Baap Beti Ki Chudai Ki Kahani 1
(डैडी ने सील तोडी और शादी की 1)
हैलो दोस्तों मेरा नाम बबली है और मेरी उम्र 20 साल है मैं आपको आज अपनी पहली चुदाई की कहानी बताने जा रही हूं दोस्तों ये baap beti ki chudai ki kahani है मेरी और मेरे डैडी की है आज मैं आपको अपनी पूरी सच्चाई बताऊंगी कि कैसे मेरे डैडी ने मेरी कुंवारी चूत से खून निकाला और मुझे जमकर पेला
तो मैं आपको अपने डैडी के बारे में बता दूं मेरे डैडी का नाम हरीश कुमार उम्र 42 और मां का नाम कमला है हम दिल्ली में रहते थे दोस्तों ये baap beti ki sex kahani है ये कहानी पढ़कर आपको मज़ा ना आया तो मेरी चूत में अपना लंड पेल देना मैं कुछ नही बोलूंगी और कभी दोबारा कहानी नहीं लिखूंगी तो चलिये आपका ज्यादा वक्त बर्बाद ना करते हुए कहानी शुरू करते है
ये कहानी तब की है जब मेरी मां का बच्चेदानी हटाने का ऑपरेशन हुआ था डॉक्टर की लापरवाही से मां के पूरे शरीर में लकुआ मार गया था डैडी बहुत रोये थे मां को इस हालत में देख के उन्होंने डॉक्टर पर केस भी किया और कोर्ट से हम जीत भी गए मां को बहुत से डॉक्टरों से दिखाया मगर मां की हालत नहीं सुधरी baap beti ki chudai ki kahani
हमने उनके लिए एक नौकरानी रख दी जो उनके सारे काम करती थी बेड पर ही बैठे बैठे मां सुसु पॉटी करती थी नौकरानी ज्यादा काम करती थी कभी कभी डैडी या मुझे भी साफ करना पड़ता था डैडी को सबसे ज्यादा टेंशन रहती थी उन्हें ऑफिस भी देखना पड़ता था और घर भी
मां भी डैडी के साथ रोती थी सच कहूं तो डैडी की सेक्स लाइफ भी खत्म हो गई क्योंकि डॉक्टर ने मना किया था कि मां की कमर पर कोई भी प्रेशर नहीं पड़ना चाहिए वरना उनके प्राण भी जा सकते है वैसे भी मां को कमर के नीचे कोई एहसास नहीं रहता था baap beti ki chudai ki kahani
फिर दिन बीतते गए मैं बड़ी होती गई डैडी मुझे अक्सर अपने बदन से लगा के शाबासी देते थे पहले मुझे अच्छा नहीं लगता था मगर धीरे धीरे मैं भी एन्जॉय करने लगी डैडी मुझे प्यार करने के बहाने अपनी छाती से लगाते और मेरा नया नया चूचि दबा देते
कभी मेरे पीछे खड़े हो कर अपना खड़ा लंड मेरे चूतड़ से सटाने लगते कभी मेरे झुकने पर मेरा छाती देखने लगते कभी मुझे जोर से भींच लेते जिस से मेरी कश्मीरी एप्पल जैसी खड़ी चूचियां डैडी के सीने से चिपकती
ऐसा करने से मुझे बहुत मजा आता शायद डैडी को भी मज़ा आता होगा इसीलिए वो भी मुझे अक्सर जोर से भींच लेते और मैं कसमसा कर रह जाती मगर उस उम्र में जब चूचि नई नई हो रही थी तब कोई उसे छुए या दबाये तो कितना दर्द होता है ये एक लड़की ही बता सकती है baap beti ki chudai ki kahani
कभी कभी मैंने ये भी महसूस किया की डैडी मुझे नहाते वक्त खिड़की से देखने की कोशिश कर रहे हो मगर मैं कभी उन्हें ऐसा करते पकड़ नहीं पाई डैडी जब ये हरकत करते तो मुझे पता नहीं क्या हो जाता था मैं चाह कर भी उन्हें मना नहीं कर पाती थी मगर बाद में मुझे खुद पर और डैडी पर बहुत गुस्सा आता था अब ये सारी हरकते मुझे नागवार गुजर रही थी फिर मैंने एक दिन मां से सब कह दिया
