New Maa Beta Sex Story 3
(अंधेरे में बेटे से चुद गई 3)
पिछले maa beta sex story भाग में आप ने पढ़ा मेरी बात पूरी ना हो सकी उसके लंड से तेज़ जोरदार वीर्य की पिचकारी सीधी मेरी नाभि पर आकर गिरी और उसका रस बहकर नीचे मेरी चूत की और जाने लगा मैं हैरान होकर देख रही थी के दूसरी पिचकारी निकल कर एकदम सीधी मेरी चूत से टकराई ओह्ह्ह्ह्ह दीनू के मुंह से सिसकी निकल गई अब आगे
दीनू की नज़र मेरी चूत पर जमी हुई थी और उसके लंड से वीर्य की तेज़ फुहारे मेरी चूत को नहला रही थी अचानक मुझे होश आया मैं घूमी और फटाफट बाथरूम की और भागी मैंने भढाक से दरवाजा बंद कर दिया अपने कपड़े पहनो और जाओ देखो क्या हुआ है मैं आती हूं अभी जल्दी करो मैंने एक सेकंड बाद हल्का सा दरवाजा खोल उसे कहा और फिर से दरवाजा बंद कर दिया maa beta sex story
मैंने शावर खोला और अपने चेहरे को हाथों से ढक कर अपने अंतर में चल रहे मनमंथन को शांत करने का प्रयास करने लगी कुछ ही क्षणों में इतना कुछ घट चूका था के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था वो अजनबी मेरा पति नहीं था इस बात का आभास तो मुझे उसी क्षण हो गया जब उसका लंड मेरी चूत के अंदर घुसा था मगर वो मेरा अपना बेटा निकलेगा इसकी तो मैंने कल्पना तक नही की थी
मगर यह हुआ कैसे ? वो आखिर मेरे कमरे में कैसे आया ? उसे मालूम नहीं था के वो उसकी मां का कमरा है ? उसे मालूम नहीं चला के वो अपनी ही मां को चोद रहा है ? आखिर यह हुआ कैसे ? उसने मेरी आवाज़ को क्यों नहीं पहचाना ? हर पल दिमाग में नया सवाल कोंध रहा था और मेरे पास एक भी सवाल का जवाब नहीं था
पानी से बदन को रगड़ रगड़ कर साफ करने लगी जैसे उस गुनाह का हर सबूत मिटा देना चाहती थी जो मैंने अपने बेटे के साथ मिलकर किया था और जिसके गवाह हम दोनों थे मेरा हाथ चूत पर गया तो पूरा बदन सनसना उठा उसके रस से पूरी जांघे भरी पड़ी थी maa beta sex story
मैंने अपनी जांघे खोल पानी की धार को अपनी चूत पर केंद्रित किया मेरा पूरा हाथ चिपचिपा हो गया था बहुत ही गाढ़ा रस था एकदम मख्खन की तेरह मैंने अपनी दो उंगलियां चूत के अंदर घुसाई तो मेरा हाथ फिर से भर गया उफ्फ्फ नजाने कम्बखत ने कब से जमा करके रखा था पूरी चूत लबालब भरी पड़ी है
कोई 5 मिनट की मेहनत के बाद में बेटे की चिकनाई को धो सकी मैंने घूम कर पीठ को भी साफ करना चाहा के तभी मेरी नज़र बाथरूम के शीशे पर पड़ी शीशे पर ऊंची ऊंची लाल लपटे नाच रही थी अचानक से मुझे होश आया फायर अलार्म ऐसे नही बजा था जैसे मुझे शुरू में लगा था सच में आग लगी हुई थी
मैंने तुम्हारे डैड को नही बताया इसका मतलब यह नही के मैंने तुम्हे माफ़ कर दिया है चाहे तुमने मेरा बेटा होते हुए मेरे साथ बहुत गंदी हरकत की है मगर मैं मां होने का फर्ज़ नहीं भूल सकती लेकिन अब मुझसे ज्यादा उम्मीद मत करना अब मैं तुम्हारी मां सिर्फ तुम्हारे बाप के सामने हूं मुझे नहीं लगता मैं तुम्हे कभी माफ कर पाऊंगी maa beta sex story
