मम्मी ने लंड की सील तोड़ी – 2

Maa Beta Chudai Story

(मम्मी ने लंड की सील तोड़ी 2)

आप ने punjabisexstory com पर maa beta chudai story के पिछले भाग में पढ़ा अपने बेटे का लंड अपनी चूत में ओह्ह्ह साली मज़ा आ गया कह कर मैंने अपनी एक उंगली को मम्मी की गांड की दरार पर लगा कर उसको हल्का सा उसकी गांड में डाल दिया अब maa beta chudai story में आगे पढ़े और इस hindi sex story mom का मज़ा ले

मम्मी का जोश मेरी इस हरकत पर दुगुना हो गया और वो अपने चूतड़ों को और तेज़ी के साथ उछालने लगी और कहने लगी गांड में उंगली डालता है तेरी मम्मी को चोद और ले मेरी चूत का धक्का तेरे लंड पर दूंगी मुंह क्या देख रहा है मम्में दबा साले मुंह में लेकर चूस और चुदाई का मज़ा ले मुझे कितने वर्षो के बाद ऐसी चुदाई का आनंद मिल रहा है

मैंने मम्मी के आदेश पर उसकी चूचियों को अपने हाथो में थाम लिया और उसके मम्में को खींच कर उसके निप्पल से अपने मुंह को सटा कर चूसते हुए दूसरे मम्में को खूब ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा मम्मी अब अपनी गांड को पूरा उछाल उछाल कर मेरे लंड को अपनी गरम चूत में डलवा रही थी

उसकी चूत एक दम अंगीठी की तरह से गरम हो चुकी थी और खूब पानी छोड़ रही थी मेरा लंड उसकी चूत के पानी से भीग कर सटा सट उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था मम्मी के मुंह से गालियों की बौछार हो रही थी वो बोल रही थी चोद मेरी चूत को दम लगाके कितना मज़ा आ रहा है तेरे बाप से अब कुछ नहीं होता अब तो तू ही मेरी चूत की आग को ठंडी करना

मैं तुझे चुदाई का शहनशाह बना दूंगी तेरे उस बाप को छूने भी नहीं दूंगी में अपनी चूत तू ही चोदना मेरी चूत को और मेरी आग ठंडी करना कहां था तू अब तक तो मैं तेरे लंड का कितना पानी पी चुकी होती चोद रे चोद अपनी गांड तक का ज़ोर लगा चोदने में

आज अगर तूने मुझे खुश कर दिया तो फिर मैं तेरी गुलाम हो जाउंगी मैं मम्मी की चूचियों को मसलते हुए अपनी गांड को नीचे से उछलता जा रहा था मेरा लंड उसकी कसी चूत में गपागप फच फच की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था

हम दोनो की सांसे तेज हो गई थी और कमरे में चुदाई की मांदक आवाज़ गूंज रही थी और दोनो के बदन से पसीना छूट रहा था और सांसो की गर्मी एक दूसरे के बदन को महका रही थी मम्मी अब शायद थक चुकी थी

उसके धक्के मारने की रफ़्तार अब थोड़ी धीमी हो गई थी और अब वो हांफने भी लगी थी थोडी देर तक हांफते हुए वो धक्का लगाती रही फिर अचानक से पस्त हो कर मेरे बदन के ऊपर गिर गई और बोली ओह मैं तो थक गई इतने में आम तौर पर मेरा पानी तो निकल जाता है

पर आज नये लंड के जोश में मेरा पानी भी नहीं निकल रहा ओह मज़ा आ गया आज से पहले ऐसी चुदाई कभी नहीं हुई अब तो तुझे मेरे ऊपर चढ़ कर धक्का मारना होगा तभी चुदाई हो पाएगी साले कह कर वो अपने पूरे शरीर का भार मेरे बदन पर दे कर लेट गई

मेरी सांसे भी तेज चल रही थी मगर लंड अब भी खड़ा था दिल में चुदाई की ललक थी और अब तो मैंने चुदाई भी सीख ली थी मैंने धीरे से मम्मी के चूतड़ों को पकड़ का नीचे से ही धक्का लगाने का प्रयास किया और दो तीन छोटे छोटे धक्के मारे मगर क्योंकी मम्मी थोड़ा थक गई थी

इस लिये वो उसी तरह से लेटी रही बिना हिले मम्मी के भारी शरीर के कारण मैं उतने ज़ोर के धक्के नहीं लगा पाया जितना लगा सकता था मैंने मम्मी को बांहों में भर लिया और उसके कान के पास अपने मुंह को ले जाकर फुसफुसाते हुए बोला ओह मम्मी जल्दी करो ना और धक्का मारो ना अब नहीं रहा जा रहा है जल्दी से मारो ना