मै – मां डैडी मुझे बहुत गंदे तरीके से छूते हैं मुझे अच्छा नहीं लगता वैसे मुझे अच्छा लगता था
मां ने कहा – बेटी उनसे नफरत ना कर देख वो हमारे लिए इतना कर रहे है अगर उन्होंने दूसरी शादी कर ली तो तुम कहा रहोगी और मैं कहा रहूंगी ? उनका मन भी तो बेचैन होता होगा मगर मैं उनकी इच्छा पूरी नहीं कर सकती जल्दी से तेरी शादी हो जाए और तू ससुराल चली जाए बस यही दुआ है मगर बेटी तू कुछ ऐसा ना करना की बदनामी हो baap beti ki chudai ki kahani
इसका असर ये हुआ की मैं भी चुपचाप कर के डैडी के टच का मज़ा लेने लगी वो मुझे अपनी गोद में बैठाते और मुझे उनका खड़ा लंड जो मेरी गांड में चुभता था बहुत अच्छा लगता वो बात करते करते मेरी छाती छू देते थे मेरे बदन में करंट दौड़ जाता था मैं भी कभी कभी उनका लंड दबा देती जैसे गलती से छुआ हो
डैडी कभी टॉयलेट से बिना टॉवल के नंगे निकाल जाते जिसे मैं देख के भाग जाती मगर उनका खड़ा लंड मुझे अक्सर याद आता रहता वैसे मां तो अक्सर बेड पर ही पड़ी रहती जिसका फायदा हम बाप बेटी जम कर उठा रहे थे वक्त गुजरता गया और मैं 18वें साल में कदम रखने वाली थी और उस दिन मेरा 18वां जन्मदिन था और उस दिन डैडी ने ग्रैंड पार्टी का प्रॉमिस किया था baap beti ki chudai ki kahani
उस दिन ऐसी घटना हुई जिसने मेरा जीवन ही बदल दिया मैं डैडी का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी शाम को 8 बजे डोर बेल बजी मैं दौड़कर डरवाजा खोली हमेशा की तरह डैडी से लिपट गई डैडी ने भी मुझे चिपका लिया डैडी से लिपट कर नखरा कर बोली
मैं – डैडी इतनी देर क्यों कर दी जाईए मैं आप से नहीं बोलती
डैडी मेरे चूतड़ पर थपकी मारकर बोले – मेरी रानी बेटी तो नाराज़ हो गई लो अभी नाराज़गी दूर किए देता हूं
और उनके एक हाथ में जो पॉली बैग था मुझे दिखा कर बोले
डैडी – देखो तो क्या लाया हूं तुम्हारे लिए
मैं खुश होकर डैडी को चूम ली और जोर से लिपट कर बोली – डैडी आप कितने अच्छे है
मैं बैग खोलने लगी तो डैडी बोले – अभी नहीं खोलो इसमें तेरा ड्रेस है इसे पहन कर जन्मदिन का केक काटना ये तेरा जन्मदिन का गिफ्ट है और हां मां को मत बताना के मैं लाया हूं तुम रोज़ रोज़ 18 साल की तो नहीं होने वाली baap beti ki chudai ki kahani
मैं बोली – ओह डैडी केवल ड्रेस ? मेरा खिलौना नहीं लाए ?
डैडी ने गहरी नज़रो से मुझे देखा और चूतड़ को अपने तरफ दबा कर सटाया मेरी जांघ डैडी के जांघो से चिपक गई हमेशा की तरह मेरी चूत डैडी के लंड से जा टकराई मेरी आंखों में आंखे डाल डैडी धीरे से बोले
डैडी – कुछ ही देर बाद तू 18 की हो जाएगी तू तो अब जवान हो गई है खिलौने से तो बच्चे खेला करते है
मैं ठुनक कर बोली – तो मैं किस से खेलूंगी ?