उस दिन के बाद मैंने अपने बेटे से दूरी बना ली थी मैं एक मां का फर्ज़ जरूर पूरा कर रही थी उसका खाना बनाना कपड़े धोना इत्यादि काम मैं उसके जरूर कर रही थी मगर मां के प्यार और स्नेह से उसे मैंने पूरी तरह वंचित रखा था मैंने हम दोनों के बीच एक ऐसी दीवार खड़ी कर ली थी जिससे हम दोनों एक ही घर में रहते हुए भी अलग कर दिया था
अब हम दोनों में लगभग ना के बराबर ही बातचीत होती थी जब कोई बेहद जरूरी बात होती तो मैं उसे बुलाती थी जैसे दो दिन पहले मैंने उसे पॉकेट मनी के बारे में पूछा था और उसने इंकार में धीरे से सर हिला दिया था के उसके पास पैसे नहीं थे और इसके बाद मैंने उसे कुछ रूपये जेब खर्च के लिए दिए थे क्योंकि घर का खर्च और हिसाब किताब सब मेरे पास होता था और उसकी जरूरते भी में ही पूरी करती थी
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लेकिन रात को एक अजनबी मेरे सपनो में आता और वो मुझे उत्तेजित कर देता लेकिन में उस सपने को नजर अंदाज कर देती में जानती थी वो अजनबी कौन हे अब दूरी तो उसने भी मुझ से बना ली थी मैंने तो जरूरत पड़ने पर दो तीन बार उसे बुला ही लिया था मगर उसने एक बार भी बात करने की कोशिश नहीं की थी पैसे ना होने पर भी उसने मुझसे मांगे नही थे maa beta sex story
मगर एक दूसरे से बात ना करने की हमारी वजह अलग अलग थी मैं उसे उसकी करतूत के लिए सजा दे रही थी जबके वो अपना बचाव कर रहा था वो इस बात की पूरी कोशिश करता था के हमारा आमना सामना कम से कम हो जा बिलकुल ना हो सुबह कॉलेज को जाना और कॉलेज से सीधा घर आना खाना खाने भी वो हमारे बुलाने के बाद ही आता था
अपने बाप से भी बेहद कम बोलता था यहां तक के उसने कॉलेज के सिवा और कहीं जाना बिलकुल बंद कर दिया था पहले वो रोजाना अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने जाता था हफ्ते में एक दो बार सिनेमा देखने जा फिर यूं ही कहीं घूमने चले जाना जैसे आजकल जवान छोकरे करते हैं लेकिन नहीं उसने कॉलेज के सिवा सब बंद कर दिया था
मुझे लगता था शायद उसे इस बात का डर था के कहीं मैं किसी बात पर उससे गुस्सा ना हो जाऊं और उसके बाप के सामने उसकी पोल ना खोल दूं मेरी नाराज़गी तो वो यकीनन किसी भी हालात में नहीं चाहता था या फिर शायद वो बात के ठंड पड़ने के इंतज़ार कर रहा था और उसकी यह शराफत वकती तौर पर उसका ढोंग मात्र थी maa beta sex story
वजह कुछ भी हो मगर हम दोनों के एक दूसरे से इस तरह कट जाने से घर में एक दम शांति छा गई थी असहनीय शांति और भयानक चुप्पी से हमारा घर घर ना होकर समशान लगने लगा था कभी कभी तो मुझे डर लगने लगता था बेटा घर में होता भी तो अपने कमरे से बहार नही निकलता था और मैं उसके कमरे में जाती नहीं थी मैं जाती थी उसका बिस्तर बनाने जा फिर गंदे कपड़े उठाने मगर तभी जब वो कॉलेज गया होता
