आप ने antarvasna sex stories के पिछले भाग में पढ़ा प्रीति की बात से यकीन नहीं हुआ कि वो इतनी उम्र की है उसने आगे बताया कि उसकी शादी 19 साल में ही हो गयी थी और एक साल के बाद पहली लड़की हुयी फिर डेढ़ साल के बाद दूसरी लड़की हुयी अब आप antarvasna sex stories में आगे पढ़े
Antarvasna Sex Stories 9
उनकी इच्छा तो थी कि उन्हें कोई पुत्र प्राप्त हो पर कम उम्र में मां बनने से उसकी तबियत बिगड़ चुकी थी और वो कमजोर हो गयी थी इसी वजह से निरंतर उसका गर्भपात होता रहा
पति वैसे भी फौज में था तो मिलना भी कम होता था फिर कुछ सालों के बाद उसे गर्भ ठहरा मगर उसकी तबियत इतनी बिगड़ गयी कि उसे गर्भपात करवाना पड़ा
डॉक्टर ने साफ कह दिया था कि अब प्रीति का शरीर अतिरिक्त गर्भ धारण के लिये सक्षम नहीं है तब दोनों ने किसी भी बच्चे के लिये प्रयास करना छोड़ दिया और दोनों बेटियों पर ध्यान केंद्रित करने लगे शुरूआती जीवन दोनों का संघर्षपूर्ण रहा
मैंने ऊपर भी लिखा था कि कहा जाता है कि दो समान विचारों वाले लोग जल्दी घुल मिल जाते हैं प्रीति के साथ मैं भी बहुत जल्द घुल मिल गयी थी
अब तो वो मेरे घर भी आने जाने लगी और हम दोनों घंटों बातें करते उसने अपने जीवन के सारे उतार चढ़ाव मुझे बताने शुरू किए तो मैंने भी अपने जीवन के सुख दुख उससे बांटने शुरू कर दिये
महीने भर के बाद तो हम दोनों इतने ज्यादा खुल गये कि वो मुझे अपने फोन के वाट्सअप पर दोहरे मतलब वाले चुटकुले मजाकिया अश्लील तस्वीरें व अन्य कई वयस्क सामग्री दिखाने और साझा करने लगी
वो मुझे ये सब दिख खूब हंसती और तरह तरह से व्यंग्य करती एक दिन प्रीति ने मुझसे पूछा क्या मैं बूढ़ी हो गयी हूं?
मैंने उत्तर दिया- स्त्री और मर्द 50-50 साल तक बूढ़े नहीं होते तुम अभी से क्यों खुद को बूढ़ी समझने लगी हो
वो मेरी इस बात से खुश सी हुयी मैंने उसकी प्रसंसा करते हुये कहा कि भले ही तुम्हारी उम्र 45 साल की है पर अब भी तुम किसी 25-30 साल की महिला से अधिक सुंदर और आकर्षक दिखती हो
अपनी प्रसंसा सुनकर वो एक तरफ तो खुश हुयी मगर उसके मन में कोई और भी बात थी जो मुझे नहीं बता रही थी उसका मन उदास लग रहा था
मैंने उसे अपनी छोटी बहन सहेली बना करके उससे कहा मन कोई बात है तो बात दे शायद मैं कुछ सहायता कर सकूं और यदि सहायता ना भी कर सकी तो वो अपने मन की बात मुझसे कह कर खुद को हल्का महसूस कर सकती थी
काफी देर सोच विचार करके उसने मुझसे पहले तो मुझसे सवाल करने शुरू कर दिये उसने मुझसे मेरे और पति की शारीरिक संबंधों के बारे में पूछा
मैं उसे कोई अपनी निजी जानकारी नहीं देना चाहती थी सो मैंने कह दिया कि सब सही है मगर उम्र के हिसाब से हम घर गृहस्थी और बच्चों पर ज्यादा ध्यान देते हैं तब उसने मुझसे पूछा कि क्या हम कभी रतिक्रिया नहीं करते?
मैंने कहा- हां करते हैं पर बहुत कम करते हैं क्योंकि ना मुझे अब ज्यादा रूचि है और ना पतिदेव को
उसे कोई शंका ना हो इसलिये मैंने उससे कहा कि हमने अपने जीवन में बच्चे पैदा करने से लेकर आनंद लेने तक सब कुछ कर लिया हम दोनों को किसी भी चीज की कमी नहीं रही
वो मेरी बातें सुनकर गहरी सोच में पड़ गयी
तब मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
उसने मुझसे पूछा- क्या इस उम्र में संभोग रतिक्रिया की कामना करना गलत है?