डैडी मेरी गांड पर थपकी मारकर बोले – चिंता क्यों करती है मैं हूं ना मेरे पास है तुम्हारे लिए एक खिलौना चलो देर हो रही है तुम जल्दी से खाना बनाओ 8 बज गए 10 बजे केक काटना है baap beti ki chudai ki kahani
मैं किचन में चली गई थोड़ी देर बाद डैडी किचन में आए और मेरे पीछे सट कर खड़े हो गए मैं थोड़ा झुक कर सब्ज़ी काट रही थी मेरी गांड उभरी हुई थी मैं डैडी का लंड गांड की दरार पर महसूस कर लहरा गई ये पहली बार नहीं था ऐसा अक्सर होता था
जब मुझे लगता था के डैडी किचन में आ रहे है तो मैं जान बुझ कर पहले से ही झुक जाती ताकि डैडी को अपना लंड मेरी गांड पर सटाने में आसानी हो मुझे भी डैडी का लंड जो रोटी बेलने वाला बेलन जैसा लम्बा मोटा था मज़ा देता हां तो डैडी लंड को मेरी गांड में सटाकर बोले
डैडी – मैं बाथरूम जा रहा हूं खाना लगा देना
मैंने देखा डैडी के हाथ में टॉवल साबुन के इलावा एक छोटा सा डब्बा भी था
डैडी – आराम से बनाओ खाना बाथरूम में थोड़ा लेट होगा
ये कह कर डैडी चले गए आधा घंटा के बाद डैडी बाहर आए और बोले
डैडी – जाओ जल्दी से नहा धोकर नया वाला ड्रेस पहन लो
मैंने अंदर जाकर पहले बैग खोला देख कर लाज भी आई और डैडी पर प्यार भी बैग में मिनी स्कर्ट और शर्ट के इलावा एक सादा रंग का पैंटी भी था मैं शावर के पास गई तो उसी डब्बे पर नज़र गई उत्सुकता वश उठा कर देखा जब पता चला तो मैं सनसना गई वो बाल साफ करने का क्रीम था जो आधा खाली था baap beti ki chudai ki kahani
ये सोच कर सनसना गई के डैडी ने अपना झांट चिकना कर लिए है अब मैं समझी के डैडी ने क्यों कहा था के देर होगी मेरी चूत पर भी घने बाल उगे थे क्योंकि कभी साफ नहीं किया था सोचा क्यों ना मैं भी साफ कर लूं जब बाल साफ हो गए तो मेरी चूत खिल उठी चूत पूरी पाव रोटी की तरह फूली हुई थी जो पहले बालो में छुपी होने के कारण दिखती नहीं थी
मैं नहा कर कपड़े पहनने लगी तो पाया की पैंटी बहुत छोटी थी यानि गांड का ऊपर का कुछ भाग खुला रह गया शायद डैडी पहली बार लाए थे इसलिए साइज मालूम नहीं था उसपर मिनी स्कर्ट डाला और फिर शर्ट पहन लिया शर्ट में प्रेस बटन था पहनने में आसानी हुई तभी डैडी की आवाज़ सुनाई दी कितनी देर लगा दी ?
मैं अंदर से ही बोली – हो गया डैडी आती हूं
तो डैडी बोले – ठीक है तुम ऊपर वाले रूम में चली जाना तुम्हारा केक वही रखा है मैं तेरी मां को नींद की दवा खिला कर आता हूं
मैं ऊपर छत पर कमरे में गई वहां का बल्ब ऑफ था बस एक मोमबत्ती जल रही थी मैं समझी के इस रूम का बिजली ख़राब है इसलिए डैडी ने कैंडल जलाया होगा रोशनी इतना कम था के कुछ भी साफ दिखता नहीं था डैडी ने सारा इंतज़ाम कर रखा था टेबल पर 18 कैंडल सजा था baap beti ki chudai ki kahani
तभी डैडी अंदर आए मैंने देखा ये क्या डैडी का बदन तो नंगा था बस एक पतला सा गमछा कमर में लपेट रखा था जो सामने से कुछ उठा था मैं जान गई वो डैडी का प्यारा लंड था जिसमे हल्का तनाव आया हुआ था डैडी ने मुझे अजीब नज़र से देखा और पास आकर बोले
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डैडी – ओह गॉड मेरी बबली तो दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की है
मैं शर्मा कर डैडी से लिपट कर बोली – डैडी भी तो सब से अच्छे है
डैडी का हाथ जहां जाना था जा चूका था डैडी अपने हाथ से मेरा कड़क चूचि दबाने लगे मेरे मुंह से सिसकारी निकाल गई जिसे डैडी ने भी सुन लिया वह मन ही मन खुश हो गए क्यूंकि उन्हें ये अहसास हो गया की मैं भी अब उत्तेजित हो जाती हूं baap beti ki chudai ki kahani
मगर इस बार तो डैडी हद से आगे बढ़ गए डैडी अपना हाथ मिनी स्कर्ट के नीचे से अंदर कर पैंटी पर ले आए जैसे ही उनका हाथ पैंटी के ऊपर खुली गांड पर गया मैं सिहर उठी जिससे डैडी ने भी महसूस किया डैडी का लंड में जो मेरी चूत पर सटा था हल्का सा हरकत हुआ डैडी ने पैंटी के इलास्टिक को ऊपर करने की कोशिश किया और बोले
डैडी – अरे ये तो छोटी पड़ गई बबली तुमने बताया क्यों नहीं की ये छोटी है कोई बात नहीं उतार दो कल चेंज कर देंगे
मैं सिहर कर बोली – उह डैडी कल उतारूंगी
तो डैडी पैंटी के अंदर उंगली को गांड की दरार में दबा कर बोले – नही नहीं कुछ लग जायेगा तो ख़राब हो जायेगी
डैडी ने तो कई बार कपड़े के ऊपर से दरार पर उंगली चलाया था आज पहली बार गांड के अंदर ऐसा किया मेरी गांड में सिकुड़न हुई और डैडी उंगली पैंटी में फंसा कर नीचे कर बोले baap beti ki chudai ki kahani
डैडी – इसे बाहर करो
मैंने पैंटी को बाहर किया तो डैडी हाथ में लेकर देखा की चूत के पास का कपड़ा थोड़ा भीगा हुआ था वो पैंटी को नाक के पास ला कर सूंघने लगे और बोले
डैडी – ये गीला कैसे हो गया रानी बेटी ?