मम्मी ने मेरे चेहरे को गौर से देखते हुए मेरे होंठो को चूम लिया और बोली थोड़ा दम तो लेने दे साले कितनी देर से तो चुदाई हो रही है थकान तो होगी ही ना पर मम्मी मेरा तो लंड लगता है फट जाएगा मेरा जी कर रहा है कि खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाऊं

तो मार ना मैंने कब मना किया है आजा मेरे ऊपर चड़ के खूब ज़ोर ज़ोर से चुदाई कर दे मम्मी धीरे से मेरे ऊपर से उतर गई उसके उतरने पर मेरा लंड भी फिसल के उसकी चूत से बाहर निकल गया था

लेकिन मम्मी ने कुछ नहीं कहा और बगल में लेट कर अपनी दोनो जांघों को फैला दिया मेरा लंड एक दम रस से भीगा हुआ था और उसकी चूत लाल रंग की किसी पहाड़ी आलू के जैसे लग रही थी

मैंने अपने लंड को पकड़ा और सीधा अपनी मम्मी की जांघों के बीच डाल दिया उसकी जांघों के बीच बैठ कर मैं उसकी चूत को गौर से देखने लगा उसकी चूत पूरी पिचक रही थी और चूत का मुंह अभी थोड़ा सा फूला हुआ लग रहा था

चूत का गुलाबी छेद अंदर से झांक रहा था और पानी से भीगा हुआ महसूस हो रहा था मैं कुछ देर तक रुक कर उसकी चूत की सुंदरता को निहारता रहा मम्मी ने मुझे जब कुछ करने की बजाए केवल घूरते हुए देखा तो

वो सिसकते हुए बोली क्या कर रहा है जल्दी से डाल ना चूत में वीर्य को ऐसे खड़े खड़े खाली घूरता रहेगा क्या ? कितना देखेगा चूत को अबे उल्लू देखने से ज्यादा मज़ा चोदने में है जल्दी से अपना मूसल डाल दे मेरी चूत में अब नाटक मत कर

मम्मी ने इतना कहकर मेरे लंड को अपने हाथो में पकड़ लिया और बोली ठहर मैं लगाती हूं साले और मेरे लंड के टोपे को चूत के खुले छेद पर घिसने लगी और बोली चूत का पानी लग जाएगा और चिकना हो जाएगा समझा फिर आराम से चला जाएगा चूत मैं

मम्मी के ऊपर झुक गया और अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर लिया अपने जीवन की पहली चुदाई के लिए मम्मी ने मेरे लंड को चूत को छेद पर लगा कर स्थिर कर दिया और बोली हां अब मारो धक्का और चोद दो चूत में मैंने अपनी ताक़त को समेटा और कस के एक ज़ोरदार धक्का लगा दिया

मेरे लंड का मुंह तो पहले से भीगा हुआ था इस लिये वो आराम से अंदर चला गया उसके साथ साथ मेरे लंड का आधा से अधिक भाग चूत की दीवारो को रगड़ता हुआ अंदर घुस गया ये सब अचानक तो नहीं था मगर फिर भी मम्मी ने सोचा नहीं था कि मैं इतनी ज़ोर से धक्का लगा दूंगा इसलिए वो चौंक गई और उसके मुंह से एक चीख निकल गई

मगर मैंने तभी दो तीन और ज़ोर के झटके लगा दिए और मेरा लंड पूरा का पूरा अंदर घुस गया पूरा लंड घुसा कर जैसे ही मैं रुका तो मम्मी के मुंह से निकला पड़ा साले हरामी क्या समझ रखा है रे कमीने ऐसे धक्का मारा जाता है क्या ?

सांड की तरह से घुसा दिया सीधा एक ही बार में धीरे धीरे करना नहीं आता है तुझे साले कमीने पूरी चूत हिल गई और एक तेरा बाप है कि घुसाना ही नहीं जानता और बेटा है कि घुसाता है तो ऐसे घुसाता है कि जैसे की मेरी चूत फाड़ने के लिए घुसा रहा हो हरामी कहीं का

माफ़ कर देना मम्मी मगर मुझे नहीं पता था कि तुम्हे चोट लग जाएगी तू तो जानती है ना कि ये मेरी पहली चुदाई है फिर मैंने मम्मी के दोनो मम्मों को अपने हाथो में थाम लिया और उन्हे दबाते हुए एक मम्में के निप्पल को चूसने लगा

