक दिखाई दे रही थी उनकी सांसें पहले से कुछ ज्यादा तेज हो गयी थी

मेरे लंड पर उनके कोमल हाथों का अहसास मेरे दर्द को एक सुकून में तब्दील कर रहा था

तभी भाभी ने चैन को पकड़कर खाल से अलग करना चाहा तो मुझे एकदम से बहुत तेज दर्द हुआ और मैं बोला- भाभी धीरे करो प्लीज दर्द हो रहा है

तो वह मुस्कुरा कर बोली- क्या तुम्हारे जैसे मर्द को भी कभी दर्द होता है?

मैं बोला- भाभी यह बहुत नाजुक जगह है और काफी देर से मुझे बहुत दर्द हो रहा है

तो भाभी बोली- ओके बाबा डरो मत मैं आराम से ही करती हूं

तो कुछ देर तक भाभी ने कोशिश करी लेकिन लंड की खाल चैन से नहीं छूटी

तब भाभी बोली- तुम एक काम करो तुम यहां बेड पर बैठ जाओ और मुझे तुम्हारे लंड पर सरसों का तेल लगाना पड़ेगा चिकनाई लगने से यह चैन छूट जाएगी

मैं बेड पर बैठ गया और भाभी तुरंत तेल लेने के लिये नीचे किचन में चली गयी और तुरंत ही भाभी एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर झट से ऊपर आ गयी

सुलेखा भाभी ने मुझे बेड पर सीधा लेटा दिया फिर उन्होंने अपने एक हाथ पर सरसों का तेल ले लिया और दूसरे हाथ से मेरे लंड के चारों तरफ तेल की मालिश करने लगी कुछ तेल की बूंदें उन्होंने जहां पर खाल फंसी हुयी थी वहां पर डाल दी

मेरा पूरा लंड तेल में भीग गया था

तो फिर उन्होंने थोड़ी कोशिश करी और आखिरकार पैंट की चैन मेरे लंड से अलग हो ही गयी मुझे एक राहत की सांस मिली लेकिन मेरे लंड के निचले हिस्से की खाल से अभी भी खून निकल रहा था

सुलेखा भाभी बोली- तुम्हारी त्वचा से अभी भी खून निकल रहा है मैं यहां पर अच्छे से तेल लगा देती हूं

फिर भाभी मेरे लंड पर ऊपर नीचे हर जगह तेल की मालिश करने लगी उनके हाथों में गजब का मखमली अहसास था जो मुझे पागल बनाए जा रहा था

अब मेरा लंड फुल कर बेलन का आकार ले चुका था मेरा लंड एकदम कड़क हो चुका था भाभी एकटक मेरे लंड को देखे जा रही थी 1 सेकंड के लिये भी उनकी नजरें मेरे लंड से नहीं हट रही थी

भाभी की सांसें और तेज हो रही थी बीच बीच में वह मेरे लंड को दबा भी रही थी अपने हाथों की मुट्ठी में भर कर वह मेरे लंड को भींच देती थी लेकिन लंड से अभी भी थोड़ा थोड़ा खून निकल रहा था

तो भाभी बोली- मनोज मैं इसके निचले हिस्से पर अभी पट्टी बांध देती हूं जिससे खून रुक जाएगा रात को सोते समय तुम पट्टी खोल देना

मैंने कहा- ठीक है भाभी

तभी भाभी अपने रूम से थोड़ी सी रुई और एक पट्टी लेकर आ गयी उन्होंने मेरे लंड के चारों तरफ रूई लगाकर ऊपर से पट्टी बांधी और बोली- घबराने की कोई बात नहीं

तुम कुछ देर यहीं आराम करो मैं तब तक खाना बना लेती हूं कुछ देर बाद तुम खाना खाने नीचे आ जाना और आज अंडरवियर मत पहनना केवल लोवर ही पहन लेना

यह कहकर वह नीचे चली गयी

मैं कुछ देर ऐसे ही मदहोशी की हालत में लेटा रहा और भाभी के कोमल हाथों के स्पर्श के बारे में सोचता रहा मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ था फिर मैंने बिना अंडरवियर के ही लोअर पहन लिया और नीचे जाकर खाना खाया और कुछ देर बाद फिर ऊपर आकर अपने कमरे में लेट गया

सुलेखा भाभी भी नीचे सारा काम निपटा कर दादी को खाना खिला कर और अपनी छोटी गुड़िया को और अपने आप खाना वाना खाकर मेरे लिये एक गर्म दूध का गिलास उस में हल्दी डालकर लेकर आयी

सुलेखा भाभी मुझसे बोली- मनोज यह गर्म दूध पी लो इसमें हल्दी भी डली हुयी है

भाभी फिर बोली- मनोज आज मैं भी यही बेड पर सो जाऊंगी क्योंकि तुम्हारी हालत भी ठीक नहीं है हो सकता है रात को तुम्हें कुछ प्रॉब्लम हो जाए और वैसे भी मैं अपने कमरे में अकेली ही सोऊंगी मुझे अकेले नींद भी नहीं आती है अजीब सा लगता है

मैं बोला- ठीक है भाभी जैसी तुम्हारी मर्जी

उसके बाद वह फिर नीचे चली गयी और मैं दूध पीकर लेट गया

रात को 10 बजे सुलेखा भाभी नीचे का सारा काम निपटा कर छोटी गुड़िया को लेकर ऊपर मेरे कमरे में आ गयी गुड़िया सो रही थी उन्होंने गुड़िया को दीवार के किनारे वाली साइड की ओर लेटा दिया और बीच में अपने आप आ गयी

उस समय रात को भाभी काले रंग की मुलायम और चमकदार नाइटी पहन कर आयी उस नाइटी को देख कर लग रहा था कि शायद भाभी नाइटी के अंदर ब्रा और पैंटी नहीं पहन रखी थी

बाकी कहानी bhabhi sex story के अगले भाग में

Bhabhi Sex Story :- भाभी मेरी रजाई में आयी- 2

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