मैं शर्म से लाल हो गई जिसे देख कर डैडी मुस्कुराए और मुझे टेबल के पास खड़ा कर मेरे पीछे आए और बोले
डैडी – कैंडल जलाओ
मैं झुक कर एक एक कर कैंडल जलाने लगी डैडी को जैसे इसी का इंतज़ार था मेरे झुकते ही मेरा मिनी स्कर्ट पीछे से उठ गया और पूरा नंगा चूतड़ डैडी के सामने आ गया डैडी मेरी गांड से सट गए अंदर तो मैं नंगी थी ही डैडी का लंड और मेरी चूत में केवल एक पतला गमछा का पर्दा था मुझे लगा की चूत से कुछ रिस कर बाहर आ रहा था मेरा हाथ कांपने लगा मैं किसी तरह कैंडल जलाई 18 कैंडल जलने पर कुछ रौशनी हुई baap beti ki chudai ki kahani
डैडी मुझे छुरी देकर बोले – बबली अब तुम कुछ ही पल में 18 साल की होकर जवान हो जाओगी चलो कैंडल को जोर से फूंक मारकर बुझाओ
जब डैडी ने कहा की फूंक मारकर कैंडल बुझाओ तो मुझे फिर आगे झुकना पड़ा मेरा रोम रोम सिहर रहा था पता नहीं अब क्या होगा इच्छा हुई वहां से भाग जाऊ मगर पैर थे जो हिलने को तैयार नहीं हुए इसी उधेड़ बुन में मैं जान बूझकर अपने पैरो को थोड़ा फैला कर झुकी
मैं डैडी को पूरी जगह देना चाह रही थी डैडी कोई बच्चे तो थे नहीं उनको भी पता था के मैं क्या चाहती हूं डैडी अपने खड़े लंड को नीचे झुका कर मेरी चूत पर लगा कर बोले
डैडी – आराम से एक एक कर बुझाओ
मैं एक एक कर कैंडल को फूंक से बुझाने लगी उधर डैडी अपना गमछा को जो उनके लंड और मेरे चूत के बीच पर्दा बना था धीरे धीरे सरकाने लगे मेरी तो सांस ही रुक गई मेरा ध्यान उधर ना जाए इसके लिए डैडी बार बार बोलते रहे baap beti ki chudai ki kahani
डैडी – ठीक है सबपे जोर से फूंक मारो
डैडी धीरे धीरे कपड़ा हटाते रहे तभी मैंने महसूस किया के मेरी चूत पर गरम लोहा सट गया मेरी चूत जोर से चुनचुनाने लगी डैडी लंड को चूत की दरार पर एडजस्ट कर बोले
डैडी – क्या हुआ बबली बुझाओ ना
मेरी तो सांसे ही उखड़ने लगी मैं थोड़ा हांफते हुए चूतड़ को लंड पर ठेल कर बोली
मैं – हां डैडी नहीं बुझता है
तो डैडी बोले – अच्छा लाओ मैं ही बुझा देता हूं
डैडी मेरी चूत के पास जांघो पर हाथ रख कर मुझ पर झुक गए और कैंडल पर फूंक मारने लगे तभी मेरी सांस फिर से उखड़ने लगी ऐसा लगा जैसे चूत पर किसी ने गरम रॉड रख दिया हो मैंने महसूस किया की डैडी का लंड मेरी चूत के मुंह पर आ गया है मुझे लगा की मेरी चूत का मुंह खुल रहा है
ये सच था क्योंकि डैडी के दोनों हाथो की उंगलियां चूत के किनारे पर थी और वो चूत फैला रहे थे मैं अपने आपे से बाहर होने लगी डैडी भी आज हद से बाहर हो रहे थे लगा अगर उन्हें अभी नहीं रोका गया तो मामला बहुत आगे हो जायेगा baap beti ki chudai ki kahani
यानी आज मेरी चुदाई निश्चित है मैं अभी चुदवाना नहीं चाहती थी कम से कम शादी तक कुंवारी रहना चाहती थी मगर मेरा शरीर मेरा साथ नहीं दे रहा था मेरी चूत से पानी बहने लगा था मन मुझे रोकना चाहता था मगर बदन और ही कुछ चाहता था baap beti ki sex kahani में आगे क्या हुआ ?
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