कुछ देर तक ऐसे ही रहने के बाद शायद मम्मी का दर्द कुछ कम हो गया और वो भी अब नीचे से अपनी गांड उचकाने लगी और मेरे बालो में हाथ फेरते हुए मेरे सिर को चूमने लगी मैंने पूरी तरह से स्थिर था और मम्मों को चुसने और दबाने में लगा हुआ था

मम्मी ने कहा बेटा अब धक्का लगाओ और चोदना शुरू करो अब देर मत करो तेरी मम्मी की प्यासी चूत अब तेरे लंड का पानी पीना चाहती है मैंने दोनो मम्मों को थाम लिया और धीरे धीरे अपनी गांड उछालने लगा

मेरा वीर्य मम्मी की चूत के अंदर से बाहर निकलता और फिर घुस जाता था मम्मी ने अब नीचे से अपने चूतड़ों को उछालना शुरू कर दिया था इस तरह झटके मारने के बाद ही चूत से फच फच की आवाज़े आनी शुरू हो गई थी ये इस बात को बतला रहा था कि उसकी चूत अब पानी छोड़ने लगी है

अब उसे भी मज़ा आना शुरू हो गया है मम्मी ने अपने पैरो को घुटनो के पास से मोड लिया था और अपनी टांगों की कैंची बना के मेरे कमर पर बाँध दिया था मैं ज़ोर ज़ोर से धक्का मारते हुए उसके होंठो और गालो को चूमते हुए उसके मम्मों को दबा रहा था

मम्मी के मुंह से सिसकारियों का दौर फिर से शुरू हो गया था और वो हांफते हुए बोलने लगी मारो और ज़ोर से मारो रमेश चोदो मेरी चूत को चोद चोद के बिगाड़ दो बेटा कैसा लग रहा है बेटा चोदने में मज़ा आ रहा है या नहीं मेरी चूत कैसी लगा रही है

मुझे बता ना रमेश पूरी जड़ तक लंड से चोद दो रमेश और कस कस के धक्के मार के पक्के बन जाओ बता ना रमेश बेटा कैसा लग रहा है मम्मी की चूत में वीर्य डालने में मैंने धक्का लगते हुए कहा हां मम्मी बहुत मज़ा आ रहा है

बहुत कसी हुई है तुम्हारी चूत मेरा लंड तो एक दम मस्त होकर जा रहा है तेरी चूत में ऐसा लग रहा है जैसे किसी बोतल में लकड़ी का ढक्कन फंसा रहा हूं क्या सच में मेरे डैडी तुझे चोदते नहीं थे या फिर तुम उसको चोदने नहीं देती थी

इस पर मम्मी ने अपने पैरो का शिकंजा और कसा दांत पीसते हुए कहा साले तेरा डैडी तो क्या चोदेगा मुझे उसने तो मुझे ना जाने कब से चोदना छोड़ा हुआ है पर मैं किसी तरह से अपनी चूत की खुजली को अंदर ही दबा लेती थी क्या करती किस से चुदवाती

फिर जिसके पास चुदवाने जाती वो कही मुझे संतुष्ट नहीं कर पता तो क्या होता बदनामी अलग से होती और मज़ा भी नहीं आता तेरा लंड जब देखा तो मुझे लग गया की तू ना केवल मुझे संतुष्ट कर पाएगा बल्कि तुझसे चुदवाने से बदनामी भी नहीं होगी और तू भी मेरी चूत का प्यासा है

फिर अपने बेटे से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और ही है जब सोचने में इतना मज़ा आ रहा था तो मैंने सोचा की क्यों ना चुदवा के देख ही लिया जाए मम्मी तो फिर कैसा लग रहा है अपने बेटे से चुदवाने में मज़ा आ रहा है ना मेरा लंड अपनी चूत में लेकर बोलो मेरा लंड तुझे मज़ा दे रहा है या नहीं

गजब का मज़ा आ रहा है रमेश तेरा लंड तो मेरी चूत के कोने तक टकरा रहा है और मेरी चूत के दीवारो को मसल रहा है और मेरी नाभि तक पहुंच रहा है तू बहुत सुख दे रहा है अपनी मम्मी को मार कस के मार धक्का चोद ले अपनी मम्मी की चूत को और इसकी दो फांक कर दे

मेने कहा जब चुदवाने में इतना मज़ा आ रहा है तो फिर सोते वक्त इतना नाटक क्यों कर रही थी जब मैं तुझे नंगा हो कर दिखाने को बोल रहा था अरे मेरे भोलू राम इतना भी नहीं समझता क्या ? इसको कहते है नखरा औरते दो तरह का नखरा दिखा सकती है या तो सीधे तेरा लंड पकड़ के कहती की चोद मुझे