वो बंद कमरे में क्या करता था मैं नहीं जान सकती थी अपनी पढ़ाई कितनी करता था सोता कितना था जा फिर इंटरनेट पर ब्लू फिल्म्स देखता था जा maa beta sex story पढ़ता था मेरे पास जानने का कोई मार्ग नहीं था उसके कमरे से मुझे ढूंढने पर भी कोई आपत्तिजनक चीज़ नहीं मिली थी और पासवर्ड प्रोटेक्टर होने के कारन उसका कंप्यूटर तो मैं चला नहीं सकती थी
एक महीना बीत चूका था और अब मुझे चिंता होने लगी थी उसकी इतनी बड़ी हरकत के बाद मेरा उससे इतनी कठोरता से पेश आना स्वाभाविक था मगर जिस तरह वो एकदम से एकाकी जीवन ब्यतीत करने लगा था वो सही नहीं था मैंने तो सोचा था एक दो महीने उसे बात नहीं करूंगी उसे थोड़ी बहुत सजा दूंगी मगर मुझसे ज्यादा तो वो खुद को सजा दे रहा था maa beta sex story
मैंने उसे क्या डराना था उसने उल्टा मुझे डरा दिया था मुझे पहले पहले उसकी यह चुप्पी ड्रामा लग रही थी शायद वो दुखी होने का ढोंग करके मेरी सहानुभूति चाहता हो ऐसी सम्भावना बहुत थी लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी जब उसके सवभाव में कोई बदलाव नहीं आया तो मैं उसके अंतर में झांकने की कोशिश करने लगी
खाने के टेबल पर जब वो हमारे साथ बैठता तो मैंने उसके चेहरे को पढ़ने की कोशिश की वो खाना भी खाता था तो चेहरा झुकाकर नज़र तो वो मिलाता ही नहीं था उसे देखकर कहना मुहाल था के वो एक्टिंग कर रहा है इतनी सहनशीलता वो भी इतने लंबे समय तक धारण किये रहना बहुत ज्यादा मुश्किल है मुझे अब लगभग यकीन हो चला था के वो ढोंग नहीं कर रहा था बल्कि वास्तव में वो बहुत डरा हुआ है
अब सबसे बड़ा सवाल यह था के क्या उसे अपने किये पर पछतावा है ? अब उसने जो किया था उसके नतीजे से उसे डर लगना स्वाभिक ही था ऊपर से मैंने उसे उसके बाप का डर दिया था घर से निकाले जाने का डर यकीनन बहुत बुरा होता है तो वो डरा हुआ था खामोश था इस मुश्किल घड़ी से किसी तरह बच निकलना चाहता था मगर लेकिन क्या वो अपने किये पर शर्मिंदा था ? शर्मशार था मुझे नहीं लगता था वो पछता रहा है maa beta sex story
अब मैं अजीब से संकट में फस गई थी अगर मैं उसका डर दूर नहीं करती तो मुझे चिंता थी कहीं वो किसी मनोरोग का शिकार ना हो जाए और अगर मैं उसका डर दूर करने की पहल करती तो वो मुझे कमजोर मान सकता था और इतनी आसानी से बच निकलने पर बहुत संभव था वो दोबारा मुझे चोदने की कोशिश करता
मैं कुछ फैसला करती उससे पहले मेरी मुसीबत का हल मेरे पति ने कर दिया घर में हर वक़त छायी रहने वाली चुप्पी और हम दोनों मां बेटे के बीच किसी बातचीत के ना होने की और उनका धयान जाना स्वाभाविक ही था वो गुरुवार का दिन था और हम जैसा लगभग पिछले एक महीने से चल रहा था चुपचाप खाना खा रहे थे