मैंने उसे उत्तर दिया- अगर कोई स्त्री पुरुष स्वेच्छा से शारीरिक आनंद उठाना चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है और ये गलत तब तक नहीं है जब तक किसी की निजी जीवन में किसी प्रकार से कष्ट ना पहुंचे
मेरी बात सुनकर उसके भीतर एक आत्मविश्वास सा जागृत हो गया और वो भीतर से प्रसन्न हो गयी उसने मुझसे फिर पूछा कि क्या स्त्री पुरुष इस उम्र में भी संभोग के आनंद लेते हैं?
मैंने उससे कहा- जो अपनी इच्छा से जीवन का आनंद लेना चाहते हैं वो किसी भी तरह से जीवन का आनंद उठाते हैं वो मुझसे अब ऐसे व्यवहार करने लगी जैसे मैं उसकी शिक्षिका हूं और वो मेरी शिष्या है
अब मैंने उससे उसकी और उसके पति के बीच के संबंधों के बारे में पूछा तब उसने खुल कर अपनी व्यथा बतानी शुरू कर दी उसने बताया कि उनके शारीरिक संबंध तो अच्छे नहीं हैं
मैंने उसका कारण पूछा तो उसने कहा कि पता नहीं क्या कारण है मैंने सोचा कि इतनी सुंदर और सभी को आकर्षित करने वाली महिला के साथ आखिर क्या वजह हो सकती है कि रिश्ते अच्छे नहीं हैं
मैं अपने अनुभव से कहूं तो जब कोई मर्द मुझे देख उत्साहित हो सकता है उत्तेजित हो सकता है कामुक हो सकता है और किसी भी हद को पार कर सकता है तो फिर प्रीति जैसी महिला के लिये तो कोई भी मर्द मर तक सकता है
मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे वो कितने अंतराल में संभोग करते हैं?
उसने मुझे बताया कि जब पति की इच्छा होती है तब और जब मेरी इच्छा होती है तब वो बहाना बना कर सो जाते हैं
मैं बस उसे सुन रही थी
उसने फिर बताया कि उसे पहले की भांति अब आनंद नहीं आता वो केवल अपनी पति की इच्छा पूर्ति करती है
मैंने थोड़ा सोचा और उससे आगे पूछा कि दोनों संभोग में क्या क्या और कैसे कैसे करते हैं इस पर पहले तो बहुत शरमाई पर उसे लगा कि मैं कोई समाधान निकाल सकती हूं
उसने बताया कि जब पति की इच्छा होती है तो उससे कहता है फिर वो अपना पजामा उतार कर लेट जाती है और उसका पति संभोग कर शांत हो जाता है
उसकी कहानी बिल्कुल मेरी तरह ही थी पहले मैंने सोचा कि उसे भी सलाह दे दूं कि किसी दूसरे मर्द से ये सुख प्राप्त करने का प्रयास कर ले
मगर मुझे फिर लगा कि कहीं उसे मेरा चरित्र अच्छा ना लगे अब मैंने सोचा कि इसे कुछ ऐसा बताऊं कि दोनों पति पत्नी के संबंध अच्छे हो जायें
वो मेरी तरफ किसी समाधान की आशा की नजरों से देख रही थी
मैंने उससे पूछा- क्या पहले भी ऐसे ही संभोग करते थे? मैंने प्रीति की दुखती रग तो समझ ली थी पर वो मुझसे इसका समाधान पाना चाहती थी
मेरे सवाल पर उसने कहा- हां पर पहले उत्तेजना अधिक होती थी जिस वजह आनंद आता था
मैंने उससे पूछा- क्या तुम दोनों संभोग से पूर्व कोई क्रीड़ा करते हो?
उसने कहा- नहीं
अब मुझे बात थोड़ी थोड़ी समझ आने लगी थी उसका पति संभोग तो चाहता होगा मगर वो रोज रोज के एक तरह से करने से ऊब गया होगा लगभग मैंने उसकी नस पकड़ ही ली थी
मैंने उससे फिर पूछा कि क्या कभी उसके पति ने संभोग से पूर्व कुछ और करने की इच्छा जताई?