या फिर धीरे धीरे तुझे तड़पा तड़पा के एक एक चीज़ देखती और तब तुझसे चुद्वाती मुझे सीधे चुदाई में मज़ा नहीं आता मैं तो खूब खेल खेल के चुदवाना चाहती थी चक्की जितनी धीरे चलती है उतना ही बारीक पीसती है साले इस लिये मैंने थोड़ा सा नखरा दिखाया था

अब बाते चोदना बंद कर और लगा ज़ोर ज़ोर से धक्का और चोद मेरी चूत को लंड डाल चूत में ठीक है अब तो मैं भी पूरा सीख गया हूं देख अब मैं कैसे चोदता हूं तेरी इस मस्तानी चूत को और कितना मज़ा देता हूं तुझे देख साली फिर ना बोलना की बेटे ने ठीक से नहीं चोदा

रंडी जितना तूने मुझे सिखाया है मैं उस से कही ज्यादा मज़ा दूंगा साली मैं अब पूरे जोश के साथ धक्का मारने लगा था और मेरा पूरा लंड मुंह तक निकल कर बाहर आ जा रहा था फिर सीधा सरकते हुए गच्च से अंदर मम्मी की चूत की गहराइयों में समा जा रहा था

लंड की चमड़ी तो अब शायद पूरी तरह से उलट चुकी थी और चुदाई में अब कोई दिक्कत नहीं आ रही थी मम्मी की चूत एक दम से गरम भट्टी की तरह तप रही थी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत की सैर कर रहा हूं

मेरी गांड पर मम्मी का हाथ था और वो ऊपर से दबाते हुए मुझे अपनी चूत पर दबा रही थी और साथ में नीचे गांड उछाल कर मेरे वीर्य को अपनी चूत में ले रही थी चूत के होंठो को मसलते हुए मेरा लंड सीधा चूत की दीवार से टकराता था और फिर उतनी ही तेज गति से बाहर आ कर फिर घुस जाता था

कमरे का माहौल फिर से गरम हो गया था और वातावरण में चुदाई की महक फैल गई थी पूरे कमरे में गप्प गप्प फच फच की आवाज़ गूंज रही थी हम दोनो की सांसे गर्म चल रही थी दोनो के बदन से निकलता पसीना एक दूसरे को भिगो रहा था लेकिन इसकी फिक्र किसे थी

ऐसे ही धक्का मारे जा ऐसे ही चोद कर मुझे ठंडा कर दे तेरे लंड से ही ठंडी होगी तेरी मम्मी पंखे से ठंडे होनी वाली नहीं हूं मैं तेरी मम्मी को तो तेरा मोटा मूसल चाहिये जो की उसकी चूत की दो फांके कर के उसकी चूत के अंदर की ज्वाला को ठंडा कर दे

ले साली और ले मेरे लंड को अपनी मस्तानी चूत में ले खाजा मेरे लंड को अपनी चूत से ओह मेरा तो जन्म सफल हो गया और कस कस के दे बेटा इसी लंड के लिये तो मैं इतनी प्यासी थी ऐसे ही लंड से चुदवाने की चाहत को पाले हुए थी मैं आज मेरी तमन्ना पूरी हो गई

अब तो बस आंधी आए या तूफान कोई भी हमे नहीं रोक सकता था हम दोनो अब पूरे चरम पर पहुंच चुके थे और चुदाई की रफ़्तार में कोई कमी नहीं चाहते थे मम्मी की सिसकारियां तेज हो गई थी और अब दोनो में से कोई भी एक दूसरे को छोड़ने वाला नहीं था

दोनो जी जान से एक दूसरे से चिपके हुए धक्के धक्के पर धक्का लगाए जा रहे थे मम्मी सिसकते हुए बोली रमेश ऐसे ही मेरा निकालने वाला है मारता रह धक्का धीरे मत कर मेरा भी अब निकालने वाला था और मैं भी ज़ोर ज़ोर से धक्का लगाते हुए चोदने लगा और झड़ने लगा ओह साली मेरा भी निकल रहा है

मेरा वीर्य तो पूरा का पूरा चूत में निकल गया कह कर मैं मम्मी के ऊपर लेट गया हम दोनो की आंखे बंद थी और थकान के मारे हम दोनों एक दूसरे के बदन से चिपके हुए थे यह थी हमारी maa beta chudai story कैसी लगी आपको और hindi sex story mom पढ़ने के लिये आप punjabisexstory com पर आते रहे

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Hindi Sex Story Mom :- मम्मी ने लंड की सील तोड़ी – 1

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