शीतल मैं बहुत दिनों से देख रहा हूं तुम और दीनू आपस में बात नहीं करते बिलकुल भी बात नहीं करते क्यों ? जबसे शादी से लौटे हैं घर में इतनी चुप्पी छायी हुई है मानो यह घर नहीं कोई वीरान खंडहर है आखिर बात क्या है ? अचानक से मेरे पति ने खाना कहते हुए मुझे पूछा तो मैं सकपका गई मैं अपनी सोच में गुम थी इसलिए अपने पती को क्या जवाब दूं मुझे कुछ सुझा नहीं maa beta sex story
कुछ बात नहीं है आपको यूं ही लग रहा है मैंने बात टालते हुए कहा मेरे दिल में एक बार भी यह ख्याल नहीं आया था के घर के माहोल की तरफ मेरे पति की नज़र भी जायेगी और वो इसकी वजह जानना चाहेगा कुछ बात नहीं है मुझे यूं ही लग रहा है तुम्हे क्या लगता है मुझे दिखाई नहीं देता जा मैं मुर्ख हूं ? तुम गुमसुम सी रहती हो और दीनू को तो मानो सांप सूंघ गया है
आखिर तुम दोनों में लड़ाई किस बात की है ? पति ने खीझकर पूछा जरूर वह कई दिनों से देख रहे थे मगर चुप थे उफ्फफ ऊऊह्ह्ह्ह कोनसी लड़ाई किस बात की लड़ाई आपको ग़लतफहमी हुई है और आपने मुझे कब गुमसुम देख लिया मैं पति को झुठलाती बोली लेकिन मेरी बात में दम नहीं था इसलिए इस बार वो अपने वेट से मुखातिब हुए
दीनू तुम्हारी मां तो साफ झूठ बोल रही है तुम ही बता दो आखिर बात क्या है ? तुम दोनों आपस में बोल क्यों नहीं रहे हो ? डैडी वो बात नहीं बेटे की बोलती बंद हो गई वो मेरी तरफ देखने लगा maa beta sex story
आप भी ना खामखाह बात का बतंगड़ बना देते हैं अगले महीने उसके एग्जाम शुरू होने वाले हैं उसका पूरा ध्यान पढ़ाई पर है और वैसे भी आपको मालूम तो है उस रात होटल में आग लगने के बाद बोलते हुए मुझे झुरझुरी सी आ गई पति को ठंडा करने के लिए अब कुछ ढोंग तो करना ही था
मेरे पति पर तुरंत असर हुआ और उसने टेबल के ऊपर से मेरा हाथ पकड़ कर दबा दिया और मेरी और देखते हुए बड़े ही प्यार से मुस्करा दिए मैंने मन ही मन चैन की सांस ली बला टली कुछ देर के लिए कमरे में फिर से चुप्पी छा गई मैंने बेटे की और देखा तो उसका चेहरा लाल हो गया था
यकीन नहीं होता तुम्हे एग्जाम की इतनी फिकर है कुछ देर बाद पति ने बेटे जो मज़ाक करते हुए कहा तो मैंने उन्हें घूर कर देखा खैर भगवन की कृपा से हम सभ उस रात बच गए और अब उसे याद कर कर परेशां क्यों होना भूल जाओ उस रात को और वैसे भी मुझे इस तरह ख़ामोशी पसंद नहीं है बेचैनी महसूस होती है और बरखुरदार तुम तुम अपनी मां का ध्यान रखा करो maa beta sex story
अब मेरा तो पूरा दिन ऑफिस में निकल जाता है और अगर तुम भी अपने कमरे में बंद रहोगे तो तुम्हारी मां का ख्याल कौन करेगा ? इसलिए यह तुम्हारी जिम्मेदारी है के तुम अपनी मां का ख्याल रखो उसके काम में हाथ बंटाया करो उसे कहीं घुमा लाया करो कहीं शौपिंग वगेरह के लिए ले जाया करो उसका भी मन बहल जायेगा मेरे पति बेटे को लंबा चौढ़ा भाषण देते बोले
जी डैडी बेटा धीरे से बोला
यह भीगी बिल्ली की तरह रहना बोलना बंद करो मरद बनो मरद हम तुहारी उम्र में गर्दन अकड़ कर चलते थे और तुम पर जैसे जैसे जवानी चढ़ रही है तुम ठन्डे पढ़ते जा रहे हो मेरे पति बेटे का कन्धा थपथपा कर बोले उसके गाल कुछ और लाल हो गए थे