उसने तब कहा कि हां कुछ साल पहले उन्होंने ब्लू फिल्म दिखाई थी और वैसा ही सब करने को कहा था पर मुझसे वो सब नहीं हुआ
मैं समझ गयी कि ये मुखमैथुन की बात कर रही है तभी उसने खुद ही बता दिया कि वो संभोग पूर्व प्राय मुख मैथुन करना चाहते थे पर मैं ही अपनी भागीदारी नहीं दे पाती थी
मैंने कहा कि तुम्हारी समस्या का हल तो खुद तुम्हारे पास ही था और अब इसे तुम ही ठीक कर सकती हो मैंने उससे कहा कि मर्द किसी नकारात्मक व्यवहार से ही इस तरह बदल जाते हैं
अब अगर कुछ ठीक करना है तो पति का मन फिर से होगा उसने तब मुझसे उपाय पूछा तो मैंने उससे कहा कि सबसे पहले तो किसी का रूप ही सब कर सकता है और तुम तो इतनी सुंदर हो कि किसी का भी मन मोह लो
पर पति तुम्हारा एक सा रूप देख ऊब गया होगा उसे कोई नया रूप दिखाना होगा जिससे वो तुम्हारी तरफ आकर्षित हो फिर तुम्हें अपने पति को उकसाना होगा और ये काम तब होगा जब तुम वो सब करो जो पति चाहता हो
उसने कहा कि उसका पति तो अब बहाने बनाने लगा है मैंने उसे बताया कि जब पति की इच्छा हो तो तुम अपनी इच्छा उसे बढ़कर दिखाना
फिर जब उसका मन होगा और तुम वो करोगी जो तुम्हारा पति चाहता है तो वो दंग रह जाएगा और पक्का तुम दोनों के संबंध बदल जाएंगे इस पर उसने पूछा कि ऐसा वो क्या करे जिससे उसका पति उसकी ओर आकर्षित हो
मैंने उसे बताया कि पहले अपनी वेशभूषा बदलो और रात में सोने के समय कुछ ऐसा पहनो जिससे उसकी कामुकता झलके क्योंकि उसी से तो मर्द ज्यादा आकर्षित होते हैं
इसके बाद मैंने फोन पर उसे कुछ ब्रा पैंटी और नाइटी के डिजायन दिखाये और उसे खरीदने को कहा उसे खुद भी वो ब्रा और पैंटी बहुत पसंद आये पर वो इस तरह के कपड़ों को अपने पति के सामने पहनने में शर्मा रही थी
मैंने उससे कहा कि कम से कम पति के सामने तो लज्जा त्याग दो और जैसा वो कहे वैसा करो अगर तुमने उसे खुश किया तो वो बदले में तुम्हें भी खुश रखेगा
मैंने उसे सुझाव दिया कि ये सब कुछ करने से पहले अपने पति से खुल के बात करो और अपनी इच्छाएं बताओ तुम खुद भी पति की इच्छा को जानो वो मुझे बड़े ध्यान से सुन रही थी
उसको मैंने बताया कि ये सब एकाएक ना करना वरना पति को शंका होगी कि अचानक क्या ये हो रहा है इसलिये धीरे धीरे बातें करते हुये बात को आगे बढ़ाना इतनी सारी बातें करके वो चली गयी और मैं अपने कामों में लग गयी
अगले दिन शाम को मैं पति के साथ बाजार गयी थी मुझे खुद के लिये कुछ कपड़े लेने थे मैंने देखा कि वहीं प्रीति और उसका पति सुखबीर भी थे वहीं मुझे पता चला कि मेरे पति और सुखबीर दोनों में अच्छी मित्रता है
जब मेरे पति को पता चला के प्रीति से मेरी मित्रता है तो सुखबीर के साथ गपशप करने लगे और हम दोनों को खरीददारी करने छोड़ दिया
मैं नए ब्रा और पैंटी लेने गयी थी और मेरी पसंद देख प्रीति ने भी मुझसे सुझाव माँगा कि वो अपने लिये किस तरह के ले मैंने उसकी शरीरिक बनावट देख कर उसके लिये ब्रा और पैंटी निकलवाये
मैंने उसे पतली डोरी वाली पैंटी दिलवाई क्योंकि उसके चूतड़ और जांघें बहुत अच्छे आकर में सुडौल थे इस तरह के ब्रा पैंटी दिलाए जिसमें उसकी केवल चूत ही ढकी रहे
मर्दो को तो ऐसे सुडौल और गोल चूतड़ खुले ही ज्यादा आकर्षित करते हैं मर्द अधिक जब कामुक तब होते हैं जब उन्हें ललचाया जाए
उसके मम्में भी बहुत अच्छे आकर में थे इसलिये उसे ऐसी ब्रा लेने को कहा ना केवल जो पारदर्शी हो यां मम्मों को सही जगह रखे ना कि झूलते और लटकते दिखाये
उमरदराज और अनुभवी मर्द ऐसी औरतों को ज्यादा पसंद करते हैं जो ना तो अधिक उम्र की हों और ना कम उम्र की जिनके शरीर ढीले ढाले नहीं बल्कि थोड़ा सख्त दिखें ये सारी चीजें प्रीति में थीं केवल उन्हें निखारे जाने की आवश्यकता थी
हम अपनी खरीदारी कर वापस लौट आये दुकान से बाहर निकलते समय मैंने ध्यान दिया कि सुखबीर मुझे कुछ अलग नजरों से छुप छुप कर देख रहा था उसकी नजरों में कुछ अजीब सा था जो मेरा ध्यान उसकी ओर खींच रहा था
अगले दिन प्रीति से फिर मुलाकात हुयी मैंने उससे पूछा क्या हुआ?