हां हां बहुत अच्छी बात है आपका समझाने का तरीका तो माशाअल्लाह आप क्या चाहते हैं वो पढ़ाई छोड़ कर आवारागर्दी करने लग जाये जी नहीं वो जैसा है बहुत अच्छा है मैं मुस्कराती पति को टोकती हुई बोली अरे बेगम साहिबा यह उम्र पढ़ाई के साथ साथ मस्ती करने की भी होती है maa beta sex story
तुम क्या चाहती हो वो बंद कमरे में सारा दिन किताबों के पन्ने ही पलटता रहे ऐसा नहीं चलेगा अरे जवानी में मरद बड़े बड़े किले फतेह कर लेता है हमें देखो हम क्या थे और आज क्या हैं मेरे पति खुद पर गर्व करते बोले अब उन्हें क्या पता जिस बेटे को वो मर्दानगी का पाठ पढ़ा रहे है उसी बेटे ने उसकी बीवी पर मर्दानगी की ऐसी छाप छोड़ी थी जितनी वो आज तक नहीं छोड़ पाये थे
अपने मोटे लंड के ऐसे ताबड़तोड़ धक्के लगाये थे के पूरी चूत सूज गई थी बस कीजिये बस कीजिये वर्ना मेरी हंसी निकल जायेगी मैं हंसते हुए पति को चिढ़ाते हुए बोली तभी मेरा बेटा उठ खड़ा हुआ शायद वो हमारी बातचीत के कारन असहज महसूस करने लगा था
उस रात जैसे ही मैं काम खत्म कर अपने कमरे में गई तो पति ने मुझ पर भूखे शेर की तरह झपट पड़े मेरा नाईट सूट झटके से निकल कर कोने में फेंक दिया और फिर मुझे उठाकर बेड पर पटक दिया और फिर अपना पायजामा उतारकर छलांग लगा बेड पर मेरी टांगो के बीच आ गए क्या बात है आज तो बहुत उछल कूद लगा रहे हो ? मैं हंसती हुई बोली maa beta sex story
तुम्हे मेरी मर्दानगी की बातें सुनकर हंसी आती है अच्छा अब तुम्हे दिखता हूं जानेमन असली मरद क्या होता है ओह तो जो आज तक दिखाया था वो क्या था मेरी बात पूरी ना हो सकी पति की लपलपाती जीभ मेरी चूत के अंदर घुस गई उनके हाथ मेरे मम्मों को बुरी तरह निचोड़ने लगे उफ्फ्फ्फ्फ क्या आनंद था कुछ भी कहूं मेरे पति चूत चाटने में उस्ताद थे
उनकी खुरदरी जीभ जैसे ही मेरे दाने से टकराई मेरे मुख से तेज़ सिसकारी निकली फिर क्या था घूम घूम कर उनकी जीभ की तीखी नोंक मेरी चूत के दाने को रगड़ने लगी मेरे हाथ खुद बा खुद पति के सर पर पहुँच गए और मैं उनका सर अपनी चूत पर दबाने लगी कुछ ही क्षणों में मैं बुरी तरह कामोत्तेजित हो चुकी थी
चूत से रस बहने लगा था जिसे मेरे पति बड़े प्यार से चाट चूस रहे थे उनके हाथ मेरे तीखे अकड़े निप्पलों का खूब जोरदार मर्दन कर रहे थे उन्होने जोश में मेरी फूली हुई चूत को पूरा मुंह में भर लिया और उसे जोर जोर से चूसने लगे maa beta sex story
मैं सिसयाती हुई सर पटकने लगी मेरा बदन ऐंठ रहा था जल्द ही मैं सखलत होने वाली थी के तभी मेरे पति उठकर मेरी छाती पर स्वार हो गए उन्होने मेरा सर पकड़ अपना लंड मेरे होंटो पर दबाया मेरे होंठ खुलते ही उन्होने आधा लंड मेरे मुंह में घुसा दिया अब मेरे पति जरूर चूत चाटने में उस्ताद थे मगर मेरे लंड चूसने के आगे मेरे पति भी फेल थे चूत चाटने में
बाकी कहानी अगले भाग में