उसने मुझे बताया कि वो धीरे धीरे समय के अनुसार थोड़ा थोड़ा बात छेड़ने का प्रयास कर रही है उसकी बातों में मुझे असंतुष्टि और निराशा सी दिखी
मैंने उसे फिर से प्रोत्साहन देना शुरू किया कि अपनी व्यवहारिक जीवन बचाना है तो प्रयास करते रहना पड़ेगा
मैंने उसे समझाना शुरू किया कि उसके जीवन में इतना परिवर्तन उसकी शारीरिक रूप रेखा से नहीं बल्कि खुद उसी के नकारात्मक व्यवहार से आया है अब इसे खुद ही सुधारना पड़ेगा
प्रीति को मैंने बोला कि उसके पति का तुम से विश्वास उठ गया है कि तुम किसी तरह का अनोखी या प्रभावशाली रतिक्रिया कर सकती हो
प्रीति की छवि सुखबीर के मन में एक ठंडी महिला की बन गयी थी और अब अगर उन्हें अपनी पुरानी मस्ती भरी जिन्दगी फिर से जीनी है तो प्रीति को उस छवि को बदलना पड़ेगा
मेरी सारी बातें सुनकर प्रीति संतुष्ट और उत्साहित सी दिखी और अब उसने ठान लिया कि वो अपने पति का मन बदल देगी
हमारी रोज भेंट होती और मैं उसे रोज अपने पति को रिझाने का कोई ना कोई तरीका बताती पर एक महीना होने को आया किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं दिख रहा था
मुझे यहां आये 3 महीने हो गये थे और अब तो प्रीति और सुखबीर से निरंतर बातें होने लगी थीं पर हर बार मैंने ध्यान दिया कि सुखबीर मेरी ओर बड़ी आशा से देखता जो मुझे बेचैन कर देता
मैं बात समझ नहीं पा रही थी कि आखिर क्यों वो मुझे ऐसे देखता था और ना ही मेरी हिम्मत होती थी कि उससे कोई सवाल पूछूं हमने एक दूसरे के फोन नंबर ले लिये थे और जरूरत के अनुसार बातें भी होती थी
कोई किसी तरह से शक ना करे इसलिये मैंने प्रीति और अपने पति को बता दिया था कि सुखबीर के पास मेरा नंबर है और उसका नम्बर मेरे पास है
फिर एक हफ्ते के बाद प्रीति ने मुझे बताया कि उसके पति ने आज संभोग किया और प्रीति ने भी उसे अपनी संगत दी जिससे अन्य दिनों के बराबर थोड़ा फर्क पड़ा
मैंने उससे कहा कि और प्रयास करो कि वो हर दिन करने को आतुर हो मैंने उसे और रिझाने का सुझाव दिया उससे कहा कि संभोग से पूर्व वो खुद ही आगे बढ़े और रतिक्रिया की शुरुआत करे
प्रीति ने मेरी बात मान तो ली पर मुझे लग रहा था कि अभी इतनी जल्दी कोई हल नहीं निकलने वाला है ठंड का महीना था जैसी नाइटी पैंटी और ब्रा उसने ली थी
इस मौसम में उसे पहनना संभव नहीं था और सुखबीर को शक भी होता इसलिये मैंने उसे किसी भी तरह के जल्दबाज़ी से रोका
इधर मैं भी अपने मित्रों को एडल्ट साईट में देख और बातें कर कभी कभी उत्तेजित हो जाती और संभोग की कमी महसूस करती पर मेरे लिये ये सब कुछ फिलहाल सपने की तरह था सब पति पर निर्भर करता था
इस नए शहर में किसी मित्र को बुला कर जोखिम भी नहीं उठा सकती थी क्योंकि भले मैं नई थी पर पति काफी दिनों से थे तो कौन कहां पहचान ले इस बात का क्या भरोसा था
इसी बीच एक दिन मेरे वाट्सअप पर सुखबीर ने एक संदेश सुप्रभात लिखा हुआ एक फोटो के साथ भेजा मैंने उसका कोई उत्तर नहीं दिया पर मेरे मन में भ्रम पैदा कर गया
मैंने कुछ ज्यादा सोचने से खुद को रोका और अन्य दिनों की भांति ही उससे अगले दिन मिली बातें की और दूध लेकर चली आई इसी बीच मैं प्रीति से उसके संबंधों के बारे में पूछा तो वो कहने लगी कि अभी भी वैसी ही स्थिति है
बाकी कहानी hindi sex story के अगले भाग में
Antarvasna Sex Stories :- काम वासना की आग- 10